बरसात में चिकनगुनिया का खतरा ज्यादा, जानें लक्षण और बचने के उपाय 

बरसात में चिकनगुनिया का खतरा ज्यादा, जानें लक्षण और बचने के उपाय 

देश में इस समय मॉनसून की मौसम सक्रिय है और बारिश भी लगातार जारी है. बारिश का मौसम जहां गर्मी से छुटकारा दिलाता है तो वहीं कई बीमारियों को भी दावत देता है. चिकनगुनिया ऐसी बीमारी है जिसका खतरा मॉनसून में चार गुना तक हो जाता है. कुछ ऐसा ही इस समय भी हो रहा है. चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रहा है.

क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Jul 08, 2024,
  • Updated Jul 08, 2024, 5:13 PM IST

देश में इस समय मॉनसून की मौसम सक्रिय है और बारिश भी लगातार जारी है. बारिश का मौसम जहां गर्मी से छुटकारा दिलाता है तो वहीं कई बीमारियों को भी दावत देता है. चिकनगुनिया ऐसी बीमारी है जिसका खतरा मॉनसून में चार गुना तक हो जाता है. कुछ ऐसा ही इस समय भी हो रहा है. चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रहा है. इस बीमारी की सबसे बड़ी वजह होती है सही खान-पान न होना और सफाई को नजरअंदाज करना. इसकी वजह से जहां संक्रमित व्यक्ति को जान का खतरा तो होता है तो घर के बाकी सदस्य भी इसकी चपेट में आ सकते हैं. ऐसे में अगर इन बीमारियों से बचना है और छुटकारा पाना है तो इन बातों पर खास ध्‍यान देने की जरूरत है. 

चिकनगुनिया और इसके फैलने की वजह 

चिकनगुनिया बुखार एक तरह के वायरस से फैलता है जिसे अल्फा के नाम से जानते हैं. यह वायरस एडिज मच्छर के काटने से फैलता है. चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी भी है. इससे पीड़‍ित  किसी व्‍यक्ति को कोई मच्छर काटता है और फिर वही मच्छर किसी और को काट लेता है तो अल्फा वायरस उस मच्छर की वजह से दूसरे व्यक्ति तक भी पहुंच जाता है.  इस वजह से वह व्यक्ति भी चिकनगुनिया से पीड़ित हो जाता है. मादा मच्छर एडिज Aegypti और एडिज Albopictus मच्छर की प्रमुख प्रजातियां हैं जो इस बीमारी को फैलाती हैं. ये मच्छर दिन में काटते हैं. चिकनगुनिया के वायरस से लैस एक मच्छर अपने जीवन काल में करीब एक दर्जन लोगों को इन्फेक्ट कर सकता है. 

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चिकनगुनिया के लक्षण 

  • तेज बुखार आना. 
  • सिर में तेज दर्द. 
  • मुंह में छाले और उल्टी आना. 
  • भूख में कमी और स्वाद ना आना. 
  • चक्कर आना और कमजोरी महसूस होना. 
  • हाथ, पैर और पीठ में तेज दर्द. 
  • रैशेज या चकत्ते पड़ जाना. 
  • जोड़ों में सूजन और मांसपेशियों में दर्द.

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इससे कैसे बचें 

  • मच्छरों के काटने से बचें. 
  • घर में या आस-पास जल-जमाव ना होने दें. 
  • मच्छरदानी का प्रयोग करें. 
  • दिन में भी मच्छररोधी कॉयल जला कर रखें. 
  • बाहर जाते समय मच्छररोधी क्रीम का प्रयोग करें. 
  • पूरी आस्तीन वाले कपड़े पहनें. 
  • पानी की टंकियों के ढ़क्कन बंद रखें. 
  • सप्ताह में एक दिन टंकी को खाली करें व सुखाने के बाद प्रयोग करें. 

नजदीकी स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र पर जाएं 

अगर आपको भी इस तरह के लक्षण महसूस हो रहा हैं या अपने किसी करीब में नजर आ रहे हैं तो तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जायें और अपना ब्लड टेस्ट जरूर करवायें. टेस्ट करवाने के बाद अगर रिपोर्ट्स नेगेटिव हैं तो परेशानी की कोई बात नहीं है. लेकिन अगर आपकी रिपोर्ट्स पॉजिटिव हैं तो स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सही इलाज के लिए जो जागरुकता अभियान चलाएं जाते हैं उनका फायदा उठाइए. सही परामर्श लें ताकि समस्या और ज्‍यादा गंभीर न बन सकें. पूरी तरह से ठीक होने तक डॉक्टर की सलाह के मुताबिक घर पर ही आराम करें. 

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