Farmers Protest: किसान आंदोलन 2.0 के एक साल पूरे, अब सबकी निगाहें 14 फरवरी की मीटिंग पर

Farmers Protest: किसान आंदोलन 2.0 के एक साल पूरे, अब सबकी निगाहें 14 फरवरी की मीटिंग पर

बैठक में केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के साथ-साथ किसान नेता भी शामिल होंगे और बैठक के नतीजों पर सबकी निगाहें रहेंगी. 'इंडिया टुडे' से बात करते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "हमें बैठक से अच्छे नतीजे की उम्मीद है, लेकिन एक बात पक्की है कि अगर गतिरोध दूर नहीं होता या सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तो हमारा विरोध और आंदोलन जारी रहेगा."

खनौरी बॉर्डर पर जल लेकर पहुंच रहे किसानखनौरी बॉर्डर पर जल लेकर पहुंच रहे किसान
क‍िसान तक
  • Chandigarh,
  • Feb 12, 2025,
  • Updated Feb 12, 2025, 7:24 PM IST

किसान आंदोलन 2.0 के एक साल पूरे होने पर अब सबकी निगाहें 14 फरवरी को केंद्र सरकार और किसान यूनियनों के बीच होने वाली बैठक पर टिकी हैं. गौरतलब है कि किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) पिछले एक साल से खनौरी और शंभू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस विरोध प्रदर्शन के जरिये वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की लीगल गारंटी सहित कई मांगों के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं. इन मांगों को लेकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल दो महीने से भी ज्यादा वक्त से अनशन कर रहे हैं.

आंदोलन और विरोध प्रदर्शन करने वाले किसान कृषि लोन माफी के साथ-साथ कानूनी एमएसपी गारंटी की मांग कर रहे हैं और उनकी अन्य मांगों की लिस्ट भी है. पिछले साल 13 अप्रैल को किसानों ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पार करने का प्रयास किया था क्योंकि वे दिल्ली जाना चाहते थे. हालांकि, हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस और फोर्स का इस्तेमाल किया था.

तब से ही किसान दोनों बॉर्डर पर बैठे हुए हैं. इतना ही नहीं, किसान नेता जगजीत डल्लेवाल 79 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं. हालांकि, एक बड़ी राहत तब मिली जब केंद्र सरकार ने गतिरोध दूर करने के लिए 14 फरवरी को चंडीगढ़ में किसान मजदूर मोर्चा और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) दोनों के साथ बैठक करने का फैसला किया.

सरकार और किसान संगठनों में वार्ता

बैठक में केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के साथ-साथ किसान नेता भी शामिल होंगे और बैठक के नतीजों पर सबकी निगाहें रहेंगी. 'इंडिया टुडे' से बात करते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "हमें बैठक से अच्छे नतीजे की उम्मीद है, लेकिन एक बात पक्की है कि अगर गतिरोध दूर नहीं होता या सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तो हमारा विरोध और आंदोलन जारी रहेगा."

उन्होंने कहा कि अगर वार्ता नाकाम रही तो हम 25 फरवरी को 101 किसानों का जत्था दिल्ली भेजेंगे. विशेष रूप से, एसकेएम नेशनल और किसान मजदूर मोर्चा के बीच एक एकता बैठक हुई और ऐसा लगता है कि वे जल्द ही संयुक्त कार्यक्रम लेकर आ सकते हैं. हालांकि, एसकेएम (गैर राजनीतिक) का कोई प्रतिनिधि इस बैठक में नहीं पहुंचा और पंढेर ने बताया कि वे कुछ व्यस्त कार्यक्रमों के कारण गैर मौजूद थे.

एकता बैठक के बारे में बताते हुए किसान नेता जोगिंदर उग्राहन ने कहा, "हम आगे बढ़ चुके हैं और संभावना है कि हम संयुक्त आंदोलन की घोषणा कर सकते हैं क्योंकि किसानों के मुद्दे वास्तविक हैं." उन्होंने कहा कि संयुक्त कार्यक्रमों की घोषणा करने से पहले हम एक और दौर की बैठक करेंगे.(असीम बस्सी का इनपुट)

 

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