देश के कई राज्यों में जहां मॉनसून एक्टिव है और पहाड़ी राज्यों में जमकर बारिश हो रही है. मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली-NCR में बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, लद्दाख, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, दक्षिण भारत और नॉर्थ ईस्ट में इस बार अच्छी बारिश होगी. मौसम के अलावा आप यहां किसानों को मिलने वाली सरकारी स्कीम के फायदे और अन्य किसानों से जुड़ी खबरें पढ़ सकते हैं.
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सस्य विज्ञान विभाग एवं खरपतवार अनुसंधान निदेशालय जबलपुर द्वारा संयुक्त रूप से 16 से 22 अगस्त तक गाजर घास उन्मूलन जागरूकता सप्ताह मनाया गया. यह जानकारी देते हुए अनुसंधान निदेशक डॉ राजबीर गर्ग ने बताया कि प्रकृति में अत्यंत महत्वपूर्ण वनस्पतियों के अलावा कुछ वनस्पतियां ऐसी भी है जो धीरे-धीरे एक अभिशाप का रूप लेती जा रही है. बरसात का मौसम शुरू होते ही गाजर की तरह की पत्तियों वाली एक वनस्पति काफी तेजी से बढऩे और फैलने लगती है. इसे गाजर घास, या चटक चांदनी आदि के नाम से जाना जाता है. गाजर घास को सभी के लिए गंभीर समस्या बताते हुए उन्होंने कहा कि यह पूरे वर्ष भर खाली स्थान एवं अनुपयोगी भूमि पर उगता और फलता फूलता रहता है.
जूनागढ़ के केशोद में बामणासा गांव में भारी बारिश के चलते किसानों के कच्चे मकान के पानी में बह गए हैं. केशोद के ही मालबापा मंदिर में घुटनों तक पानी भर गया, ओजत नदी से आए जल प्रवाह में मेंदरडा में हाल ही में बने पुल पूरी तरह बह गया जिसका मुआयना करने पहुंचे जिला प्रशासक अधिकारी. केशोद के बामणासा घेड गांव में ओझत नदी का बांध टूटने की घटना से किसान का कच्चा मकान पानी में बह गया. ओझत नदी किनारे रहने वाले किसान का यह कच्चा मकान बह जाने से मकान में रखे खेत के औज़ार, पशुओं का चारा, घर का सामान और संग्रहित अनाज भी पानी में बह गया. किसान स्वयं पक्के मकान में रहते थे, जबकि इस कच्चे मकान में वे पशुओं को बांधते थे. बांध टूटने के बाद पशुओं को सुरक्षित बचा लिया गया. आसपास के अन्य मकानों को भी नुकसान पहुंचने की आशंका है. इसके चलते स्थानीय लोगों ने नदी किनारे रहने वाले किसानों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है.दूसरी ओर मानकवाडा में नागदेवता का मंदिर पूरी तरह जलमग्न हो गया तो मेंदरडा में समाधियाला गांव से जुड़ते पुल का हाल ही में निर्माण हो रहा था. ओजत नदी के जलप्रवाह में पूरा पुल बिस्मार स्थिति में हो गया जिसका मुआयना करने जिला प्रशासक अधिकारी पहुंचे, जो कि जिला प्रशासक अधिकारी ने बताया कि बारिश के रुकने स्थिति नियंत्रण में है. जूनागढ़ में 92 फीसदी बारिश हो चुकी है और बड़े दस बांध है जो सभी ओवरफ्लो हो चुके है. 600 लोगो को शेल्टर होम में रखा गया है, मांगरोल में 25 जब की केशोद में 50 लोगो का स्थानांतर किया गया है,72 गांव असर ग्रस्त हुए है,74 गांव से संपर्क टूट चुका है। पर दोपहर से बारिश रुकने से स्थिति सामान्य हो रहीं है.
चमोली जिले के थराली कस्बे में रात भर हुई भारी बारिश के कारण एक बरसाती नाले में बाढ़ आ गई और कई घरों और बाजारों में मलबा जमा हो गया, एक अधिकारी ने शनिवार को कहा. टुनरी गधेरा, एक सूखी नहर जो अतिरिक्त वर्षा जल को प्रवाहित करती है, पिंडर नदी में मिलने से पहले तहसील कार्यालय को भी मलबे से भर दिया. पास के सागवाड़ा और चेपडन बाजार क्षेत्रों में दो लोग लापता हो गए. अधिकारी ने कहा कि 20 साल कविता, सागवाड़ा से लापता बताई गई है और चेपडन में एक और व्यक्ति लापता है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विनाश पर दुख जताया है. चमोली के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट विवेक प्रकाश ने कहा कि थराली और आसपास के इलाकों में संरचनाओं को भारी नुकसान हुआ है. अधिकारी ने कहा कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और पुलिस की टीमों को शुक्रवार रात घटनास्थल पर भेजा गया था, चमोली जिला आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार, थराली को जोड़ने वाला कर्णप्रयाग-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग मिंग गधेरा के पास मलबा आने के कारण बंद कर दिया गया है. थराली-सागवाड़ा मोटर मार्ग और डुंगरी मोटर मार्ग भी ब्लॉक हो गए हैं. सरकार के आदेश पर शनिवार को तीन विकासखंडों में स्कूल बंद रहे. धामी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, 'मैं खुद स्थिति पर करीब से नजर रख रहा हूं. मैं ईश्वर से सभी की सुरक्षा की प्रार्थना करता हूं.' यह घटना राज्य के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने से मची तबाही के कुछ हफ्ते बाद हुई है. इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कम से कम 65 लोग लापता हो गए थे. चमोली से करीब 264 किलोमीटर दूर धराली में अचानक आई बाढ़ ने तबाही मचा दी, जिससे पहाड़ी गांव का आधा हिस्सा कीचड़, मलबे और पानी के तेज बहाव में दब गया. यह गांव गंगा के उद्गम स्थल गंगोत्री जाने वाले रास्ते का मुख्य पड़ाव है और यहां कई होटल और होमस्टे हैं.
महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में पिछले पांच दिनों से लगातार भारी बारिश और बादल फटने से कई गांव बाढ़ चपेट में आ गए हैं. आसमान से बरसी आफत वाली बारिश ने कई जिंदगियों को तबाह कर दिया है. दरअसल, मुखेड़ तहसील स्थित हसनाल गांव में बाढ़ से पांच ओर धडकनाल गांव में तीन लोग की मौत हो गई है. इसके अलावा बाढ़ में 200 से ज्यादा जानवर भी पानी में बह गए हैं. साथ ही इस क्षेत्र के लाखों एकड़ में लगी कई फसलें बर्बाद हो गई हैं.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाढ़ प्रभावित सुल्तानपुर लोधी का दौरा किया लेकिन उन्होंने मीडिया से दूरी ही बनाई रखी. दूसरी और सीएम भगवंत मान बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में जाने से पहले बने पुल पर ही प्रशासन की ओर से तय नक्शे को देख चलते बने जिससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के किसानो ने उनके खिलाफ अपनी नाराजगी का प्रदर्शन किया.
उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली कस्बे में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ में दो लोग लापता हो गए. एक बरसाती नाले के भर जाने से थराली तहसील कार्यालय और आसपास के घरों में मलबा जमा हो गया. चमोली जिला प्रशासन ने बताया कि शुक्रवार रात हुई बारिश के बाद सागवाड़ा गांव में मलबे में 20 वर्षीय एक महिला दब गई. दूसरा व्यक्ति चेपडोन बाजार क्षेत्र से लापता है. तुनरी गधेरा में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है और मलबा पिंडर नदी के पास की संरचनाओं तक पहुंच गया है. बारिश के कारण थराली को जोड़ने वाला कर्णप्रयाग-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग मिंग गधेरा के पास मलबा आने के कारण बंद हो गया है. थराली-सागवाड़ा मार्ग और डुंगरी मार्ग भी यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। सरकार के आदेश पर तीन विकास खंडों में स्कूल बंद रहे. 50 से ज्यादा छोटे बड़े वाहन मलबे में दब गए हैं ,सड़के भूस्खलन से पूरी तरह बन्द है. थराली मेप मार्केट में 108 सहित 5 गाड़िया मलबे में दफन हैं ,सड़कें टूट चुकी हैं. पैदल आवाजाही में ही बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. क्षेत्र में मोबाइल फोन नेटवर्क और कम्युनिकेशन के दूसरे माध्यम भी बंद हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को नई दिल्ली के पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) परिसर में राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन (एनएनएफएम) का शुभारंभ करने वाले थे लेकिन अब इस कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक्स पर एक पोस्ट लिखकर इसकी जानकारी दी. उन्होंने लिखा है, 'प्रिय किसान साथियों, प्राकृतिक खेती मिशन के शुभारंभ हेतु 23 अगस्त को प्रस्तावित कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है. कार्यक्रम के संबंध में नई तिथि और विस्तृत जानकारी शीघ्र ही आपके साथ साझा करेंगे। धरती की उर्वरता और आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित रखने के लिए प्राकृतिक खेती का अभियान अविराम गति से आगे बढ़ेगा.' इस मिशन का मकसद टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देकर भारतीय कृषि में क्रांति लाना है. साथ ही किसानों की लागत कम करना और मृदा स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है.
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राज्य में रोज़ाना छह किसान आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन महायुति सरकार ने कोई चिंता नहीं दिखाई है. सपकाल ने पत्रकारों से बात करते हुए, देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार की कृषि ऋण माफी में देरी के लिए आलोचना की. उन्होंने कहा, 'यह सरकार न केवल गैंडे की तरह मोटी चमड़ी वाली है, बल्कि अंधी, गूंगी और बहरी भी है. किसानों का दर्द उनके लिए कोई मायने नहीं रखता. यह भाजपा गठबंधन सरकार किसान विरोधी है। देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार किसानों की ऋण माफी पर हस्ताक्षर करने के लिए कलम क्यों नहीं उठाते?' कांग्रेस नेता ने अहिल्यानगर के नेवासा तालुका के किसान बाबासाहेब सुभाष सरोदे का उदाहरण दिया, जिन्होंने आत्महत्या कर ली थी.
उत्तरकाशी जिले के स्यानाचट्टी में बनी कृत्रिम झील का जलस्तर लगभग पांच से छह फुट कम हो गया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नदी में अवरोध गुरुवार शाम को हुआ, जब पहाड़ियों से शहर में पत्थर गिरे, जिससे यमुना नदी का बहाव बाधित हो गया. अधिकारियों ने बताया कि ब्लॉक्ड पानी को छोड़ने की कोशिशें की जा रही हैं. राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग और अन्य एजेंसियां मौके पर मौजूद हैं. संचालन केंद्र के अनुसार, झील से पानी लगातार निकल रहा है और अब तक इसका जलस्तर पांच-छह फुट कम हो गया है. हालांकि, बरसाती नाले से मलबा अभी भी लगातार बह रहा है. केंद्रीय जल आयोग की एक टीम भी स्यानाचट्टी में मौजूद है और यमुना के जलस्तर पर नजर रख रही है. देहरादून स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, कृत्रिम झील के कारण कस्बे के घर, होटल और अन्य इमारतें पहले ही पानी में डूब चुकी हैं. यह शहर उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के एक महत्वपूर्ण हिस्से यमुनोत्री के रास्ते में स्थित है. इसके अलावा, कस्बे का पुल लगभग पूरी तरह पानी में डूब गया है, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हो रही है. एसईओसी के अनुसार, इस इलाके में 40 से ज्यादा घर और होटल हैं और करीब 300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इस बीच, स्थानीय लोगों ने झील के उथले पानी में खड़े होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.
सवाई माधोपुर जिले में शुक्रवार को भारी बारिश के कारण आए उफान में एक कार के बह जाने से 20 वर्षीय एक युवक की मौत हो गई। इंदौर के मोंटी तंवर राष्ट्रीय राजमार्ग 552 पर कुशालीदर्रा में पानी के तेज बहाव में डूब गए. पुलिस उपाधीक्षक (ग्रामीण) पिंटू कुमार ने बताया, 'मोंटी अपने परिवार को निवाई में छोड़कर इंदौर जा रहे थे, तभी यह हादसा हुआ. बाकी लोगों की तलाश जारी है.' प्रशासन ने घोषणा की है कि लगातार हो रही बारिश को देखते हुए चित्तौड़गढ़, बारां, टोंक, सवाई माधोपुर, झालावाड़, कोटा, बूंदी, डूंगरपुर और भीलवाड़ा जिलों में शनिवार को स्कूल बंद रहेंगे. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने टोंक, कोटा, सवाई माधोपुर, बूंदी और दौसा जिलों के कलेक्टरों के साथ फोन पर बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस प्रशासन को सतर्क रहने और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. गुरुवार रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने सवाई माधोपुर में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है और बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. कई रिहायशी बस्तियां पानी में डूब गईं, यातायात बाधित हुआ और जिले में सभी रेल सेवाएं स्थगित कर दी गईं. एक वन अधिकारी ने बताया कि रणथंभौर टाइगर रिज़र्व में पर्यटक सफारी रद्द कर दी गई हैं। सुरवाल बांध पर 8-10 लोगों को ले जा रही एक नाव डूब गई. ग्रामीणों ने तीन लोगों को बचा लिया, जबकि अन्य की तलाश जारी है. पुलिस उपाधीक्षक (शहर) उदय सिंह ने कहा, 'बचाव दल अभियान जारी रखे हुए हैं और लापता लोगों का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं.'
उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली क्षेत्र में शुक्रवार की आधी रात के बाद बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई. इस घटना से थराली कस्बे, आसपास के गांवों और बाजारों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. भारी बारिश और मलबे से कई घरों, दुकानों और सड़कों को नुकसान पहुंचा है. प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. बादल फटने का सबसे ज्यादा असर थराली बाजार, कोटदीप और तहसील परिसर में देखने को मिला. यहां तहसील परिसर, एसडीएम आवास और कई घरों में मलबा घुस गया. तहसील परिसर में खड़ी कई गाड़ियां मलबे में दब गईं. कस्बे की सड़कों पर इतना मलबा भर गया कि वह तालाब जैसी नजर आने लगीं. पास के सागवाड़ा गांव में मलबे के कारण एक युवती की दबकर मौत हो गई.भारी बारिश और मलबे के कारण थराली-ग्वालदम मार्ग मिंग्गदेरा के पास बंद हो गया है. इनके अलावा, थराली-सागवाड़ा मार्ग भी बाधित है. इन दोनों मार्गों के बंद होने से क्षेत्र में आवाजाही ठप हो गई है और लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
स्थानीय मौसम विभाग ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के एक से सात जिलों में अगले चार दिनों तक भारी बारिश की येलो चेतावनी जारी की है. शुक्रवार शाम तक 24 घंटों में राज्य में मानसून की सक्रियता कमजोर रही. धौलाकुआं में 31 मिमी, मनाली में 18 मिमी, कुफरी में 14.6 मिमी, धर्मशाला में 12 मिमी, बाजुरा में 11 मिमी, नाहन में 7.2 मिमी और ओलिंडा में 6.4 मिमी बारिश दर्ज की गई. मौसम विभाग के अनुसार, रिकांग पियो और कुकुमसेरी में 37 से 56 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं. अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि हाल के दिनों में हुई बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग 305 (ऑट से सैंज रोड) सहित कुल 317 सड़कें बंद हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि इनमें से 157 सड़कें मंडी ज़िले में और 106 कुल्लू जिले में बंद हैं. उन्होंने बताया कि 110 बिजली आपूर्ति ट्रांसफार्मर और 131 वॉटर सप्लाई स्कीम पर असर पड़ा है.
अधिकारियों ने बताया कि 20 जून को हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की शुरुआत के बाद से, राज्य को बारिश से जुड़ी घटनाओं के कारण 2,326 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 74 बार अचानक बाढ़, 39 बार बादल फटने और 74 बड़े भूस्खलन की घटनाएँ हुई हैं। लगभग 149 लोगों की मौत हो चुकी है और 38 लोग लापता हैं.
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने शुक्रवार को उत्तराखंड के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया, जिसमें राज्य के विभिन्न स्थानों पर गरज के साथ छींटे पड़ने/बिजली गिरने और बहुत तेज बारिश का अनुमान लगाया गया है.
यह अलर्ट जारी किया गया है, जो शनिवार दोपहर तक प्रभावी रहेगा. मौसम विभाग के अनुसार, 'अगले 24 घंटों में (22.8.2025, दोपहर 2:05 बजे से 23.8.2025, दोपहर 2:05 बजे तक ऑरेंज अलर्ट) देहरादून, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, नैनीताल, अल्मोड़ा और उधम सिंह नगर के विभिन्न स्थानों जैसे कोटद्वार, ऋषिकेश, गंगोत्री, काशीपुर, केदारनाथ, जोशीमठ, मसूरी, मुनस्यारी, लोहाघाट, रानीखेत, खटीमा और आसपास के क्षेत्रों में गरज/बिजली गिरने और बहुत तेज़ बारिश की संभावना है.' जब भारी बारिश की आशंका हो, तो ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है, जो आमतौर पर 24 घंटों के भीतर 115.6 मिमी से अधिक और 204.4 मिमी तक हो सकती है.
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में गरज के साथ बारिश की संभावना जताई है. शुक्रवार को शहर का अधिकतम तापमान 34.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से एक डिग्री कम है. शुक्रवार शाम तक 24 घंटों में दिल्ली में 0.1 मिमी बारिश हुई. आईएमडी ने शनिवार के लिए न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 31 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान जताया है, साथ ही अगले कुछ दिनों तक बारिश और गरज के साथ बारिश जारी रहने की संभावना है.