उत्तर भारत में सर्दियों की दस्तक के साथ ही मौसम पूरी तरह से बदल चुका है और बदल चुका है किसानों के लिए बुआई का सीजन. पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में शीतलहर के साथ ही किसान भी रबी की फसलों की बुआई में जुट गए हैं. मौसम विभाग (IMD) ने इस बार कड़ाके की ठंड को लेकर अलर्ट जारी किया है और किसानों को तैयार रहने की सलाह दी है. वहीं दूसरी ओर कर्नाटक और तमिलनाडु समेत दक्षिणी राज्यों में बारिश का सिलसिला जारी है. देश में रबी का सीजन की फसलों की बुआई जोर-शोर से जारी है तो खरीफ फसलों की खरीद का काम भी एक तरफ चल रहा है. आपको खाद-बीज से लेकर, खेती और गार्डनिंग के टिप्स और किसानों के लिए जरूरी सरकारी योजनाओं की जानकारियां और देशभर में हो रहे बड़े घटनाक्रमों की हर अपडेट भी इस लाइव और लगातार अपडेट के साथ मिलती रहेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कोयंबटूर में पीएम किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त भी ट्रांसफर करेंगे और उससे जुड़े अपडेट्स भी आपको यहां पर मिलते रहेंगे.
पंजाब के जालंधर में किसानों ने शुगर मिल शुरू न होने और अन्य मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन आज माझा और दोआबा के किसानों द्वारा सभी जिलों के डीसी दफ्तरों के बाहर दिया गया. किसानों ने प्रदर्शन में अपनी नाराजगी व्यक्त की और सरकार को अल्टीमेटम दिया. किसानों ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा शुगरकेन बोर्ड का गठन नहीं किया गया है, जबकि इसका कार्यकाल अप्रैल माह में समाप्त हो चुका है। बोर्ड के गठन के बिना शुगर मिल नहीं चलाई जा सकतीं. किसानों के अनुसार, नवंबर महीने की 18 तारीख हो चुकी है, लेकिन न तो बोर्ड का गठन हुआ है और न ही सरकार ने इस संबंध में कोई बैठक की है.
यूपी के गोरखपुर के एक गांव में रैबीज संक्रमित गाय की 2 दिन पहले हुई मौत के बाद से दहशत फैल गई है. कुछ दिन पहले भी गांव में आयोजित धार्मिक अनुष्ठान में इस गाय के कच्चे दूध का पंचामृत बनाया गया था जिसे गांव के लगभग 200 लोगों ने आस्था के साथ ग्रहण किया था. धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन करने वाले जजमान के घर वालों और रिश्तेदारों ने भी पंचामृत का सेवन किया था. दो दिन पहले गाय की मौत के बाद डॉक्टरों ने दूध का सेवन करने वाले सभी लोगों को रेबीज का इंजेक्शन लगवाने की सलाह दी है. ऐसे में अब ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. बताया जा रहा है कि गाय को दो से तीन माह पहले किसी पागल कुत्ते ने काट लिया था, जिसके बाद कुछ दिन पूर्व से ही वह अजीबो-गरीब हरकत कर रही थी. डॉक्टरों ने भी गाय के अंदर रेबीज के लक्षण बताए थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आंध्र प्रदेश के पुट्टापार्थी में सुबह लगभग 10 बजे भगवान श्री सत्य साईं बाबा के पवित्र तीर्थस्थल और महासमाधि पर जाकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करेंगेे. प्रधानमंत्री सुबह लगभग 10:30 बजे भगवान श्री सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह में भाग लेंगे. वे इस अवसर पर भगवान श्री सत्य साईं बाबा के जीवन, शिक्षाओं और शाश्वत विरासत को समर्पित स्मारक सिक्का और डाक टिकटों का सेट जारी करेंगे. वे इस कार्यक्रम के दौरान उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे.इसके बाद प्रधानमंत्री तमिलनाडु के कोयंबटूर जाएंगे. वहां वे लगभग 1:30 बजे दिन में दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन 2025 का उद्घाटन करेंगे. इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री देश भर के 9 करोड़ किसानों को सहायता प्रदान करने के लिए पीएम-किसान योजना की 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की 21वीं किस्त जारी करेंगे. प्रधानमंत्री इस अवसर पर वहां उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे. दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन 2025 तमिलनाडु प्राकृतिक कृषि हितधारक मंच की ओर से 19 से 21 नवंबर 2025 तक आयोजित किया जा रहा है. इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य टिकाऊ, पर्यावरण-अनुकूल और रसायन-मुक्त कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना तथा भारत में कृषि के भविष्य के लिए व्यावहारिक, जलवायु-अनुकूल और आर्थिक रूप से टिकाऊ मॉडल के रूप में प्राकृतिक और फिर से विकास योग्य कृषि की ओर परिवर्तन को गति प्रदान करना है.यह शिखर सम्मेलन किसान और उत्पादक संगठनों तथा ग्रामीण उद्यमियों के लिए बाज़ार संपर्क का निर्माण करने पर भी केंद्रित होगा. साथ ही इसमें जैविक इनपुट, फूड प्रोसेसिंग, पर्यावरण-अनुकूल पैकेजिंग और स्वदेशी तकनीकों में इनोवेशंस का प्रदर्शन भी किया जाएगा. इस कार्यक्रम में तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल, तेलंगाना, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के 50,000 से अधिक किसान, प्राकृतिक कृषि व्यवसायी, वैज्ञानिक, ऑर्गेनिक इनपुट सप्लायर्स, विक्रेता और हितधारक भाग लेंगे.
केंद्र सरकार ने किसानों की लंबे समय से अटकी उस मांग को आखिरकार मंजूर कर लिया है जिसके तहत जानवरों से होने वाले नुकसान को भी बीमा के दायरे में लाना था. केंद्र सरकार ने मंगलवार को ऐलान किया है कि अगले खरीफ सीजन से जंगली जानवरों के हमले से होने वाले फसल नुकसान और बाढ़ के कारण धान को होने वाले नुकसान को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत कवर किया जाएगा. इसी तरह, बाढ़ संवेदनशील इलाके और तटीय राज्यों में धान के किसान भारी बारिश और जलमार्गों के उफान के कारण बार-बार जलभराव से नुकसान झेलते रहे हैं. फसल बीमा योजना में जलभराव को शामिल करने से किसानों को मुआवजे का दावा करने में मदद मिलेगी.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र को मौसम विज्ञान, पूर्वानुमान नवाचार और गंभीर मौसम चेतावनी प्रणालियों में उनके योगदान के लिए भारतीय मौसम विज्ञान सोसायटी (आईएमएस) द्वारा सर गिल्बर्ट वॉकर पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया है. मंगलवार को जारी एक बयान में, आईएमडी ने कहा कि यह प्रतिष्ठित पुरस्कार, जिसे सर गिल्बर्ट वॉकर स्वर्ण पदक के रूप में भी जाना जाता है, नई वायुमंडलीय घटनाओं की खोज, मौसम प्रक्रियाओं की वैज्ञानिक समझ को आगे बढ़ाने और समाज के लिए लाभकारी सेवाओं के विकास में आजीवन उपलब्धियों को मान्यता देता है. आईएमडी के मौसम विज्ञान महानिदेशक, महापात्र को 2007 से भारत की चक्रवात चेतावनी प्रणाली के आधुनिकीकरण के लिए भारत के साइक्लोन मैन ऑफ इंंडिया' का टाइटल मिला हुआ है. इससे साइक्लोन प्रोन जोन में पूर्वानुमान सटीकता और तैयारियों में बड़ी छलांग लगी है.12 अगस्त, 1965 को ओडिशा के भद्रक जिले में जन्मे, महापात्र ने अपने करियर के शुरुआती दिनों में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) में और कुछ समय के लिए व्याख्याता के रूप में भी काम किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 नवंबर को यहां दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे और इस अवसर पर किसानों को 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता भी जारी करेंगे. पीएम-किसान योजना की 21वीं किस्त, जो जारी की जाएगी, देश भर के 9 करोड़ किसानों को सहायता प्रदान करेगी. हर पात्र किसान को तीन समान किस्तों में सालाना 6,000 रुपये सीधे उनके बैंक खातों में जमा किए जाएंगे. प्रधानमंत्री पुट्टपर्थी में दिवंगत आध्यात्मिक गुरु श्री सत्य साईं बाबा के शताब्दी समारोह में भाग लेने के बाद आंध्र प्रदेश से दोपहर 1.30 बजे दक्षिण भारत की कपड़ा राजधानी पहुंचेंगे. प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'यह शिखर सम्मेलन इस क्षेत्र में काम कर रहे कई किसानों, शोधकर्ताओं और नवप्रवर्तकों को एक साथ लाता है. टिकाऊ, पर्यावरण-अनुकूल और रसायन-मुक्त कृषि पद्धतियों पर जोर वाकई सराहनीय है.' उन्होंने आगे कहा कि यह आयोजन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पीएम-किसान योजना की 21वीं किस्त 'देश भर के मेहनती किसानों' को जारी की जाएगी.