देश के कई राज्यों में जहां मॉनसून एक्टिव है और पहाड़ी राज्यों में जमकर बारिश हो रही है. मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली-NCR में बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, लद्दाख, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, दक्षिण भारत और नॉर्थ ईस्ट में इस बार अच्छी बारिश होगी. मौसम के अलावा आप यहां किसानों को मिलने वाली सरकारी स्कीम के फायदे और अन्य किसानों से जुड़ी खबरें पढ़ सकते हैं.
राजधानी दिल्ली के यमुना के जलस्तर में मामूली कमी आई है. हालांकि अभी भी यमुना 207 मीटर के पर बह रही है और इस वजह से कई इलाकों में पानी घुसा हुआ है. वहीं दिल्ली के मदनपुर खादर इलाके में खेती की पूरी जमीन शुक्रवार को भी पानी में डूबी हुई नजर आ रहीं है. मदनपुर खादर इलाके में तीन से चार किलोमीटर के क्षेत्र में सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा हैं. हजारों बीघे की फसल पानी में डूबने के कारण खराब हो गई है. आपको बता दें कि राजधानी दिल्ली के मदनपुर खादर इलाके में तीन चार किलोमीटर के क्षेत्र के हजारों बीघे जमीन पर फसल उगाई जाती है और यह डूबने की वजह से खराब हो गई है. हालांकि यमुना के जलस्तर में आ रही मामूली गिरावट के बाद लोगों को आशा है कि अगले एक-दो दिनों में पानी कम हो जाएगा और खेतों से पानी उतर जाएगा.
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा नए सेक्टर बसाए जाने को लेकर किसानों ने जहां इसका विरोध करना शुरू कर दिया है. वहीं अब यह मामला राजनीतिक रंग लेने लगा है. कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े रोहित नागर ने भी अब किसानों के पक्ष में आवाज बुलंद करनी शुरू कर दी है. किसानों ने कहा कि जो जमीनें 2008 में अधिग्रहीत की गई थी, उनका मुआवजा भी अभी तक नहीं मिल पाया है. ऐसे में जब अब जमीनें अधिग्रहीत की जाएंगी तो मुआवजा कब मिलेगा. इसके अलावा किसान अब अपनी जमीन देने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है.
पंजाब के लुधियाना में सतलुज नदी से बाढ़ का खतरा बना हुआ है. सतलुज पर गांव ससराली के पास बने बांध में बीते 48 घंटों से दरार पड़ने का खतरा बना हुआ है. शुक्रवार दिन भर में बांध पर 16 फुट का कटाव हो चुका है, जिसके बाद किसानों के खेतों में सिंचाई के लिए बनाए ट्यूबवैल के कमरे बह चुके हैं. पानी आगे बढ़ते हुए रिंग बांध तक पहुंच चुका है.
ये नया रिंग बांध मुख्य बांध से 700 मीटर दूरी बनाया गया, ताकि पानी के तेज बहाव को कांट्रोल करने के लिए बनाया गया. हालात को देखते हुए यहां आर्मी और NDRF की टीमें तैनात की गई हैं. प्रशासन की तरफ से बांध को कटाव से रोकने की काफी कोशिश की गई लेकिन कामयाब नहीं हो पा रहे हैं.
बता दें कि अगर यहां से पानी निकला तो लुधियाना के 14 गांव बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे. इसके अलावा शहरी इलाके राहों रोड, टिब्बा रोड, ताजपुर रोड, नूरवाला रोड और समराला चौक तक पानी पहुंच सकता है. वहीं साहनेवाल के धनांसू इलाके में भी पानी भरने की आशंका है, जिससे 50 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हो सकते हैं.
भारत में मखाने की खेती अब सिर्फ़ बिहार और मणिपुर तक सीमित नहीं रहेगी. भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में इसकी ऐतिहासिक शुरुआत हो चुकी है. यह पहल न सिर्फ़ किसानों की ज़िंदगी बदलने जा रही है, बल्कि उत्तर प्रदेश को देश की मखाना उत्पादन सूची में खास पहचान दिलाने की तैयारी भी है.
नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय, अयोध्या में पहली बार मखाने की खेती की आधिकारिक शुरुआत हो गई है. माना जा रहा है कि यह कदम प्रदेश की कृषि क्रांति में एक नया अध्याय जोड़ने वाला साबित होगा.
गुजरात में बीते 24 घंटों के दौरान 33 जिलों के 198 तालुका में बारिश दर्ज की गई. सबसे ज्यादा बारिश तापी जिले के डोलवान तालुका में 6.46 इंच, सूरत के बारडोली में 5.31 इंच और तापी के वालोद में 5 इंच दर्ज हुई. मौसम विभाग ने आज राज्य के सुरेन्द्रनगर, महेसाणा, बनासकांठा, साबरकांठा और अरवल्ली जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. वहीं गांधीनगर, खेड़ा, मोरबी, राजकोट, बोटाद, महीसागर और पाटन जिलों में ऑारेंज अलर्ट घोषित किया गया है. बारिश के अलर्ट और मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए कल रात धरोई डेम से साबरमती नदी में 25,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसके बाद अहमदाबाद में नदी का जलस्तर बढ़ गया. जलस्तर को नियंत्रित रखने के लिए वासना बेरेज के 13 दरवाजे 4 फीट तक खोले गए। इसी तरह, नर्मदा जिले में स्थित सरदार सरोवर बांध में पानी बढ़ने से 23 गेट खोल दिए गए हैं. वडोदरा के आजवा सरोवर से पानी छोड़े जाने के बाद विश्वामित्री नदी और महीसागर नदी में जलस्तर बढ़ा है, जिसके चलते आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. अब तक के मॉनसून सीजन में गुजरात में 98.85 प्रतिशत बारिश दर्ज की जा चुकी है. क्षेत्रवार आंकड़ों पर नजर डालें तो दक्षिण गुजरात में 105.44 फीसदी, मध्य-पूर्व गुजरात में 103.58 फीसदी, उत्तर गुजरात में 98.25 फीसदी, कच्छ में 92.55 फीसदी और सौराष्ट्र में 88.11 फीसदी बारिश रिकॉर्ड की गई है.
यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ यानि की चारधाम यात्रा करने वालों के लिए अच्छी ख़बर आई है. भारी बारिश और ख़राब मौसम की वजह से चारधाम की यात्रा का रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया गया था. लेकिन अब इसके लिए रजिस्ट्रेशन आज (शनिवार) से एक बार फिर से शुरू हो गई है. उत्तराखंड सरकार ने मौसम में सुधार और स्थानीय परिस्थितियों के मद्देनजर ये निर्णय लिया है ताकि हिंदू श्रद्धालु अपने पवित्र तीर्थ स्थानों की यात्रा कर सकें. जो भी यात्री चारधाम की यात्रा करना चाहते हैं वो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मौसम और स्थानीय माहौल के अनुसार यात्रियों के प्रबंधन का निर्णय लेंगे. चारधाम यात्रा प्रबंधन और नियंत्रण संगठन की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी कर यात्रियों से आग्रह किया गया कि वह प्रशासन की ओर से जारी किए गए सलाह का पालन करेंगे.
दिल्ली में यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. हालांकि, यमुना का जलस्तर अब धीरे-धीरे कम होने लगा है. पर अभी भी कई इलाकों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है. सरकार ने कहा है कि वह चौबीसों घंटे निगरानी कर रही है और दावा किया है कि स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी. ताजा अपडेट के अनुसार पुराने यमुना पुल (ओल्ड रेलवे ब्रिज - ORB) पर जलस्तर 206.95 मीटर दर्ज किया गया है जो कि खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर है. पुराने रेलवे ब्रिज स्थित मुख्य बाढ़ पूर्वानुमान केंद्र पर रात 8 बजे नदी का जलस्तर 207.05 मीटर दर्ज किया गया, जबकि एक दिन पहले यह इस मौसम के उच्चतम स्तर 207.48 मीटर पर पहुंच गया था. शाम 6 बजे जलस्तर 207.12 मीटर और शाम 5 बजे 207.16 मीटर दर्ज किया गया था.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश के कई जिलों में 6 सितंबर से 9 सितंबर के बीच मध्यम से भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है. साथ ही, राज्य के कुछ हिस्सों में स्थानीय स्तर पर गरज के साथ बारिश होने की भी संभावना है. यहां स्थित मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा जारी जिलेवार पूर्वानुमान के अनुसार, शनिवार को छिटपुट से लेकर व्यापक बारिश होने की संभावना है, जिसका असर पश्चिमी कामेंग, पूर्वी कामेंग, कुरुंग कुमे, क्रा दादी, लोअर सुबनसिरी, पापुम पारे और लोहित व नामसाई के कुछ हिस्सों पर पड़ सकता है. दिन के दौरान पूर्वोत्तर राज्य के कुछ स्थानों पर गरज के साथ बिजली गिरने की भी संभावना है. 7 सितंबर को, पूर्वी कामेंग, लोअर सुबनसिरी, पश्चिमी सियांग, सियांग और निचली दिबांग घाटी सहित पश्चिमी और मध्य जिलों में व्यापक वर्षा के साथ, वर्षा की गतिविधि तेज होने का अनुमान है. मौसम विभाग ने इन जिलों को 'येलो वॉच' में रखा है और निवासियों को बदलते मौसम की स्थिति के बारे में 'अपडेट' रहने की सलाह दी है. 8 सितंबर को भी मौसम ऐसा ही रहने की उम्मीद है, जब तवांग, पश्चिमी कामेंग, पूर्वी कामेंग, पापुम पारे, लोअर सुबनसिरी और लोंगडिंग में गरज के साथ भारी बारिश हो सकती है. 9 सितंबर तक, वर्षा जारी रहने की संभावना है, लेकिन इसकी तीव्रता थोड़ी कम होगी, हालाँकि पूर्वी कामेंग, लोंगडिंग और तिराप जैसे जिले मौसम की निगरानी में रहेंगे.
पंजाब के मंत्री हरदीप सिंह मुंडियन ने शुक्रवार को कहा कि बाढ़ से तबाह राज्य में 24 घंटे की अवधि में किसी भी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है, जहां लोगों को लगातार बारिश से कुछ राहत मिली है. राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री ने कहा कि ऊपरी पहाड़ी क्षेत्रों के साथ-साथ राज्य में भी बारिश कम हो गई है. उन्होंने कहा कि जिलों से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, प्रभावित आबादी में और वृद्धि नहीं हुई है, हालांकि कृषि भूमि के कुछ क्षेत्र जलमग्न हैं. मंत्री ने यह भी कहा कि किसी भी नए मानव जीवन के नुकसान की सूचना नहीं है. 1 अगस्त से 4 सितंबर तक राज्य के 14 जिलों में 43 लोगों की जान चली गई है. मुंडियन ने कहा कि अब तक 21,929 लोगों को जलमग्न इलाकों से निकाला गया है, जबकि 196 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं जहां 7,108 प्रभावित लोगों ने शरण ली है. सबसे अधिक 2,548 लोगों को फाजिल्का में शिविरों में स्थानांतरित किया गया है, उसके बाद होशियारपुर (1,041), फिरोजपुर (776) और पठानकोट (693) का स्थान है. कुल मिलाकर, 18 जिलों में 1.72 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है. मंत्री ने कहा कि अब तक 22 जिलों के 1,948 गांव प्रभावित हुए हैं, जिससे 3,84,322 आबादी प्रभावित हुई है. उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव अभियान जारी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोगों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े.
भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने शुक्रवार को मणिमहेश मार्ग पर फंसे 524 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया है. अधिकारियों की मानें तो हेलीकॉप्टरों ने तीन शव भी ढोए हैं. पिछले महीने हुई भारी बारिश के बाद से, चंबा जिले के विभिन्न हिस्सों, खासकर भरमौर में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री फंसे हुए हैं, जहाँ कई भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के बाद सड़क संपर्क टूट गया है. एक बयान में कहा गया, 'आज वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर की 12 उड़ानों में 524 यात्रियों को भरमौर से हवाई मार्ग से निकाला गया. तीन पार्थिव शरीर भी भरमौर से चंबा लाए गए.' गुरुवार से अब तक कुल 1,166 तीर्थयात्रियों को भरमौर से चंबा हवाई मार्ग से पहुंचाया गया है. सरकार के अनुसार, 15 अगस्त को मणिमहेश यात्रा शुरू होने के बाद से 17 तीर्थयात्रियों की मृत्यु हो चुकी है. मणिमहेश झील कैलाश पर्वत की तलहटी में 13,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. अगस्त से हिमाचल प्रदेश कई इलाकों में भारी बारिश और भूस्खलन के बाद बाढ़ से जूझ रहा है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी और कुल्लू के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और प्रभावित परिवारों से बातचीत की.
जम्मू-कश्मीर में, मौसम विभाग ने आज कई जगहों पर गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान जताया है. अधिकारियों ने संवेदनशील इलाकों में अचानक बाढ़, भूस्खलन और पत्थर गिरने की चेतावनी दी है. निवासियों को जल निकायों और अस्थिर संरचनाओं से दूर रहने की सलाह दी गई है. भूस्खलन के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग लगातार चौथे दिन भी बंद रहा, जिससे लगभग तीन हजार वाहन फंसे हुए हैं. हालांकि, मुगल रोड दो दिन बंद रहने के बाद फिर से खुल गया है. भारी बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए गृह मंत्रालय की एक केंद्रीय टीम जम्मू में है. जलभराव के कारण जम्मू और कटरा के बीच ट्रेन सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं, और पवित्र गुफा मंदिर की तीर्थयात्रा ग्यारहवें दिन भी रुकी हुई है. खराब मौसम के कारण जम्मू क्षेत्र के सभी स्कूल आज भी बंद हैं.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 33.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 0.9 डिग्री कम है, जबकि न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रहा, जो मौसम के औसत से 1.9 डिग्री कम है. पिछले 24 घंटों में राष्ट्रीय राजधानी के कई मौसम केंद्रों पर बारिश दर्ज की गई. सफदरजंग में 7.6 मिमी, पालम में 13.3 मिमी, लोधी रोड में 3.2 मिमी, रिज में 5.2 मिमी, जबकि आया नगर में कोई बारिश दर्ज नहीं की गई. सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे के बीच, सफदरजंग में 0.1 मिमी, पालम में 4.2 मिमी, लोधी रोड में 0.4 मिमी, रिज में 1.5 मिमी और आया नगर में कोई बारिश नहीं हुई. शनिवार के लिए, मौसम विभाग ने गरज और बारिश की भविष्यवाणी की है. न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है.