देश के कई राज्यों में जहां मॉनसून एक्टिव है और पहाड़ी राज्यों में जमकर बारिश हो रही है. मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली-NCR में बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, लद्दाख, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, दक्षिण भारत और नॉर्थ ईस्ट में इस बार अच्छी बारिश होगी. मौसम के अलावा आप यहां किसानों को मिलने वाली सरकारी स्कीम के फायदे और अन्य किसानों से जुड़ी खबरें पढ़ सकते हैं.
झांसी में खाद बिक्री को लेकर अब मारामारी शुरू हो गई है. किसानों का आरोप है की उन्हें सुबह 4 बजे से खाद लेने के लिए लाइन में लगना पड़ रहा है लेकिन 12 से 13, घंटे बाद भी उन्हें खाद नहीं मिल पा रही है. खाद की कमी के चलते झांसी के मऊरानीपुर पीसीएफ केंद्र पर खाद की बिक्री को लेकर जमकर हंगामा होने की खबरें हैं. किसानों का आरोप है कि वह 12 घंंटे लाइन ने खड़े होने के बाद भी उन्हें शाम 5 बजे तक भी खाद नहीं मिल रही है.वहीं बिक्री केंद्र के अधिकारी का कहना है कि खाद समय पर मिल रही है लेकिन लोग उपद्रव कर रहे हैं.
मौसम विभाग (आईएमडी) ने जम्मू, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में मध्यम से तेज बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. आपको बता दें कि इन राज्यों में पहले से ही बारिश जारी है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंगलवार को भी बादल छाए हुए हैं और तेज हवाओं के साथ रुक-रुक कर बारिश हो रही है. आईएमडी के अनुसार पिछले 24 घंटों में शहर में लगभग 13 मिमी बारिश दर्ज की. मौसम विभाग ने मंगलवार को भी हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना जताई है.
पंजाब में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते जालंधर में भी जिला प्रशासन का बड़ा फैसला लिया है. मौसम विभाग की तरफ से दी गई चेतावनी के बाद जालंधर में भी स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी हो गए हैं. जारी आदेशों के अनुसार डीसी ने कहा है कि पूरे पंजाब में पिछले कुछ दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है और आने वाले समय में भी भारी बारिश होने की संभावना बनी हुई है. यह ध्यान में आया है कि भारी बारिश के कारण कई स्कूलों तक जाने वाले रास्तों में पानी भर गया है, जिससे स्कूलों में तैनात स्टाफ और बच्चों का स्कूल आना-जाना बहुत मुश्किल हो गया है. इसलिए उक्त परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जिला जालंधर के सभी सरकारी/प्राइवेट स्कूलों में दिनांक 26.8.2025 को छुट्टी की घोषणा का ऐलान किया जा रहा है. इन आदेशों को जिला जालंधर में पूर्ण रूप से लागू कराने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी (सेकेंडरी शिक्षा/एलिमेंट्री शिक्षा) को जिम्मेदार बनाया जाता है. बता दें कि इससे पहले होशियारपुर, अमृतसर, फाजिल्का व पठानकोट जिले के स्कूलों में छुट्टी का ऐलान किया गया था, लेकिन देर रात अब जालंधर के स्कूलों में भी छुट्टी की घोषणा कर दी गई है. आदेश के बाद 26 अगस्त को सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूल बंद रहेंगे.
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) ने बताया है कि 20 जून से 25 अगस्त के बीच हिमाचल प्रदेश में मानसून संबंधी घटनाओं में 306 लोगों की जान चली गई है. सोमवार को जारी संचयी नुकसान रिपोर्ट के अनुसार, कुल मौतों में से 156 मौतें भूस्खलन, अचानक बाढ़ और बिजली गिरने जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुईं, जबकि 150 मौतें सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुईं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अवधि के दौरान हिमाचल प्रदेश को कुल 2,39,428.50 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. मानव हताहतों के साथ-साथ 25,755 मुर्गी और 1,843 अन्य जानवर भी मारे गए. निजी संपत्ति को 3,372.05 लाख रुपये का नुकसान होने का अनुमान है, जिसमें 2,819 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त और 1,641 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घर शामिल हैं. फसलों का नुकसान 2,743.47 लाख रुपये आंका गया है.
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि स्वर्णरेखा और बैतरणी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इससे उत्तरी ओडिशा के बालासोर, भद्रक और जाजपुर जिलों में 160 से ज्यादा गांव पानी में डूब गए हैं और हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. बालासोर जिले के तीन ब्लॉकों बलियापाल, भोगराई और जेलेश्वर के अंतर्गत आने वाले 114 गांव स्वर्णरेखा नदी के पानी में डूब गए हैं, जबकि बैतरणी नदी के पानी ने भद्रक और जाजपु जिलों के लोगों को प्रभावित किया है. क्योंझर और सुंदरगढ़ जिलों से भी बाढ़ के पानी से मानव बस्तियों के जलमग्न होने की खबरें आई हैं. राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने बताया, 'बैतरणी नदी की सहायक नदी कानी के तटबंध में दरार आने के कारण इस बार जाजपुर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने पहले ही बचाव और राहत अभियान शुरू कर दिया है.
सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि खराब मौसम के कारण जम्मू संभाग के सभी स्कूल 26 अगस्त को बंद रहेंगे. बंद करने का यह आदेश जम्मू संभाग के सभी सरकारी और निजी स्कूलों पर लागू होगा.
'खराब मौसम को देखते हुए, यह आदेश दिया जाता है कि जम्मू डिविजन के सभी सरकारी और निजी स्कूल कल यानी 26.08.2025 तक बंद रहेंगे,' स्कूल शिक्षा निदेशालय, जम्मू द्वारा जारी आदेश में कहा गया है. इससे पहले, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को जम्मू के राजभवन में अधिकारियों के साथ बैठक की और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया. इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे.
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुखू ने सोमवार को चंबा जिले में मणिमहेश तीर्थयात्रा के दौरान दो लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस संकट की घड़ी में हर संभव सहायता प्रदान करेगी. बयान में कहा गया है कि प्रतिकूल मौसम के कारण मणिमहेश यात्रा फिलहाल स्थगित कर दी गई है और जम्मू-कश्मीर के पठानकोट और डोडा के जिला आयुक्तों से अनुरोध किया गया है कि वे मौसम में सुधार होने तक तीर्थयात्रियों को अपने जिलों में ही रोके रखें. मुख्यमंत्री ने लोगों से किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए नदियों और नालों के पास न जाने की अपील की, क्योंकि मौसम विभाग ने राज्य में अगले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि लोगों को समय-समय पर जिला प्रशासन द्वारा जारी की गई सलाह का पालन करना चाहिए.
राजस्थान के कई हिस्सों में सोमवार के बाद मंगलवार को भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने की संभावना के मद्देनजर, राज्य सरकार ने एहतियात के तौर पर जयपुर और अन्य जिलों के स्कूलों को बंद करने की घोषणा की है. जयपुर स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, राजसमंद, सिरोही और उदयपुर जिलों में सोमवार को अत्यधिक भारी बारिश का 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया गया है, जबकि लगभग एक दर्जन जिलों में भारी बारिश का 'येलो अलर्ट' जारी किया गया है. विभाग ने बताया कि अगले दो-तीन दिनों तक यह तीव्र दौर जारी रहने की संभावना है. सोमवार सुबह तक 24 घंटों में, नागौर, चूरू, जालौर, उदयपुर और सिरोही में अत्यधिक भारी बारिश हुई, जबकि सीकर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, धौलपुर और अजमेर में भारी बारिश हुई. इस दौरान नागौर में सबसे ज़्यादा 173 मिमी बारिश दर्ज की गई. पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश ने राज्य भर में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है, कोटा, बूंदी और सवाई माधोपुर ज़िलों के कई निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. इन कस्बों के बड़े हिस्से जलमग्न हो गए हैं, जिससे निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है.