Aditya L1: सौर मिशन के साथ किसान की बेटी ने भी भरी उड़ान, जरूर पढ़ें संघर्ष भरी ये कहानी

Aditya L1: सौर मिशन के साथ किसान की बेटी ने भी भरी उड़ान, जरूर पढ़ें संघर्ष भरी ये कहानी

इसरो वैज्ञानिक निगार शाजी को 8 साल पहले आदित्य एल-1 मिशन परियोजना का प्रभारी बनाया गया था. उनके नेतृत्व में ही टीम ने इसके हिस्से तैयार किये. वहीं, वैज्ञानिक अफाक खान ने इसका सबसे महत्वपूर्ण डिवाइस सूट (सोलर अल्ट्रा वॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप) डिजाइन किया था.

सूर्या मिशन से जुड़ी है किसान की बेटी की कहानीसूर्या मिशन से जुड़ी है किसान की बेटी की कहानी
प्राची वत्स
  • Noida,
  • Sep 04, 2023,
  • Updated Sep 04, 2023, 3:07 PM IST

भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो का ड्रीम प्रोजेक्ट सन मिशन आदित्य एल1 शनिवार को पृथ्वी से सूर्य की ओर जाने के लिए लॉन्च किया गया है. सूर्या मिशन के लिए इसरो वैज्ञानिकों ने काफी मेहनत की. खास बात ये है कि सूर्या मिशन की कमान एक महिला वैज्ञानिक के हाथ में है. इनका नाम निगार शाजी है. आजकल पूरी दुनिया में निगार शाजी की चर्चा हो रही है. तमिलनाडु की निगार शाजी लगभग 35 वर्षों से इसरो में सेवा दे रही हैं. वैज्ञानिक निगार शाजी ने भारतीय रिमोट सेंसिंग, संचार और अंतरग्रहीय उपग्रह कार्यक्रमों में विभिन्न जिम्मेदारियां निभाई हैं. निगार शाजी साल 1987 में इसरो के सैटेलाइट सेंटर से जुड़ी थीं.

कौन हैं निगार शाजी?

आपको बता दें निगार शाजी मूल रूप से तमिलनाडु की रहने वाली हैं. आपको जानकार हैरानी होगी कि निगार शाजी एक किसान की बेटी हैं. वह चेन्नई से 55 किलोमीटर दूर तेनकासी की रहने वाली हैं. निगार शाजी तमिलनाडु के उन वैज्ञानिकों की कतार में शामिल हैं जिन्होंने चंद्रयान के तीन मिशनों में अहम योगदान दिया. इस सूची में निगार शाजी, मयिलसामी अन्नादुरई, पी वीरुमुथुवेल और एम वनिता के नाम शामिल हैं.

इसरो वैज्ञानिक निगार शाजी को 8 साल पहले आदित्य एल-1 मिशन परियोजना का प्रभारी बनाया गया था. उनके नेतृत्व में ही टीम ने इसके हिस्से तैयार किये. वहीं, वैज्ञानिक अफाक खान ने इसका सबसे महत्वपूर्ण डिवाइस सूट (सोलर अल्ट्रा वॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप) डिजाइन किया था.

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इस प्रोजेक्ट डायरेक्टर रह चुकी हैं शाजी

आपको बता दें कि निगार शाजी रिसोर्ससैट-2ए की एसोसिएट प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी रह चुकी हैं. यह राष्ट्रीय संसाधन निगरानी और प्रबंधन के लिए एक भारतीय रिमोट सेंसिंग उपग्रह है. उन्होंने इमेज कम्प्रेशन, सिस्टम इंजीनियरिंग और अन्य विषयों पर कई शोध पत्र लिखे हैं.

क्या है निगार शाजी का क्वालिफिकेशन

निगार शाजी ने मदुरै के कामराज विश्वविद्यालय से बीई की डिग्री प्राप्त की. इसके अलावा पोस्ट ग्रेजुएशन रांची से किया. इसके अलावा निगार शाजी बेंगलुरु में इसरो के सैटेलाइट टेलीमेट्री सेंटर की प्रमुख भी रह चुकी हैं. गौरतलब है कि निगार शाजी ने सूर्या मिशन आदित्य एल1 में अहम भूमिका निभाई है. आदित्य एल1 सूर्य का अध्ययन करेगा. आदित्य के प्रक्षेपण के साथ, भारत उन देशों की सूची में शामिल हो गया, जिन्होंने सूर्य का अध्ययन करने के लिए उपग्रह लॉन्च किए हैं.

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