यूपी में नहीं हैं सूखे जैसे हालात, कृषि मंत्री बोले-सिंचाई के लिए नहीं होने देंगे पानी की कमी

यूपी में नहीं हैं सूखे जैसे हालात, कृषि मंत्री बोले-सिंचाई के लिए नहीं होने देंगे पानी की कमी

इस मॉनसून कई राज्यों में कम हुई बारिश से कई राज्य सूखे की चपेट में दिख रहे हैं. इसी को लेकर उत्तर प्रदेस के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा की यूपी में सूखे की आशंकी नहीं है. वहीं उन्होंने किसानों से कम हुई बारिश की वजह से वैकल्पिक फसलों की खेती करने को कहा.

यूपी में नहीं हैं सूखे जैसे हालातयूपी में नहीं हैं सूखे जैसे हालात
रोशन जायसवाल
  • Varanasi,
  • Jul 28, 2023,
  • Updated Jul 28, 2023, 5:52 PM IST

उत्तर प्रदेश के पूर्वी और मध्य हिस्से में इस बार कम हुई बारिश का असर देख कर योगी सरकार किसानों को लेकर अभी से चिंतित नजर आ रही है, जिसको लेकर न केवल वैकल्पिक खेती, बल्कि इस बात पर भी जोर दिया जा रहा है कि किसानों को कम से कम नुकसान हो और ऐसे हालातों में उनकी आय पर भी असर ना पड़े. इसी को लेकर आज वाराणसी पहुंचे योगी सरकार के कृषि अनुसंधान और कृषि शिक्षा मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कम बारिश और सूखा जैसे हालातों को लेकर तैयारियों के बाबत मीडिया को अवगत कराया और कहा कि यूपी में सूखे के हालात नहीं हैं.

वाराणसी के मंडलायुक्त सभागार में मीडिया से बातचीत के दौरान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 17 ऐसे जिले हैं जहां सामान्य से कम बारिश हुई है तो 9 ऐसे भी जिले हैं जहां काफी कम बारिश हुई है. इसको लेकर वैकल्पिक खेती पर ध्यान देते हुए ऐसे जिलों में किसानों को मिलेट्स यानी मोटे अनाज में ज्वार, बाजरा, मक्का से संबंधित मिनी किट भी उपलब्ध कराई गई है.

26 जिलों में औसत से कम हुई बारिश 

उन्होंने बताया कि इसके अलावा उद्यान विभाग के जरिए फल, साग, सब्जी के पैदावार को बढ़ाए जाने के लिए यह मौसम काफी अच्छा है. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आगे बताया कि उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में 26 जिले ऐसे हैं जहां औसत से कम बारिश हुई है. जहां वैकल्पिक फसल लगाने का सुझाव दिया गया है. ऐसे जगहों पर ज्वार बाजरा मिलेट्स उड़द मूंगफली की खेती करके किसान अपने नुकसान की भरपाई कर सकते हैं.

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नहरों में पूरी पानी छोड़ने के आदेश 

मंत्री शाही ने बताया कि सिचाई विभाग को प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के द्वारा कह दिया गया है कि नहरे अपनी पूरी क्षमता से पानी छोड़े. राजकीय और निजी नलकूपों के खराब ट्रांसफार्मर को भी बदला जाए और किसानों को किसी तरह की असुविधा नहीं होने दी जाए. इसके अलावा उन्होंने बताया कि राज्य में 24 प्रतिशत अभी भी खरीफ की खेती होनी बाकी है. इसलिए किसानों से अपील है कि वह पारंपरिक खेती से हटकर कम वैकल्पिक यानी कम वर्षा वाली फसलों की खेती करें. ताकि किसानों को नुकसान से बचाया जा सके इसके अलावा कम वर्षा वाले क्षेत्रों के किसान चारा उत्पादन भी कर सकते हैं, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी हो सकती है.

फसलों का बीमा करा लें किसान

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आगे कहा कि मैं किसानों से आग्रह करना चाहता हूं कि किसान फसल बीमा योजना के तहत अपना बीमा करा लें. उन्होंने बताया कि किसानी के क्षेत्र में प्रधानमंत्री ने एक ट्रिलियन यूएस डॉलर का लक्ष्य रखा है. इसके लिए यह जरूरी है कि कृषि के क्षेत्र में निवेश को बढ़ाया जाए. इसका सबसे आसान रास्ता किसान क्रेडिट कार्ड है, जिसके जरिए किसानों को चार प्रतिशत के ब्याज दर पर ऋण मिल जाता है. किसान खेती के अलावा पशुपालन और मत्स्य पालन भी कर सकते हैं. वहीं निवेश को बढ़ाने के लिए वैकल्पिक उर्वरक का उपयोग करें. इसके लिए प्रधानमंत्री ने पीएम प्रणाम योजना भी शुरू किया है.

श्रीअन्न पर 50 फीसदी मिलेगी सब्सिडी

कृषि मंत्री ने उत्तर प्रदेश के मध्य और पूर्वी हिस्सों में कम बारिश के कारण पैदा हो रही समस्या और उससे निपटने के उपाय के बारे में बताया कि कृषि विभाग ने श्रीअन्न के बीज 60,000 से ज्यादा किसानों को उपलब्ध कराए हैं. इसके अलावा भी कोशिश की जा रही है कि और श्रीअन्न के बीज किसानों को उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने आगे बताया कि किसानों को 50 प्रतिशत की सब्सिडी पर ज्वार, बाजरा और मक्का के हाइब्रिड बीज दिया जा रहा है. वहीं उन्होंने बताया कि सोमवार से सभी विकास खंडों पर स्टाल लगाकर 50 फीसदी सब्सिडी पर ज्वार, बाजरा, मक्का के बीज वितरित किए जाएंगे.

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