ये है मंदसौर की अनोखी गाय, जो अपने 'मालिक' की खुद चलाती है दुकान  

ये है मंदसौर की अनोखी गाय, जो अपने 'मालिक' की खुद चलाती है दुकान  

दुकान के मालिक का कहना है कि यह गाय छोटी थी तबसे दुकान पर आकर बैठती है. आज जब यह बछड़े की मां बन गई है, तब भी यह गाय रोजाना आकर दुकान की गद्दी पर बैठती है. जिससे अलग-बगल के लोग भी खुश रहते हैं.

ये है मंदसौर की अनोखी गाय, जो अपने 'मालिक' की खुद चलाती है दुकान  ये है मंदसौर की अनोखी गाय, जो अपने 'मालिक' की खुद चलाती है दुकान  
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 06, 2023,
  • Updated Jul 06, 2023, 5:09 PM IST

वैसे तो आपने गाय को सड़कों पर घूमते, गोशाला में या किसानों द्वारा पालते हुए ही देखा होगा. लेकिन अगर गाय कहीं सेठ जी के रूप में किसी दुकान पर आकर बैठे तो आप क्या कहेंगे. है न अजीबोगरीब बात, दरअसल मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में ऐसा ही एक वाकया देखने को मिला, जहां शहर के भीड़भाड़ वाले सदर बाजार में संजय पोरवाल की कपड़े की दुकान है. जहां एक गाय पिछले कई सालों से इस दुकान में आकर सेठ की जगह पर बैठती है. वह गाय उस गल्ले पर डेढ़ से दो घंटे बैठने के बाद खुद ही उठ कर चली जाती है.

आश्चर्य की बात तो यह है कि यह गाय अपने नियत स्थान पर बैठती है. वहां वह न तो गंदगी करती है और न ही किसी को परेशान करती है. वहीं यह मामला लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है.

दुकान की गद्दी पर आकर बैठती है गाय 

दुकान के मालिक का कहना है कि यह गाय जब बहुत छोटी थी तब से दुकान पर आकर बैठती है. आज जब यह बछड़े की मां बन गई है, तब भी यह गाय रोजाना आकर दुकान की गद्दी पर बैठती है. उन्होंने कहा कि इस गौ माता ने कभी किसी को परेशान नहीं किया और न ही कभी यहां गंदगी की है. यह अपनी मर्जी से आती है और एक दो घंटे बैठकर चली जाती है. इस दौरान दुकान पर ग्राहकों का आना-जाना भी लगा रहता है. लेकिन किसी को कोई परेशानी नहीं होती है.

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दुकानदार और गाय का अनोखा रिश्ता

दुकान मालिक संजय पोरवाल कहते है कि शायद गाय के साथ उनका कोई पुनर्जन्म का रिश्ता होगा. तभी तो यह गाय यहां रोज आती है. कई सालों से यहाँ गाय का आना जाना लगा ही रहता है.  उन्होंने कहा कि मेरे पिताजी कहते थे कि इस गाय का ध्यान रखना , तो उन्हीं के कहे अनुसार मेरा परिवार भी इन गायों की सेवा करता है. ये गाय अपने बछड़ो के साथ दुकान के अंदर आकर बैठ जाती है.  हम इसे रोटी या घास खिलाते हैं , वहीं करीब एक दो घंटे बैठने के बाद यह चली जाती है.  

गाय से आसपास के लोग भी है खुश

इसके अलावा संजय पोरवाल के आसपास रहने वाले भी इस गाय से खुश रहते हैं. सामने चुड़ी बेचने वाली चंद्रकला सोनी बताती है कि उन्हें भी काफी खुशी होती है, जब रोज यह गाय अपने बच्चों के साथ आकर दुकान में बैठ जाती है और किसी को कुछ नहीं करती. वहीं दुकान के मालिक संजय मानते हैं कि गायों के उनकी दुकान पर लगातार आने से उनकी दुकान की बरकत बनी हुई है. वहीं आसपास के लोग भी इस गाय से काफी खुश रहते हैं.

 

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