मुख्य सचिव, बिहार आमिर सुबहानी द्वारा बीते दिनों बामेती, पटना में जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत ‘‘जल-जीवन-हरियाली दिवस’’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया. इस कार्यक्रम में किसानों की आवश्यकता के मद्देनजर वैकल्पिक फसलों, टपकन सिंचाई, जैविक खेती और कृषि में नई तकनीकों का उपयोग के विषय पर परिचर्चा की गई. इसमें बिहार के सभी 38 जिलों से पदाधिकारी और किसान भी वेबकास्टिंग के माध्यम से जुड़े. इस कार्यक्रम में जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत अच्छे कार्य वाले किसानों को मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. मुख्य सचिव ने अपने संबोधन में कहा कि जल-जीवन-हरियाली एक बहुआयामी कार्यक्रम है, जिसके अच्छे प्रभाव देखे जा रहे हैं. इस कार्यक्रम को और अधिक तेजी से बढ़ाये जाने की आवश्यकता है.
उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए योजना की स्वीकृति, आवंटन और किसानों का प्रशिक्षण इत्यादि कार्य के महीने अप्रैल से लेकर जून तक कर लेने का निर्देश दिया, साथ ही, उन्होंने जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत पूर्व से निर्मित सार्वजनिक जल संरचनाओं, तालाब, पोखर, कुआं, नदी, नाला, आहर, पाइन के जीर्णोद्धार के साथ-साथ नये जल-स्रोतों का उपयोग अधिक-से-अधिक हो, यह सुनिश्चित किया. इस योजना के अंतर्गत किये जा रहे पौधरोपण का रखरखाव किया जाए इस पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि यह योजना इतिहास बनायेगा, साथ ही, उन्होंने राज्य की खुशहाली और स्वर्णिम भविष्य की कामना की.
प्रधान सचिव, कृषि विभाग, बिहार डॉ. बी राजेन्दर ने कहा कि बिहार में चलाये जा रहे जल-जीवन-हरियाली अभियान की चर्चा आज भारत में ही नहीं, पूरे विश्व में हो रही है. वर्तमान में वर्षा की अनियमितता, तापमान में परिवर्तन, भू-गर्भ जल का स्तर गिरने से फसलों की उत्पादकता में असर हो रहा है. इसलिए इस योजना की आवश्यकता और अधिक बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से होने वाले संकट से बचने के लिए हमें तैयार रहना होगा. इससे जुड़ी हुई योजनाओं का शत्-प्रतिशत लाभ किसानों तक पहुंचाना होगा, ताकि किसानों के जीवन-स्तर में सुधार हो सके और फसलों के उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि हो सके.
जल-जीवन-हरियाली अभियान के मिशन निदेशक राहुल कुमार ने कहा कि पर्यावरण के संकट को राज्य सरकार ने समय से पहचाना है और इसके लिए कारगर कदम उठाये जा रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर 13 जुलाई, 2019 को बिहार विधान सभा के केंद्रीय कक्ष में विधानमंडल के सदस्यों की संयुक्त बैठक बुलाई गई. जिसमें सदस्यों के सुझाव और सर्वदलीय सहमति के बाद जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत 09 अगस्त, 2019 को की गयी थी. इस प्रकार, राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण को बचाने के लिए ठोस प्रयास शुरू किया गया.
जानकारी हो कि जल-जीवन-हरियाली अभियान में कृषि विभाग के साथ ग्रामीण विकास विभाग, शिक्षा विभाग, नगर विकास और आवास विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, जल संसाधन विभाग, पशु और मत्स्य संसाधन विभाग, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग, ऊर्जा विभाग, राजस्व और भूमि सुधार विभाग, पंचायती राज विभाग, भवन निर्माण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, सूचना और जन-सम्पर्क विभाग प्रत्यक्ष रूप से और राज्य सरकार के सभी विभाग अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं. जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सार्वजनिक जल संरचनाओं, तालाब, पोखर, कुंआ, नदी, नाला, आहर, पाइन के जीर्णोद्धार के साथ-साथ नये जल-स्रोतों का सृजन किया जा रहा है. सरकारी भवनों की छत पर वर्षा जल के संचयन और सौर ऊर्जा को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है.
कृषि निदेशक डॉ. आदित्य प्रकाश द्वारा अतिथियों का स्वागत संबोधन किया गया और इस कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन निदेशक बामेती आभांशु सी जैन ने किया. इस अवसर पर विशेष सचिव रवीन्द्र कुमार राय, निदेशक उद्यान नन्द किशोर, संयुक्त सचिव अनिल कुमार झा, संजय कुमार सिंह और शैलेन्द्र कुमार, अपर निदेशक, कृषि अभियंत्र रवीन्द्र कुमार वर्मा सहित कृषि और अन्य विभागों के पदाधिकारीगण, कृषि वैज्ञानिक और प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे.
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