राजधानी जयपुर में 28 अगस्त सोमवार को प्रगतिशील किसान, कृषि व्यवसायी और कृषि निर्यातक जुड़ेंगे. राजस्थान स्टेट एग्रो इण्डस्ट्रीज डेवलपमेन्ट बोर्ड की ओर से राज्य स्तरीय संवाद कार्यक्रम किया जा रहा है. इसमें प्रदेशभर से सैंकड़ों किसान, व्यवसायी शामिल होंगे. राजस्थान स्टेट एग्रो इण्डस्ट्रीज डेवलपमेन्ट बोर्ड के अध्यक्ष रामेश्वर डूडी ने बताया कि बोर्ड की ओर से कृषि व्यवसाय प्रसंस्करण एवं निर्यात से जुड़े प्रगतिशील, पुरस्कृत एवं नवाचारी कृषक तकनीकी विशेषज्ञों के साथ संवाद होगा.
इसके लिए 28 अगस्त को जयपुर के कृषि प्रबंध संस्थान, दुर्गापुरा में एकसाथ जुटेंगे.
बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार सम्मेलन में राज्य के प्रत्येक जिले से प्रगतिशील, नवाचारी एवं पुरस्कृत श्रेणी के किसानों को संवाद के लिए बुलाया गया है. इस सम्मेलन में 500 से अधिक किसानों को कृषि क्षेत्र की नवीनतम विधाओं, नवाचारों एवं जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया जाएगा.
डूडी ने कहा, “किसानों की आय दुगनी करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने राजस्थान स्टेट एग्रो इण्डस्ट्रीज डेवलपमेन्ट बोर्ड का जनवरी 2022 में गठन किया था. बोर्ड की ओर से किसानों की आय बढ़ाने के लिए ठोस एवं प्रभावी नीतियां बनाई गई हैं. इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है एवं कृषक वर्ग कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति - 2019 के तहत राज्य सरकार से सब्सिडी पाकर अपनी फसल को खेत के निकट ही प्रोसेस कर रहे हैं."
डूडी ने बताया कि किसानों को राज्य में कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए नीति के तहत 2 करोड़ 60 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही है. राज्य सरकार की नीति के तहत अब तक 1110 इकाइयों के लिए 399.40 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा चुकी है.
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इन इकाइयों के माध्यम से राज्य में 2,582.61 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है. बोर्ड द्वारा राज्य में उत्पादित कृषि जिन्स जैसे जीरा, धनिया, लहसून, ईसबगोल, अनार, खजूर के निर्यात को बढ़ावा मिल दिया जा रहा है. साथ ही इनको राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है.
योजना के तहत पांच करोड़ रुपये तक की पूंजीगत लागत से नए कृषि प्रसंस्करण उद्योग की स्थापना के लिए किसान या उनके संगठन, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए लागत का 75 प्रतिशत या अधिकतम एक करोड़ 50 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है.
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साथ ही अन्य पात्र उद्यमियों के लिए लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम एक करोड़ 50 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है. प्रोत्साहन के तौर पर राज्य सरकार की ओर से विद्युत प्रभार पर पांच साल तक दो लाख रुपये प्रतिवर्ष देने का प्रावधान किया गया है. इसके अतिरिक्त सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने पर 10 लाख रुपये की सब्सिडी दी जा रही है.
प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर किसानों को पूंजीगत अनुदान के अलावा लोन लेने पर लगने वाले ब्याज पर भी सरकार सब्सिडी दे रही है. इसके तहत किसानों को छह प्रतिशत की दर से अधिकतम एक करोड़ रुपये तक का ब्याज अनुदान अनुदान दिया जाता है. वहीं अन्य को पांच प्रतिशत की दर से अधिकतम 50 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है.