कोरोना के बाद से हैल्थ को लेकर लोग खासे जागरुक हो गए हैं. खासतौर पर इम्यूीनिटी को लेकर खानपान में बदलाव भी आया है. प्रोटीन डाइट पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है. शायद यही वजह है कि कोरोना जैसी जानलेवा महामारी के बाद से हर एक भारतीय की थाली में औसत सालाना 15 अंडे (पोल्ट्री ऐग) बढ़ गए हैं. ये आंकड़ा केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने जारी किया है. एक्सपर्ट का मानना है कि सस्ता, प्योर और कम डाइट में ज्यादा प्रोटीन की वजह से अंडों की डिमांड बढ़ी है. अंडों की डिमांड बढ़ने से जहां पोल्ट्री सेक्टर में खुशी है, वहीं उनकी नजर सालाना 180 अंडों पर है.
क्योंकि वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गेनाइजेशन की गाइड लाइन के मुताबिक प्रति व्यक्ति को सालभर में कम से कम 180 अंडे खाने चाहिए. डॉक्टर और डायटिशियन का कहना है कि जरूरी प्रोटीन के लिए अंडे की खपत का ये आंकड़ा अभी बहुत कम है. अभी भी बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो एक अंडा भी रोजाना नहीं खा रहे हैं. खासतौर से बढ़ती उम्र के बच्चों और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए तो अंडा बहुत ही ज्यादा जरूरी है.
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पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के कोषाध्यक्ष रिकी थापर ने किसान तक को बताया कि अगर 10-12 साल पहले की बात करें तो हर साल अंडे का प्रोडक्शन बढ़ने का रेट दो से तीन अंडे थे. लेकिन 2016-17 के बाद से अंडे के प्रोडक्शन ने लम्बी छलांग लगानी शुरू कर दी. अगर 10 साल पहले की बात करें तो औसत प्रति वयक्ति के हिस्से में सालाना 60 अंडे आते थे. लेकिन 2022-23 में ये आंकड़ा 101 अंडों पर पहुंच गया है. हालांकि हम इस आंकड़े को 180 अंडों पर ले जाना चाहते हैं.
क्योंकि खासतौर पर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार के लिए प्रोटीन का ये सबसे सस्ता साधन है. इतना ही नहीं कम पैसों में और आसान डाइट में अंडे से ज्यादा प्रोटीन किसी और चीज में नहीं मिल सकता है. चलते-फिरते, मेट्रो ट्रेन में या बस में बैठकर आराम से खाए जाने वाला अंडा ही है. मेट्रो सिटी की तेज रफ्तार जिंदगी में सबसे आसानी से मिलने और बनने वाला नाश्ता भी अंडा ही है.
देश में अंडों की डिमांड और प्रोडक्शन दोनों ही बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. बीते तीन साल में ही अंडों का प्रोडक्शन 24 बिलियन बढ़ा है. डिमांड में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. ससता होने और क्वालिटी में बेहतर होने के चलते एक्सपोर्ट की डिमांड भी बढ़ने लगी है. मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो साल 2019-20 में 114.38 बिलियन अंडों का प्रोडक्शन हुआ था. वहीं 2020-21 में 122 बिलियन, 2021-22 में 129.60 बिलियन और 2022-23 में 138.38 बिलियन अंडों का प्रोडक्शन हुआ है.
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2000-01: 36
2004-05: 42
2007-08: 47
2010-11: 53
2013-14: 60
2015-16: 65
2017-18: 73
2018-19: 79
2019-20: 86
2020-21: 90
2021-22: 95
2022-23: 101