छत्तीसगढ़ के कोरबा में बिजली घरों से निकली जहरीली राख अभी तक पर्यावरण और जन स्वास्थ्य के लिए तो खतरा थी ही, लेकिन अब वह खेतों तक पहुंचकर कृषि उत्पादन को भी प्रभावित करने लगी है. ऐसा ही एक मामला जिला मुख्यालय के भिलाई खुर्द गांव से सामने आया है. यहां किसी बिजली घर से निकली जहरीली राख को निपटाया गया गया है और वह राख बारिश के पानी में बह कर धान के खेतों तक पहुंच रही है. कोरबा को छत्तीसगढ़ का "पावर हब" का दर्जा प्राप्त है. यहां छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम और भारत एलुमिनियम कंपनी सहित विभिन्न निजी क्षेत्र के बिजली घर संचालित हैं. कोरबा के बिजली घरों से लगभग 8000 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है.
कोरबा की बिजली से पूरे छत्तीसगढ़ सहित महाराष्ट्र, गोवा, दादर, नगर हवेली और दमन दीव को रोशनी मिलती है. कोरबा के बिजली घरों में प्रतिदिन करीब एक लाख टन कोयले की खपत होती है, जिससे 35 हजार टन राख ( फ्लाई एश ) निकलती है.
समय के साथ इस राख का निपटान बिजली घरों के सामने एक बड़ी समस्या बनकर आई है. विद्युत प्लांट्स के राख जमा करने के लिए बनाए गए राखड़ बांध की क्षमता समाप्त हो चुकी है. अब नए राखड़ बांध के लिए बीते 20 वर्षों से भी अधिक समय से किसी भी बिजली प्लांट को राज्य शासन से जमीन नहीं मिल पा रही है और नया राखड़ बांध का निर्माण नहीं हो रहा है. यही वजह है कि सभी बिजली घरों की राख को जिले के लो लाइन एरिया में राजस्व विभाग और पर्यावरण विभाग की सहमति से डाला जा रहा है. बिजली घरों की राख के अनियमित निपटान की शिकायतें लगातार मिलती आ रही हैं, लेकिन इन पर प्रभावी नियंत्रण का कोई प्रयास अब तक सामने नहीं आया है. जिले के वन क्षेत्रों, नदी- नालों, और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी बिजली घरों की जहरीली राख का निपटान किया जा रहा है.
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नगर पालिका निगम कोरबा के भिलाई खुर्द वार्ड में भी इसी तरह से जहरीली राख का निपटान किया गया है जो जमीन की सतह से करीब 20 फीट ऊपर तक पहाड़ की तरह नजर आ रहा है. हालांकि राख की सतह पर मिट्टी बिछाई गई है. लेकिन पिछले दो दिनों से जारी बारिश के चलते राख के ढेर में कटाव होने लगा है और जहरीली राख पानी के साथ बह कर किसानों के खेत तक पहुंचने लगी है. धान की फसल लगे खेतों में राख भर जाने से किसानों के बीच भारी आक्रोश पैदा होने लगा है. किसान अपनी उपज को लेकर चिंतित हो उठे हैं और भविष्य में आने वाले रोजी रोटी के संकट ने उन्हें बेचैन कर रखा है.
नगर निगम कोरबा के वार्ड क्रमांक 9 भिलाई खुर्द के कांग्रेस पार्षद रूपसिंह कवर को सभी किसान दोषी ठहरा रहे हैं. उनका आरोप है कि पार्षद ही गांव के निजी और सरकारी जमीनों में जहरीली राख की फीलिंग करा रहे हैं और मनमानी कर रहे हैं.
राख से प्रभावित किसान गीता कंवर ने कहा कि पार्षद को मना किया था कि रख मत गिराओ. इस पर पार्षद ने बोला कि लोगों का नुकसान नहीं होगा. और अभी नुकसान होने पर जब किसान पार्षद के पास गए तो उन्होंने बोला राख नहीं गिरवाया है. वही किसान गीता कंवर ने बताया कि के खेत में फसल लगा हुआ है और आसपास के पूरे खेत को राख से नुकसान हो रहा है.
प्रदीप कुमार साहू, अपर कलेक्टर, कोरबा ने बताया कि इस संबंध में जो क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी हैं उनको निर्देशित दिया जाएगा कि वे जाकर मौके पर जांच करें और नियम के अनुसार उस पर पेनाल्टी की कार्रवाई करें.