अब पेड़ पर चढ़े बिना भी निकाल सकते हैं नारियल का जूस, मार्केट में आई ये नई टेक्नोलॉजी

अब पेड़ पर चढ़े बिना भी निकाल सकते हैं नारियल का जूस, मार्केट में आई ये नई टेक्नोलॉजी

यह उपकरण सेंसर से लैस है जो ताड़ी/नीरा निकालने के लिए सही समय का पता लगा सकता है और पेड़ के स्वास्थ्य की निगरानी भी कर सकता है, जिससे किसानों को अपनी उपज को अनुकूलित करने और बर्बादी को कम करने में मदद मिलेगी. यह उपकरण रोज दिन 300 या अधिक पेड़ों से ताड़ी निकालने में लोगों की मदद करने में सक्षम है.

अब ताड़ी निकालना हुआ और भी आसान, जानें कैसेअब ताड़ी निकालना हुआ और भी आसान, जानें कैसे
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 11, 2023,
  • Updated Oct 11, 2023, 12:52 PM IST

ताड़ी/नीरा एक पारंपरिक अल्कोहल ड्रिंक है. जो नारियल के पेड़ या अन्य प्रकार के ताड़ के पेड़ों का रस निकालकर बनाया जाता है. यह कुछ ट्रोपिकल क्षेत्रों में काफी फेमस है. यह आमतौर पर हल्का अल्कोहलिक और स्वाद में मीठा होता है. जिसके कारण इसकी डिमांड काफी ज्यादा है. हालाँकि, कभी-कभी इस ताड़ी का उपयोग स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए भी किया जाता है. इसे निकालने के लिए लोग ताड़ के पेड़ में हल्का सा चीरा लगा देते हैं और उसके नीचे मटका या मिट्टी का बर्तन लटका देते हैं. जिसमें यह सारा रस जमा हो जाता है. इस पूरी प्रक्रिया में लोगों को ऊंचे ताड़ के पेड़ों पर चढ़ना पड़ता है और इसमें काफी समय भी लगता है. ऐसे में इस पूरी प्रक्रिया को लोगों के लिए आसान और सरल बनाने के लिए AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली जा रही है.

कोच्चि स्थित कृषि स्टार्ट-अप नवा इनोवेशन द्वारा विकसित स्वचालित सैप टैपिंग डिवाइस की मदद से ताड़ी/नीरा इकट्ठा करने के लिए एआई रोबोटिक्स और आईओटी का उपयोग किया जाएगा. जिससे नारियल के पेड़ पर रोज चढ़ने की आवश्यकता खत्म हो जाएगी. 

300 से अधिक पेड़ों से निकाल सकते हैं ताड़ी

नवा इनोवेशन के संस्थापक, चार्ल्स विजय वर्गीस ने बताया कि यह उपकरण सेंसर से लैस है जो ताड़ी/नीरा निकालने के लिए सही समय का पता लगा सकता है और पेड़ के स्वास्थ्य की निगरानी भी कर सकता है, जिससे किसानों को अपनी उपज को अनुकूलित करने और बर्बादी को कम करने में मदद मिलेगी. यह उपकरण रोज दिन 300 या अधिक पेड़ों से ताड़ी निकालने में लोगों की मदद करने में सक्षम है. नारियल का रस दोहन किसानों के लिए भी एक लाभदायक अभ्यास है.

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नारियल किसानों को मिलेगा मुनाफा

इससे दुनिया भर में नारियल उगाने वाले क्षेत्रों में पारंपरिक नारियल की बिक्री की तुलना में 8-10 गुना अधिक मुनाफा होता है. नारियल रस डेरिवेटिव जैसे कोको शुगर, अमीनो, सैप सिरका आदि की मांग अब तक के उच्चतम स्तर पर है. जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है. ऐसे में इस नई तकनीक की मदद से किसान कम समय में अधिक ताड़ी निकालने में सफल हो सकते हैं.

पेड़ों से गिरने वाली घटनाओं में होगी कमी

हालाँकि, इसकी लाभप्रदता के बावजूद, कुशल टैपर्स की भारी कमी के कारण टैपिंग उद्योग को गिरावट का सामना करना पड़ रहा है. नारियल के पेड़ों से गिरने वाली घातक घटनाओं की बढ़ती संख्या ने श्रमिकों को इस श्रम-गहन (labor intensive) और उच्च जोखिम वाले व्यवसाय को अपनाने से रोक दिया है, इसके बजाय वे अधिक सुलभ और बेहतर विकल्प चुन रहे हैं. उन्होंने कहा, यह भारत से दुनिया के लिए एक तकनीक है जो दुनिया भर के लाखों किसानों की मदद कर सकती है.

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