पोल्ट्री प्रोडक्ट का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है. उत्पादन अपनी अधिकत्तम ऊंचाई पर जा चुका है. हर साल छह से सात फीसद तक की उत्पादन में बढ़ोतरी हो रही है. जबकि ऐसा किसी दूसरे सेक्टर में देखने को नहीं मिलता है. आज पोल्ट्री फार्मिंग एक बिजनेस मॉडल का रूप ले चुकी है. कई बड़े देशों को पीछे छोड़ते हुए आज हम पोल्ट्री सेक्टर में आगे हैं. यही वजह है कि नौकरी की बात करें या फिर खुद के कारोबार की तो उस लिहाज से भी पोल्ट्री सेक्टर एक सुनहरे अवसर के रूप में हमारे सामने खड़ा है. ये कहना है पं. दीनदयाल उपाध्याय वेटरनरी साइंस यूनिवर्सिटी (दुवासु), मथुरा, उत्तर प्रदेश के डीन डॉ. पीके शुक्ला का.
गौरतलब रहे कि हाल ही में पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की ओर से जारी की गई रिपोर्ट बताती है कि साल 2022-23 में 900 करोड़ अंडों और 25 करोड़ मुर्गों (चिकन) का प्रोडक्शन बढ़ा है. बीते साल के मुकाबले अंडा उत्पारदन में 6.77 फीसद की बढ़ोतरी हुई है.
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डीन डॉ. पीके शुक्ला ने किसान तक को बताया कि हमारे देश में 18 से 25 साल की उम्र वाले नौजवानों की संख्याए करीब 35 फीसद है. ये वो लोग हैं जो जमकर मेहनत करते हैं. पोल्ट्री को भी ऐसे ही लोगों की जरूरत है. आज अंडे और चिकन की घरेलू डिमांड भी लगातार बढ़ रही है. ऐसे में पोल्ट्री फार्म का कारोबार बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है. इतना ही नहीं इस सेक्टर में आकर आप बहुत सारे लोगों को नौकरी भी दे सकते हैं.
चिकन के लिए ब्रॉयलर मुर्गों की देखभाल, अंडे देने वाली मुर्गी की देखभाल, हैचरी में भी स्टाफ की जरूरत होती है. अंडे कलेक्शन और अंडों की मार्केटिंग के लिए भी स्टाफ की जरूरत होती है. जब पोल्ट्री फार्म की संख्या बढ़ेगी तो पोल्ट्री फीड मिल में भी कर्मचारियों की जरूरत होगी. इसलिए कहा जा सकता है कि पोल्ट्री सेक्टर में कारोबार और रोजगार के बहुत मौके हैं.
डॉ. पीके शुक्ला ने बताया कि आज पोल्ट्री सेक्टर को हर साल करीब पांच लाख स्किल्ड लेबर की जरूरत है, जबकि मौजूदा वक्त में इस सेक्टर के पास सिर्फ डेढ़ लाख स्किल्ड लेबर ही है. क्योंकि जिस रेट से इंडस्ट्री की ग्रोथ हो रही है उस हिसाब से ये आंकड़ा तैयार किया गया है. एक अनुमान के मुताबिक ही मौजूदा वक्त में इस सेक्टर के पास अभी सिर्फ डेढ़ लाख के आसपास ही स्किल्ड लेबर है.
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जब ये जरूरत पूरी हो जाएगी तो उसके बाद हर साल पोल्ट्री सेक्टर को कम से कम 50 हजार स्किल्ड लेबर की जरूरत होगी. इसके लिए कोर्स भी तैयार हैं. कोर्स पर हम पहले ही काम कर मंत्रालय को सौंप चुके हैं. फार्म की ग्राउंड लेबर से लेकर सुपरवाइजर और मैनेजर तक के लिए कोर्स तैयार किए गए हैं. अभी देश में प्राइवेट तौर पर वेंकेटेश्वर हैचरी कंपनी और सुगुना फूड्स एंड पोल्ट्री फार्म इस कोर्स को करा रहे हैं.