India export Maldives: आटा-चावल से लेकर अंडा तक, मालदीव को ये चीज़ें एक्सपोर्ट करता है भारत

India export Maldives: आटा-चावल से लेकर अंडा तक, मालदीव को ये चीज़ें एक्सपोर्ट करता है भारत

दशकों से भारत और मालदीव के बीच एक मजबूत रिश्ता रहा है. वहीं मालदीव भारत का भरोसेमंद पड़ोसी भी रहा है. लेकिन मालदीव में चीन समर्थित सरकार के सत्ता में आने से भारत के साथ रिश्ते तनावपूर्ण रहने लगे हैं. और अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर मालदीव के मंत्रियों की आपत्तिजनक टिप्पणी आई तो यह दोनों के रिश्तों में आग में घी डालने का काम किया है.

भारत-मालदीव के बीच तनावपूर्ण रिश्ताभारत-मालदीव के बीच तनावपूर्ण रिश्ता
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jan 10, 2024,
  • Updated Jan 10, 2024, 12:55 PM IST

मालदीव, जो कुछ दिन पहले तक हर भारतीय के लिए घूमने की पसंदीदा जगह हुआ करती थी, अब लगता है उनकी सूची से ही बाहर हो गई है. लोग अब वहां जाने से इनकार कर रहे हैं. बड़ी संख्या में जिन लोगों ने यात्रा करने का फैसला किया था, उन्होंने अपने टिकट और होटल भी रद्द करवा दिए हैं. ये सब तब शुरू हुआ जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अपने ही देश लक्षद्वीप पहुंचे और वहां की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कीं.

जिसके बाद मालदीव के कुछ मंत्री इस पर अभद्र टिप्पणियां करने लगे. जिसमें भारत की मेहमाननवाजी पर सवाल उठाए गए. देखते ही देखते भारत के लोग एकजुट होने लगे और मालदीव का बहिष्कार करने लगे. आपको बता दें कि मालदीव सिर्फ पर्यटन के लिए ही नहीं बल्कि अन्य चीजों के लिए भी भारत पर निर्भर है.

मालदीव के राष्ट्रपति ने मांगी माफी

ऐसे में अगर मालदीव भारत से किसी भी तरह की नाराजगी मोल लेता है तो मालदीव को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है. भारत और यहां के लोगों की नाराजगी को दूर करने के लिए मालदीव के राष्ट्रपति ने उन तीनों मंत्रियों को ना सिर्फ सस्पैंड किया बल्कि भारत से माफी भी मांगी. आपको बता दें भारत मालदीव को कई चीजों का एक्सपोर्ट करता है. वो क्या-क्या हैं आइये जानते हैं विस्तार से.

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मंत्रियों ने की थी आपत्तिजनक टिपन्नी

दशकों से भारत और मालदीव के बीच एक मजबूत रिश्ता रहा है. वहीं मालदीव भारत का भरोसेमंद पड़ोसी भी रहा है. लेकिन मालदीव में चीन समर्थित सरकार के सत्ता में आने से भारत के साथ रिश्ते तनावपूर्ण रहने लगे हैं. और अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर मालदीव के मंत्रियों की आपत्तिजनक टिप्पणी आई तो यह दोनों के रिश्तों में आग में घी डालने का काम किया है. जिसका नुकसान हर हाल में मालदीव को भुगतना पड़ सकता है. 

मालदीव की अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान

दरअसल, मालदीव की अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में भारत का बड़ा योगदान है. इतना ही नहीं मालदीव कई चीजों के लिए पूरी तरह से भारत पर निर्भर है. पिछले साल मालदीव और भारत के बीच 500 मिलियन डॉलर से ज्यादा का व्यापार भी हुआ था. इस साल भी इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है. मालदीव और भारत के बीच तीन दशक पहले व्यापार समझौता हुआ था. इस समझौते के तहत मालदीव भारत से उन सामानों का आयात करता है, जिनका निर्यात दूसरे देशों को नहीं किया जाता है. इसके अलावा मालदीव की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में भी भारतीय धन का निवेश किया गया है.

ये चीज़ें एक्सपोर्ट करता है भारत

मालदीव की बात करें तो यह भोजन के लिए भारत पर निर्भर है. ऐसे में अगर भारत पीछे हट जाए या फिर मालदीव से नाराज हो जाए तो इसका बड़ा खामियाजा मालदीव को भुगतना पड़ सकता है. मालदीव चावल, आटा, मसाले, फल, सब्जियां, चीनी और पोल्ट्री उत्पादों के लिए भारत पर निर्भर है. इसके अलावा यह भारत से प्लास्टिक और लकड़ी का सामान भी आयात करता है. इतना ही नहीं, यह द्वीप मुख्य रूप से भारत से स्क्रैप मेटल का आयात करता है. इसके अलावा, भारत इंजीनियरिंग सामान, फार्मास्यूटिकल्स, रडार उपकरण, रॉक बोल्डर और सीमेंट जैसे औद्योगिक उत्पादों पर निर्भर है.

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