अरब सागर में उठा चक्रवात बिपरजॉय गुरुवार देर रात गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय इलाकों से टकराएगा. यह चक्रवात थोड़ा कमजोर जरूर हुआ है, लेकिन इसका खतरा अभी भी कम नहीं हुआ है. ऐसे में आज देशभर में कैसा रहेगा मौसम/Weather Update, किसानों का प्रदर्शन/Farmer Protest, फसल मुआवजा/Crop Compensation, मंडी समाचार/ Mandi News, पीएम-किसान की किस्त/PM-Kisan, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना/PMFBY, एमएसपी/MSP पर फसलों की खरीदारी और खेती-किसानी से जुड़ी हर अपडेट जानने के लिए पढ़ते रहें आज का हमारा लाइव अपडेट्स (Live Updates)-
गुजरात के भुज में तेज हवाएं और भारी बारिश. आज शाम गुजरात तट से टकराएगा 'बिपारजॉय'.
गुजरात के मांडवी में तेज हवाएं और भारी बारिश का सिलसिला जारी. आपको बता दें आईएमडी के मुताबिक आज शाम 'बिपारजॉय' गुजरात तट से टकराएगा जिस वजह से यहां मौसम बिलकुल बदल चुका है. यहां देखें यह विडियो.
गुजरात के कच्छ में चक्रवात 'बिपारजॉय' का जायजा लेने के लिए ड्रोन से ली गई तस्वीरें.
सौराष्ट्र और कच्छ तटों के लिए चक्रवात की चेतावनी: वीएससीएस (बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान) बिपरजॉय आज रात बहुत ही गंभीर तूफान के रूप में जखाऊ पोर्ट (गुजरात) के पास से गुजरेगा. आईएमडी ने जानकारी साझा करते हुए लोगों को सचेत किया है.
पुष्कर. एक ऐसा कस्बा जिसका नाम धार्मिक रूप से तो दुनियाभर में प्रसिद्ध है, लेकिन खेती के लिहाज से भी देश में इसका नाम है. जयपुर, दिल्ली और मुंबई सहित लगभग पूरे उत्तर भारत में जो स्वादिष्ट, मीठे और काले जामुन आप इन दिनों खा रहे हैं, बहुत संभव है कि ये जामुन पुष्कर से तीन किलोमीटर दूर एक बेहद छोटे से गांव गनाहेड़ा के किसी बगीचे से टूटकर गए हों. दरअसल, गनाहेड़ा और आसपास के गांवों में जामुन के सैंकड़ों बगीचे हैं. यहां के किसान पारंपरिक फसलें ना लेकर इस जामुन के व्यवसाय में शामिल हैं और संपन्न हैं,लेकिन दुनियाभर में खेती के लिए चुनौती बना क्लाइमेट चेंज से जामुन के किसान भी अछूते नहीं हैं.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD के मुताबिक आज शाम चक्रवात बिपरजॉय गुजरात के तटीय इलाकों से टकराने वाला है. बिपरजॉय का असर गुजरात और महाराष्ट्र में देखा जा रहा है. दोनों राज्यों में समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठने लगी हैं. मौसम विभाग ने बताया है कि 15 जून यानी आज चक्रवात बिपरजॉय का खासा असर देखने को मिलेगा. वहीं मौसम विभाग ने ये भी बताया है कि चक्रवात बिपरजॉय टकराने से पहले थोड़ा कमजोर पड़ने लगा है. वहीं देखना यह होगा कि शाम तक इसके क्या हालात रहते हैं. सुरक्षा के मद्देनजर रेलवे ने अब तक 95 ट्रेनों को रद्द कर दिया है. गुजरात से अब तक 37 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा चुका है.
समाजसेवी अन्ना हजारे को लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले शख्स के तौर पर ही जानते हैं. लेकिन, कम ही लोगों को पता होगा कि उन्होंने खेती-किसानी के लिए अहम योगदान दिया है. 15 जून 1937 को पैदा हुए अन्ना हजारे महाराष्ट्र के अहमदनगर से आते हैं जहां बड़े पैमाने पर खेती होती है. उनका गांव रालेगण सिद्धि इसी जिले में है. उन्होंने किसानों की परेशानियों को बहुत नजदीक से देखा है. इसीलिए उन्होंने 1980 में, सूखे या फसल की विफलता के समय जरूरतमंद किसानों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से मंदिर में अनाज बैंक की शुरुआत की थी.
क्या आपने कभी सोचा है हवा के बिना जिंदगी कैसी होगी? इस सवाल को उस माहौल में पूछा जाए जब हर तरफ गर्मी से लोगों का बुरा हाल तो उन्हें सिर्फ एक ही आस है कहीं से ठंडी हवा चल जाए बस. ऐसे में समझा जा सकता है कि हवा के बिना जिंदगी की कल्पना करना ही मुश्किल है. जिसे हम सिर्फ हवा समझ रहे हैं जिससे पसीना सूख जाता है, गर्मी नहीं लगती, वह ऊर्जा का भी एक अहम रूप है. इसका इस्तेमाल कई जरूरी कार्यों में हो सकता है. इसी मुद्दे पर जागरुकता लाने के लिए हुई हवा, वायु और विंड के लिए एक खास दिन की शुरुआत जिसे विश्व वायु दिवस या World Wind day के रूप में मनाया जाता है.
बीते कुछ सालों में किसानों के लिए खेती को घाटे का सौदा बनाने में फसल रोगों के प्रकोप ने अहम भूमिका निभाई है. अत्याधुनिक तकनीक की मदद से किसानों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए एआई का सहारा लिया गया है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने एआई आधारित एक ऐसा मोबाइल ऐप विकसित किया है, जिसकी मदद से किसान खुद अपनी फसलों के डॉक्टर बन सकेंगे. इसे 'फसलों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित रोग पहचान तंत्र' यानी AI-DISC नाम दिया गया है. एआई डिस्क का पूरा नाम 'डिजीज आइडेंटिफिकेशन सिस्टम फॉर क्रॉप्स' है.
देशभर में मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है. कहीं चिलचिलाती गर्मी तो कहीं बारिश के आसार नजर आ रहे हैं. भारत के तटीय राज्यों में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के कारण मौसम में यह बड़े बदलाव देखे जा रहे हैं. वही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है. ऐसे में बुधवार शाम दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई. वहीं, केरल और आंध्र प्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दी है. जिससे कई राज्यों में बारिश हो रही है.
मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है. राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार (15 जून) को अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस रह सकता है. हल्की बारिश की आशंका जताई गई है. इसके अलावा 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं. आईएमडी के मुताबिक, यूपी के कई जिलों में आज तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है.
आईएमडी की नई भविष्यवाणी के अनुसार, लैंडिंग के समय बिपरजॉय की संभावित गति 115 किमी प्रति घंटे होगी. इसका मतलब यह है कि अब यह बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान नहीं होगा जैसा कि पहले भविष्यवाणी की गई थी लेकिन, यह एक गंभीर चक्रवाती तूफान होगा. यानी अभी भी इसका खतरा बना हुआ है. हालांकि चक्रवात ने अब अपनी तीव्रता खो दी है. लैंडफॉल के तुरंत बाद चक्रवात के काफी कमजोर होने की संभावना भी जताई जा रही है.
गेटवे ऑफ इंडिया पर उठ रही ऊंची लहरें, चक्रवात बिपरजॉय के गुजरात में दस्तक देने की आशंका. मुंबई में सुबह 10.29 बजे हाई टाइड आने की उम्मीद जताई गई है.
IMD के महानिदेशक, डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने चक्रवात बिपरजॉय को विनाशकारी बताते हुए कहा कच्छ में 2-3 मीटर ऊंची लहरें और पोरबंदर और द्वारका जिलों में तेज़ हवा की गति के साथ अत्यधिक भारी वर्षा की आशंका है.
बीते दो-तीन साल की बात करें तो दूध के बेहताशा दाम बढ़े हैं. डेयरी कंपनियों ने तीन महीने में दो-दो बार दूध के दाम बढ़ाए हैं. जिसका सीधा असर ग्राहक की जेब पर पड़ता है. एक बार को तो ग्राहक भी सोचने को मजबूर हो जाता है कि दूध पर ऐसी कौन सी गाज गिर रही है जो लगातार दाम बढ़ रहे हैं. गर्मियों में दूध के दाम बढ़ने का गणित तो ग्राहक निकाल लेता है, लेकिन जब सर्दियों में दाम बढ़ते हैं तो रिटेल ग्राहक सोचने को मजबूर हो जाता है. और बीते तीन साल से यही हो रहा है. गर्मियों की बात तो छोड़िए सर्दियों में भी दूध के दाम बढ़ रहे हैं. दाम बढ़ने के पीछे की वजह क्या. है, ऐसे वो कौन से बड़े कारण हैं जो डेयरी कंपनियां लगातार दाम बढ़ाने को मजबूर हैं. इन्हीं सब वजह को जानने के लिए किसान तक ने बात की गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (गडवासु), लुधियाना के वाइस चांसलर डॉ. इन्द्रंजीत सिंह से.
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6 जून को अरब सागर में उठे चक्रवात बिपरजॉय गुरुवार देर रात गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय इलाकों से टकराएगा. यह चक्रवात थोड़ा कमजोर जरूर हुआ है, लेकिन इसका खतरा कम नहीं हुआ है. तटीय इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. चक्रवात का असर केवल गुजरात और महाराष्ट्र तक ही सीमित नहीं रहेगा. दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी देखने को मिलेगा.