चना एक महत्वपूर्ण दाल फसल है] जो दुनिया के कई हिस्सों में व्यापक रूप से उगाई की जाती है ताे वहीं वैश्विक स्तर पर इसकी खपत भी है. विशेष रूप से दक्षिण एशिया, मध्य पूर्व और भूमध्य क्षेत्र में चने की सबसे अधिक खपत है. तो वहीं भारत चना का सबसे बड़ा उत्पादक और एक्सपोर्टर है. वहीं चने के वैश्विक एक्सपोर्टरों में पाकिस्तान, तुर्की, ऑस्ट्रेलिया और रूस शामिल हैं. इन सब एक्सपोर्टर देशों के बीच भारत चने का बड़ा एक्सपोर्टर बन कर निकल रहा है, जिसमें भारत से चने के एक्सपोर्ट में तेजी है. तो वहीं बांग्लादेश भारतीय चने का सबसे बड़ा खरीदार बन कर उभरा है
असल में वैश्विक स्तर पर बांग्लादेश और ईरान जैसे देशों की मजबूत मांगके चलते हाल के महीनों में चना और देसी चना का निर्यात बढ़ा है. वहीं प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में चने की कीमतें 5,335 प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे बनी हुई हैं. नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देसी चना का निर्यात फरवरी में लगभग 10 गुना बढ़कर 52,495 टन हो गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 5,373 टन था. यह आंकड़ा आईग्रेन इंडिया द्वारा दिया गया है.
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बांग्लादेश ने फरवरी में 47,518 टन से अधिक चना खरीदा. इसी तरह, ईरान, मलेशिया, श्रीलंका और यूके ने महीने में चना की खरीदारी बढ़ा दी, जबकि संयुक्त अरब अमीरात और कतर जैसे अन्य बड़े खरीदारों ने वॉल्यूम में गिरावट देखी गयी. वहीं नेफेड द्वारा देसी चने की खरीद अब तक 13 लाख टन से अधिक रही है. इससे बाजार मूल्य को अच्छा समर्थन मिला है. निर्यात पिछले साल की तुलना में काफी बेहतर रहा है. ऐसे में बांग्लादेश के लिए शिपमेंट विशेष रूप से मजबूत था. वहीं रमजान फरवरी में अच्छी मांग देखी गई. 2022-23 के अप्रैल-फरवरी के दौरान चना का कुल शिपमेंट 1.26 लाख टन से अधिक था.
एक साल पहले इसी अवधि में चना का कुल शिपमेंट 42,941 टन पर था, जो 195 प्रतिशत अधिक था. इस अवधि के दौरान बांग्लादेश 53,733 टन से अधिक चना खरीदने का सबसे बड़ा खरीदार रहा, इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात 34,296 टन और ईरान 28,366 टन से अधिक रहा है.