मध्य प्रदेश के सतना से गेहूं खरीद का फर्जीवाड़ा सामने आया है. मामाला सतना जिले के सलखमा गांव से जुड़ा है. यहां एक महिला स्व सहायता समूह ने कागजों में 2682 क्विंटल गेहूं की खरीद की. इसके लिए महिला स्व सहायता समूह ने ऑनलाइन पोर्टल पर 18 फर्जी किसानों का नाम फीड कर 57 लाख रुपये का गबन किया है. इस मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज करते हुए समूह की अध्यक्ष, सचिव समेत 9 महिला सदस्योंं को गिरफ्तार किया है. आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है.
फर्जी गेहूं खरीद से जुड़ा हुआ ये घोटाला लक्ष्मी स्वसहायता समूह से जुड़ा हुआ है. इस मामले में रामनगर पुलिस ने समूह के कम्प्यूटर ऑपरेटर, समूह की अध्यक्ष, सचिव समेत कुल 15 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. इस मामले में पुलिस ने फिलहाल स्वसहायता समूह की अध्यक्ष, सचिव, 9 महिला सदस्यों समेत कुल 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिसमें एक कम्प्यूटर ऑपरेटर है. बाकी 3 की तलाश जारी है.
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असल में रामनगर थाना क्षेत्र के अरगट में खोले गए गेहूं उपार्जन केन्द्र के संचालन का जिम्मा सुलखमा की लक्ष्मी स्वसहायता समूह को दिया गया था, लेकिन समूह अध्यक्ष आशा यादव ने कम्प्यूटर ऑपरेटर और सदस्यों से साठगांठ कर 57 लाख कीमत का 2681 क्विंटल गेहूं बिना खरीदे बिना ही पोर्टल पर दर्ज कर दिया. इसमें फर्जीवाड़े का संदेह होने पर मई 2023 में मामले की जांच की गई तो 18 किसानों की फर्जी फीडिंग पाई गई, जिनमें से 10 के खातों में पैसे भेज दिए गए थे, जबकि यह गेहूं कभी खरीदा ही नहीं गया था. इतना ही नहीं कई बार रिमाइंडर भेजने पर भी समूह ने लिखित अनुबंध नहीं किया और दस्तावेजों में दर्शाई गई कम्प्यूटर ऑपरेटर कोमल गुप्ता को हटाकर रामसकल सिंह को नियुक्त करने की भी जानकारी नागरिक आपूर्ति निगम को नहीं दी थी.
फर्जीवाड़ा सामने आने पर मप्र स्टेट सिविल सप्लाइज कार्पोरेशन लिमिटेड की तरफ से जांच प्रतिवेदन रामनगर थाना प्रभारी आदित्य धुर्वे को दी गई, जिन्होंने जांच के बाद 15 आरोपियों के खिलाफ 17 अगस्त को आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471 और 34 का अपराध पंजीबद्ध कर लिया.
अपराध दर्ज करने के साथ ही पुलिस ने समूह अध्यक्ष आशा यादव, सचिव फुलझरिया पाल, सदस्य ममता पाल, फूलबाई पाल, चंदाबाई, अनीता, गुड्डी यादव, मुरतिया पाल, बबली पाल, दुअसिया पाल और फुद्दन यादव को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से सभी को जेल भेज दिया गया. वहीं ऑपरेटर रामशकल सिंह को गुरुवार शाम हिरासत में ले लिया गया, जिससे तौल-कांटा और लेपटॉप जब्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जबकि फरार चल रही समूह सचिव कोमल गुप्ता, अनुसुईया पाल और कलावती पाल की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर दविश दी जा रही है. (रिपोर्ट-योगितारा)