पंजाब-हरियाणा में चल रहे विवाद के बीच भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) की तकनीकी समिति ने फैसला लिया कि हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी देने का फैसला लिया. इस फैसले पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आपत्ति जताते हुए कहा कि पंजाब का हक मारा जा रहा है और यह अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बैठक में राजस्थान के अधिकारियों ने भी हरियाणा की मांग का समर्थन किया.
अतिरिक्त पानी की मांग अनुचित
BBMB भाखड़ा, पोंग और रणजीत सागर डैम से हरियाणा, पंजाब और राजस्थान जैसे साझीदार राज्यों में पानी का बंटवारा करता है. पंजाब सरकार के अधिकारियों ने बैठक में तर्क दिया कि हरियाणा पहले ही अपना आवंटित जल कोटा इस्तेमाल कर चुका है और अब अतिरिक्त पानी की मांग अनुचित है. इसके अलावा, पोंग और रणजीत सागर बांधों में पानी का स्तर पिछले वर्ष की तुलना में कम है.
भाजपा पंजाब और पंजाबियों की कभी नहीं हो सकती: मान
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “BBMB के जरिए पंजाब और पंजाबियों के हक का पानी हरियाणा को देना पूरी तरह गलत है. केंद्र और हरियाणा की भाजपा सरकारें मिलकर पंजाब के खिलाफ साजिश कर रही हैं. हम यह लूट स्वीकार नहीं करेंगे. भाजपा पंजाब और पंजाबियों की कभी नहीं हो सकती.”
पंजाब भर में विरोध प्रदर्शन
AAP ने भी भाजपा के इस फैसले के खिलाफ पंजाब भर में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है. AAP नेताओं ने भाजपा पर पंजाब से धोखा करने का आरोप लगाया है. आप नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा केंद्र के जरिए BBMB पर दबाव बना रही है ताकि हरियाणा को अतिरिक्त पानी दिलवाया जा सके.
हरियाणा ने अपने हिस्से का पानी पहले ही इस्तेमाल कर लिया
मुख्यमंत्री मान ने यह भी बताया कि हरियाणा ने मार्च 2024 तक अपने हिस्से का 103% पानी पहले ही इस्तेमाल कर लिया था और अब अप्रैल व मई के लिए अतिरिक्त पानी मांग रहा है, जबकि पंजाब को धान की बुआई के लिए पानी की आवश्यकता है और एक बूंद भी अतिरिक्त देने लायक नहीं बचा है. उन्होंने कहा कि एक मानवीय दृष्टिकोण से पंजाब ने 6 अप्रैल से हरियाणा को प्रतिदिन 4,000 क्यूसेक पानी दिया था, लेकिन अब 8,500 क्यूसेक पानी देने का दबाव गलत है.