कभी महात्मा गांधी के चंपारण आने के दौरान सबसे पहले यही पर उन्हें एसडीओ कोर्ट में पेश कराया गया था. उन्हें बिहार से बाहर जाने की बात कही गई. उस दौरान गांधी के पक्ष में हजारों की संख्या में किसान मौजूद थे. इस स्थान के बाद ही गांधी ने नील की खेती को लेकर आवाज बुलंद की. वहीं सत्याग्रह की नींव पड़ी. इस बारे में गांधी को लेकर विशेष ज्ञान रखने वाले विश्वजीत मुखर्जी ने पूरी जानकारी किसान तक को दी.