भारतीयों में पर्याप्त पोषण की कमी की जानकारी समय-समय पर सामने आती रही है. भारत सरकार भी इसे दूर करने के लिए कई स्तरों पर काम कर रही है. इसके लिए पहल की शुरूआत भी हो चुकी है. इस बीच लैंसेट के एक शोध में भारतीयों में पोषक तत्वों की कमी लेकर चौंकाने वाले दावे किए गए हैं. लैंसेट की स्टडी के मुताबिक, भारत में सभी आयु वर्ग के पुरुष और महिलाओं को स्वास्थ्य के लिहाज से भोजन में पर्याप्त मात्रा में जरूरी माइक्रो-न्यूट्रीएंट्स जैसे आयरन, कैल्शियम और फोलेट नहीं मिल रहे हैं. इन कमियों के लिए पालक, दालें, टमाटर और फलों को भोजन में शामिल कर दूर किया जा सकता है.
मालूम हो कि आयरन, कैल्शियम और फोलेट शरीर के लिए बेहद जरूरी होते हैं. इनकी शारीरिक गतिविधियों में बड़ी भूमिका होती है. आयरन बॉडी के सभी अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने और ऊर्जा पैदा करने में भूमिका निभाता है. वहीं, कैल्शियम हड्डियों और कोशिकाओं से जुड़े कार्यों के लिए अहम माना जाता है. फोलेट डीएनए सिंथेसिस और कोशिका विभाजन में बड़ी भूमिका निभाता है. ऐसे में इन तीनों विटामिन्स की कमी को पोषण युक्त आहार से दूर किया जा सकता है.
शरीर में आयरन की कमी दूर करने के लिए आयरन रिच-फूड यानी ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन जरूरी है, जिनमें पर्याप्त या अधिक मात्रा में आयरन मौजूद हो. आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है, जो शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है और कार्बन डाई-ऑक्साइड को बाहर निकालता है. आयरन दो प्रकार- हीम और नॉन-हीम के रूप में उपलब्ध होता है. हीम आयरन एनिमल प्रोडक्ट्स में मौजूद होता है. रेड मीट, सी-फूड, पॉल्ट्री और ऑर्गन मीट में यह पाया जाता है.
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वहीं, नॉन-हीम आयरन के लिए प्लांट-बेस्ड आयरन फूड्स- बीन्स, दालें, छोले आदि सबसे अच्छे स्त्रोत हैं. इनका विटामिन सी से भरपूर टमाटर और खट्टे फलों के साथ खाने पर बॉडी अच्छी तरह से आयरन एब्सॉर्ब कर पाती है. वहीं, पालक, चौलाई जैसे हरी पत्तेदार सब्जियों में प्रचुर मात्रा में आयरन मौजूद होता है. ड्राइ फ्रूट्स और और बीज भी नॉन-हीम आयरन के लिए काफी अच्छे हाेते हैं- कद्दू, तिल आदि के बीज और काजू में
पर्याप्त मात्रा में आयरन होता है.
कैल्शियम शरीर में हड्डियों, दांत और अन्य टिशू को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाता है. कैल्शियम की कमी दूर करने के लिए दूध और इससे बने उत्पादों का सेवन किया जा सकता है. हालांकि इससे पूरी तरह इसकी पूर्ति करना कठिन है. इसके लिए खस खस, तिल, कैरम बीज, खोआ, गुड़री साग, रागी आदि को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए. वहीं मांसाहारी खाद्य पदार्थों में समुद्री केकड़े, पोर्क (सूअर का मांस) आदि में कैल्शियम पाया जाता है.
फोलेट, एक प्रकार का विटामिन-B है. यह डीएनए सिंथेसिस, सेल डिवीजन और मस्तिष्क के कार्य के लिए बहुत जरूरी होता है. प्रेग्नेंसी के दौरान फोलेट काफी अहम माना जाता है. शरीर में फोलेट की कमी से एनीमिया, RBC काउंट कम होने जैसी समस्याएं हो सकती है. फोलेट हरी पत्तेदार सब्जियों पालक, शलजम के अलावा ब्रोकली, दालों और छोले में काफी मात्रा में पाया जाता है. फलों में संतरा, नींबू और एवोकाडो आदि के सेवन फोलेट की कमी को दूर किया जा सकता है.