भारत का विरोध नहीं झेल पाएंगे तुर्की और अजरबैजान, इन सामानों की खरीद-बिक्री होगी बंद!

भारत का विरोध नहीं झेल पाएंगे तुर्की और अजरबैजान, इन सामानों की खरीद-बिक्री होगी बंद!

भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत आतंकियों के नौ ठिकानों को निशाना बनाया था और पाकिस्‍तान पर जवाबी कार्रवाई की. इस संघर्ष के दौरान पाकिस्‍तान ने तुर्की में बने ड्रोन्‍स का प्रयोग किया था और उसका मकसद इन ड्रोन्‍स की मदद से भारत के सैन्‍य ठिकानों को निशाना बनाना था. जो कुछ भी हुआ है उससे तुर्की और अजरबैजान के रिश्‍तों पर भी असर पड़ सकता है.

भारत में शुरू हुआ तुर्की और अजरबैजान का बायकॉट (फाइल फोटो) भारत में शुरू हुआ तुर्की और अजरबैजान का बायकॉट (फाइल फोटो)
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • May 14, 2025,
  • Updated May 14, 2025, 2:22 PM IST

भारत ने ठीक एक हफ्ते पहले पाकिस्‍तान के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्‍च किया था. यह स्‍ट्राइक 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी. भारतीय सेनाओं के जाबांज सैनिकों के आगे जब पाकिस्‍तान की सेनाएं कमजोर पड़ी तो अजरबैजान और तुर्की ने कमान संभाल ली. इन दोनों ही देशों ने जिस तरह से पिछले दिनों पाकिस्‍तान का साथ दिया, उसके बाद अब इनकी मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. आने वाले दिनों में भारत के व्‍यापरिक रिश्‍ते तुर्की और अजरबैजान दोनों के साथ ही बिगड़ सकते हैं. 

ड्रोन बने पाकिस्‍तान का सहारा 

भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत आतंकियों के नौ ठिकानों को निशाना बनाया था और पाकिस्‍तान पर जवाबी कार्रवाई की. इस संघर्ष के दौरान पाकिस्‍तान ने तुर्की में बने ड्रोन्‍स का प्रयोग किया था और उसका मकसद इन ड्रोन्‍स की मदद से भारत के सैन्‍य ठिकानों को निशाना बनाना था. जो कुछ भी हुआ है उससे तुर्की और अजरबैजान के रिश्‍तों पर भी असर पड़ेगा, इस बात की पूरी संभावना अब जताई जाने लगी हैं. व्‍यापार और टूरिज्‍म बंद करने से भारत पर तो ज्‍यादा असर नहीं पड़ेगा लेकिन हां ये दोनों देशों खासे प्रभावित हो सकते हैं. भारत की जनता और व्यापारी, दोनों देशों के बहिष्‍कार पर उतरे आए हैं. 

कश्‍मीर मसले पर पाकिस्‍तान के 'साथी'

कई ऑनलाइन ट्रैवल साइट्स जैसे ईजमाईट्रिप और इक्सिगो ने अपने ग्राहकों को तुर्की और अजरबैजान न जाने की सलाह दे दी है. दूसरी ओर से उन भारतीय व्‍यापारियों ने मोर्चा संभाल लिया है जो तुर्की के साथ सेब और संगरमरमर का व्‍यापार करते हैं. ये दोनों ही देश कश्‍मीर पर पाकिस्‍तान के रुख का समर्थन करते आए हैं. जबकि दोनों ही देशों में भारतीयों की संख्‍या भी गौर करने वाली है. वर्तमान में तुर्की में करीब 3,000 भारतीय नागरिक रहते हैं जिनमें से 200 छात्र हैं. इसी तरह से अजरबैजान में भारतीय समुदाय के 1,500 से ज्‍यादा लोग शामिल हैं. 

क्‍या है व्‍यापार का हाल 

अब अगर हम दोनों देशों के साथ व्‍यापार की चर्चा करें तो वह भी काफी ज्‍यादा नहीं है. अप्रैल-फरवरी 2025-25 तक भारत ने तुर्की को 5.2 अरब डॉलर की चीजें निर्यात की थीं. जबकि साल 2023-24 में यह आंकड़ा 6.65 अरब डॉलर का था. भारत कुल 437 अरब डॉलर का निर्यात करता है और तुर्की की हिस्‍सेदारी इसमें सिर्फ 1.5 प्रतिशत है. वहीं अगर अजरबैजान की बात करें तो 2024-25 में यह आंकड़ा 86.07 लाख डॉलर का था. वहीं एक साल पहले यह आंकड़ा 89.67 लाख डॉलर तक था. भारत के कुल निर्यात में अजरबैजान भी सिर्फ 0.02 फीसदी की ही हिस्‍सेदारी रखता है. 

तुर्की से भारत का आयात भी बहुत कम है. अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान तुर्की से भारत का आयात 2.84 अरब डॉलर था. जबकि 2023-24 में यह 3.78 अरब डॉलर था. यह भारत के कुल 720 अरब डॉलर के आयात का सिर्फ 0.5 प्रतिशत ही है. अजरबैजान का भी हाल कुछ ऐसा ही है. अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान अजरबैजान से आयात 1.93 लाख डॉलर का था. वहीं 2023-24 में यह 0.74 लाख अमरीकी डॉलर था. यह भारत के कुल आयात का सिर्फ मात्र 0.0002 प्रतिशत ही है. भारत का दोनों ही देशों के साथ ट्रेड सरप्‍लस ही है. 

तुर्की से क्‍या आयात, क्‍या निर्यात 

भारत की तरफ से तुर्की को साल 2023-24 में 960 लाख डॉलर के मिनिरल फ्यूल्‍स और ऑयल के अलावा इलेक्‍ट्रॉनिक मशीनरी और इक्विपमेंट्स, ऑटो और उसके पार्ट्स, ऑर्गेनिक केमिकल्‍स, फार्मा प्रॉडक्‍ट्स टैनिंग और रंगाई का सामान, प्लास्टिक, रबर, कपास, आर्टिफिशियल फाइबर और फिलामेंट्स के अलावा लोहा और स्‍टील निर्यात किया गया था. 

अगर आयात की बात करें तो अलग-अलग तरह के मार्बल (ब्लॉक और स्लैब), ताजे सेब (करीब 10 लाख डॉलर), सोना, सब्जियां, चूना और सीमेंट, मिनिरल ऑयल (2023-24 में 1.81 अरब डॉलर), केमिकल, नैचुरल या कल्‍चर्ड मोती, लोहा और स्‍टील आयात किया गया था. सन् 1973 में एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर दोनों देशों ने साइन किया था. इसके बाद साल 1983 में आर्थिक और टेक्निकल को-ऑपरेशन पर भारत-तुर्की ज्‍वॉइन्‍ट कमीशन पर एक समझौता हुआ. 

अजरबैजान के साथ व्‍यापार 

निर्यात 
भारत ने तंबाकू और उसके उत्पाद (2023-24 में 28.67 लाख डॉलर), चाय, कॉफी, अनाज, केमिकल, प्लास्टिक; रबर, कागज और पेपर बोर्ड के साथ सिरेमिक के प्रॉडक्‍ट्स निर्यात किए. 

आयात 
अजरबैजान से पशु चारा, ऑर्गेनिक केमिकल, एसेंशियल ऑयल और इत्र, के अलावा और कच्‍चा हाइड्स और चमड़ा (अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान 1.52 लाख डॉलर का रहा. वहीं साल 2023 में भारत अजरबैजान के कच्चे तेल के लिए तीसरा सबसे बड़ा देश था.

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