परंपरागत खेती में लगातार कम होते मुनाफे की वजह से अब किसान बागवानी की खेती की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं. बागवानी की खेती में मुनाफा देने वाला एक ऐसा ही विकल्प है लीची की खेती. लीची अपने आकर्षक रंग, स्वाद और क्वालिटी के लिए लोकप्रिय है. यह सेहत के लिए बहुत गुणकारी फल है. वहीं, इसकी खेती से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं. ऐसे में अगर आप भी लीची की बागवानी करना चाहते हैं तो आप इसके पौधे सस्ते में ऑनलाइन ऑर्डर करके मंगवा सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे?
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन लीची के पौधे बेच रहा है. इस पौधे को आप एनएससी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज और पौधे आसानी से मिल जाते हैं. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
लीची एक ऐसा फल है जो अपने आकर्षक रंग, स्वाद लिए काफी लोकप्रिय है. ये बहुत ही रसीला फल होता है. गर्मी के दिनों में लोग इस फल को काफी चाव से खाते हैं. लीची के फलों का उपयोग सीधे तौर पर खाने के अलावा अनेक प्रकार की चीजों को बनाने के लिए भी किया जाता है. लीची के फलों से जैम, जेली और शरबत आदि बनाया जाता है. बाजारों में भी लीची की बहुत अधिक मांग रहती है, जिस वजह से किसान लीची की बागवानी करना पसंद करते हैं.
अगर आप भी लीची की बागवानी करना चाहते हैं तो इसके पौधे उपलब्ध हैं. आपको इसका पौधा फिलहाल 28 फीसदी की छूट के साथ 600 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से लीची की खेती कर सकते हैं.
लीची के बागान के लिए अच्छी जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी ज्यादा उपयुक्त होती है. इसके पेड़ को कठोर और रेतीली भूमि में नहीं उगाना चाहिए. भारत के ठंडे प्रदेशों को छोड़कर इसे कहीं पर भी लगाया जा सकता है. वहीं, लीची की खेती करने के लिए 2 फीट लंबा, 2 फीट चौड़ा और 2 फीट गहरा गड्ढा खोदना चाहिए. गड्ढा खोदने के बाद इसे तपन के लिए 15 दिन धूप में खुला छोड़ना है. इससे मिट्टी के हानिकारक कीट समाप्त हो जाते हैं. वहीं, पौधा लगाने के बाद गड्ढे को भरने के लिए प्रति गड्ढे में 20-30 किलो गड्ढे के ऊपरी भाग की उपजाऊ मिट्टी, 20 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद और 50 ग्राम क्विनॉलफॉस कीटनाशक धूल का प्रयोग करें. इसके बाद गड्ढे में पौधे का लगा दें.