दुनियाभर में अनाज और तिलहन की कीमतों में उथल-पुथल का माहौल बना हुआ है, लेकिन इसके बावजूद इनके व्यापार में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. अब राबोबैंक ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें वर्ष 2023-24 के दौरान अनाज और तिलहन का व्यापार बढ़कर 880 मिलियन टन पहुंच गया, जिसकी कीमत 330 बिलियन डॉलर आंकी गई. यूक्रेन-रूस ‘युद्ध’ के कारण अनाज और तिलहन की कीमतों में भारी उछाल आया है, लेकिन इसके बावजूद पिछले पांच साल में अनाज के लिए व्यापार की मात्रा में 3.2 प्रतिशत और तिलहन के लिए 2.4 प्रतिशत की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट से बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, यह पिछले दशक में देखी गई 7 प्रतिशत की तुलना में धीमी थी.
बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2023-24 में चीन, भारत और मैक्सिको ने क्रमशः सोयाबीन, पाम ऑयल और मक्का का सबसे ज्यादा आयात किया. वहीं, चीन और मिस्र ने सबसे ज्यादा गेहूं का आयात किया. राबोबैंक के मुताबिक, गेहूं विश्वभर में सबसे ज़्यादा कारोबार गेहूं का होता है. साल 2021 से 2023 के बीच सालाना औसतन 216 मिलियन टन गेहूं का कारोबार हुआ है.
इसमें रूस दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं निर्यातक बनकर उभरा है और अपने प्रतिस्पर्धियों को बहुत पीछे छोड़ दिया. वहीं, समान अवधि के दौरान मक्का अनाज कारोबार के मामले में दूसरे नंबर पर रही. इस दौरान औसतम सालाना 193 मिलियन टन मक्का का कारोबार हुआ. अमेरिका, ब्राजील, अर्जेंटीना और यूक्रेन मक्का के उत्पादन और निर्यात में अव्वल रहे, जिनका 90 प्रतिशत वैश्विक कारोबार पर कब्जा रहा.
वहीं, राबोरिसर्च के अनाज और तिलहन के सीनियर एनालिस्ट वीटो मार्टिएली ने कहा कि कुल मिलाकर, उत्पादन, आयात और निर्यात और कारोबारियों की संख्या के मामले में गेहूं का बाजार काफी बिखरा हुआ है. वहीं, अगर दुनिया भर में तिलहन कारोबार की बात करें तो पहले नंबर पर सोयाबीन का सबसे ज्यादा कारोबार हुआ.
साल 2021 से 2023 के बीच सालाना औसतन 168 मिलियन टन सोयाबीन का व्यापार हुआ. सोयाबीन के उत्पादन के मामले में ब्राजील, अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के कुछ अन्य देश अव्वल रहे. इनमें से ब्राजील सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक रहा, जबकि एशिया और यूरोपीय संघ ने दुनियाभर में सबसे ज्यादा सोयाबीन का आयात किया. वहीं, चीन दुनियाभर में सोयाबीन व्यापार और पेराई उद्योग में अपनी पकड़ मजबूत की है.