कोदो खाने से कैसे कम होने लगता है वजन, जानिए इसके सेवन से होने वाले पांच फायदे

कोदो खाने से कैसे कम होने लगता है वजन, जानिए इसके सेवन से होने वाले पांच फायदे

कृषि वैज्ञानिक दीपक प्रजापति, अमर सिंह गौड़, जगन्नाथ पाठक, विकास कुमार और विवेक कुमार यादव बताते हैं कि कोदो फाइबर से भरपूर होता है, जो वजन घटाने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए मदद करता है. फाइबर आपको लंबे समय तक पेट भरे होने का एहसास करवाता है, जिससे कुल कैलोरी का सेवन कम हो जाता है.

जानिए कोदो खाने के फायदे
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 08, 2024,
  • Updated May 08, 2024, 4:36 PM IST

कोदो एक प्रकार का मोटा अनाज है. यह एक जल्दी पकने वाली एवं गरीबों की फसल मानी जाती है. इसकी खेती कम उपजाऊं मिट्टी में बिना खाद तथा पानी के भी की जा सकती है. कोदो आकार में छोटा होने के साथ-साथ औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इसे भारत में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे इसे हिन्दी में कोदो, कन्नड़ में हरिका, गुजराती में कोदरा, तेलुगू में अरिकेलू एरिका बोला जाता है. देश में विभिन्न प्रकार के खाद्य अनाजों की खेती की जा रही है. लेकिन कोदो बहुत गुणकारी और खास है.

कृषि वैज्ञानिक दीपक प्रजापति, अमर सिंह गौड़, जगन्नाथ पाठक, विकास कुमार और विवेक कुमार यादव बताते हैं कि कोदो फाइबर से भरपूर होता है, जो वजन घटाने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए मदद करता है. फाइबर आपको लंबे समय तक पेट भरे होने का एहसास करवाता है, जिससे कुल कैलोरी का सेवन कम हो जाता है. इसके अतिरिक्त, यह शरीर से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को खत्म करने में सहायता करता है, जिससे हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है.

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वजन घटाने में फायदेमंद

फाइबर की अच्छी मात्रा होने के कारण कोदो भूख को नियंत्रित करता है. ग्लाइसेमिक लोड कम होने के कारण शरीर में ग्लूकोज एकत्रित नहीं होता और इसे खाने के बाद पेट भरा हुआ रहता है. इससे अतिरिक्त कैलोरी लेने से बच जाते हैं, फलस्वरूप वजन कम होने लगता है.

रक्त साफ करने में मददगार

 कोदो रक्तशोधक का काम करता है. यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है. इसके साथ-साथ कफ और पित्तदोष को भी शांत करता है. इसकी प्रकृति क्षारीय होती है, जिससे रक्त का पी-एच संतुलित रहता है और त्वचा संबंधी समस्याएं भी नहीं होती हैं.

मधुमेह कम करने में सहायक

कोदो में एंटीडायबिटीज यौगिक उपस्थित होते हैं. इसके सेवन से सीरम में इंसुलिन का स्तर बढ़ता है, जिससे ग्लूकोज का लेवल कम होने लगता है. कोदो में मौजूद फाइबर के कारण रक्त में ग्लूकोज धीरे-धीरे मुक्त होता है. मधुमेह के रोगी को दिन में एक बार गेहूं-चावल की जगह कोदो को अपने आहार में शामिल करना चाहिए. इससे भरपूर पोषण मिलेगा और रक्त में ग्लूकोज का स्तर सामान्य बना रहेगा. अतः मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को कोदो के साथ अन्य किसी श्रीअन्न को भी आहार में शामिल करना चाहिए.

कैंसर में फायदेमंद

 कोदो को मिट्टी के बर्तन में पकाना चाहिए. इसमें एंटीऑक्सीडेन्ट्स होते हैं. ये शरीर में फ्री रेडिकल्स की संख्या को कम करते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि होने से रोकते हैं.

हृदय स्वास्थ्य में असरकारी

हृदय स्वास्थ्य के लिये यह पौष्टिक आहार है. इसके निरंतर सेवन से ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी आने लगती है. इसके साथ ही साथ रक्तचाप को भी सामान्य रखने में मदद करता है.

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