सरकार देश के कई राज्यों में सूरजमुखी की खेती को फिर से जिंदा करना चाहती है. इन राज्यों में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा शामिल हैं. तिलहन की इस फसल को इन राज्यों में रबी के तौर पर बोया जाएगा. इन राज्यों में रबी धान की जगह सूरजमुखी की खेती को बढ़ावा देने की तैयारी है. राष्ट्रीय तिलहन मिशन के तौर पर इस साल तकरीबन एक दशक बाद बिहार, छ्त्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में बड़े पैमाने पर इसकी खेती की गई है.
सरकार ने तिलहन मिशन शुरू किया है जिसका मकसद देश में 2032 तक खाद्य तेलों के आयात को 57 फीसद से घटाकर 28 परसेंट पर ले आना है. इसी के तहत सूरजमुखी की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. एक आंकड़े के मुताबिक, पिछले साल देश में कुल खाद्य तेलों का आयात लगभग 160 लाख टन हुआ था जिसमें 35 लाख टन सूरजमुखी तेल की हिस्सेदारी थी. भारत सूरजमुखी तेल का मुख्य रूप से आयात यूक्रेन से करता है.
अधिकारी कहते हैं कि देश में सूरजमुखी की खेती का एरिया कुल तिलहन से बहुत कम है, मगर प्रोसेसिंग क्लस्टर बनाए जाने से किसानों का रुझान इस ओर बढ़ने की संभावना है. क्लस्टर बनाए जाने से किसानों की आय बढ़ने की उम्मीद है. किसानों की कमाई बढ़ेगी तो वे सूरजमुखी की खेती में अधिक जोर लगाएंगे. कृषि विभाग के जॉइंट डायरेक्टर कपिलदेव दीपक ने 'फाइनेंशियल एक्सप्रेस' से कहा, हम जायद और रबी धान की जगह सूरजमुखी की खेती को बढ़ावा देना चाहते हैं.
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देश के कई राज्यों में पहले सूरजमुखी की खेती ज्यादा होती थी. 2010-11 में लगभग 93 लाख हेक्टेयर में इसकी खेती की गई थी. मगर बाद में इसमें गिरावट आती गई क्योंकि किसान उन फसलों की ओर रुख करते चले गए जिससे कम समय में अधिक कमाई होती है. मुख्य तौर पर यह ट्रेंड कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में देखा गया. एक अधिकारी की मानें तो सूरजमुखी के हाइब्रिड बीज की कमी, खेती से कम कमाई और तेल के अधिक आयात ने किसानों को इसकी खेती से अलग कर दिया.
पारंपरिक रूप से तिलहन की खेती खरीफ और रबी सीजन में की जाती है. साल 2024-25 के दौरान पिछले साल की तुलना में कुछ तिलहन फसलों की खेती अधिक दर्ज की गई. मूंगफली, सूरजमुखी और तिल की खेती का कुल रकब 10 लाख हेक्टेयर से अधिक रहा जबकि उससे पिछले साल में यह 8 लाख हेक्टेयर से अधिक था. कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि देश में खाद्य तेल मिशन तिलहन के उत्पादन को बढ़ावा दे रहा है जिसमें कि सूरजमुखी का दायरा बढ़ाए जाने की पूरी क्षमता है.
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