गोवा सरकार की नई कृषि नीति का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में इनोवेशन, तकनीक और ऑटोमेशन लाना है. साथ ही, राज्य की समृद्ध जैव विविधता और कृषि विरासत को संरक्षित करना भी इसका मिशन है. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कुछ खास चुनौतियों का समाधान करने और कृषि क्षेत्र के अवसरों का लाभ उठाने के लिए गोवा राज्य अमृतकाल कृषि नीति 2025 लॉन्च की है.
पीटीआई से बात करते हुए, राज्य के कृषि निदेशक संदीप फलदेसाई ने कहा कि नई नीति राज्य-विशिष्ट चुनौतियों का समाधान करके और विकास के अवसरों का लाभ उठाकर कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए शुरू की गई. उन्होंने कहा कि मुख्य फोकस स्थिरता और उत्पादकता सुनिश्चित करने के लिए किसानों की समृद्धि है.
इन चीजों पर फोकस करेगी पॉलिसी
बताया जा रहा है कि यह कृषि नीति गोवा के कृषि क्षेत्र को अधिक उत्पादक बनाने के लिए इनोवेशन, तकनीक और रिसर्च के महत्व पर जोर देती है. किसानों के प्रयासों को आसान बनाने के लिए ऑटोमेशन, पानी में घुलनेवाले उर्वरक, मशीनीकरण और सिंचाई तकनीकें पेश की जाएंगी.
यह पॉलिसी हाई वैल्यू वाली फसलों की खेती के लिए गोवा की जैव विविधता और जलवायु लाभ को संरक्षित करने पर केंद्रित है. गोवा की समृद्ध जैव विविधता और कृषि विरासत को संरक्षित करने और कृषि में उत्पादकता, स्थिरता और फायदा बढ़ाने के लिए इसे आधुनिक तकनीक के साथ इंटीग्रेट करने के पर फोकस कर रहे हैं.
किसानों ने किया स्वागत
गोवा सरकार ने राज्य में जैविक खेती, शहरी कृषि और कृषि-पर्यटन को प्रोत्साहित करने और उच्च मूल्य वाली फसलों की खेती के लिए किसानों को सब्सिडी प्रदान करने के लिए पिछले महीने नई पॉलिसी शुरू की. राज्य में किसानों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. उत्तरी गोवा के चोराओ गांव में फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष प्रेमानंद म्हाम्ब्रे ने कहा कि नीति में कई सकारात्मक पहलू हैं.
इससे महिलाओं और युवाओं के बीच खेती को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. देवगी-चोराओ गांव के एक किसान मच्छींद्रनाथ कौथंकर ने कहा कि नीति में किसानों के लिए कई प्रोत्साहन हैं, जबकि उसी गांव के एक अन्य किसान रजत बेटेकेकर ने कहा कि यह पहल खेती और पर्यटन को जोड़ती है और इससे उन्हें लाभ होगा.