सर्दी के दिनों में लोग कई अलग-अलग प्रकार के साग खाना पसंद करते हैं. वहीं, लोग सरसों के साग और मक्के की रोटी को खूब चाव से खाते हैं. दरअसल, सरसों रबी सीजन की एक प्रमुख तिलहन फसल है. इस फसल का भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान है. सरसों की खेती किसानों के लिए काफी लोकप्रिय खेती है. इस फसल की खेती कम सिंचाई और कम लागत में आसानी से हो जाती है. वहीं, सरसों की बुवाई देश के लगभग सभी राज्यों में हो चुकी है, लेकिन कई राज्यों के किसान सरसों की देरी से भी खेती करते हैं. ऐसे में अगर आप भी सरसों की साग वाली किस्म की खेती करना चाहते हैं और इसका बीज मंगवाना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई जानकारी की सहायता से सरसों की पूसा साग-1 किस्म के उत्तम बीज ऑनलाइन आसानी से अपने घर मंगवा सकते हैं.
पूसा साग-1 किस्म सरसों की एक खास किस्म है. सरसों के इस साग वाले उन्नत किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर) ने विकसित की है. इसकी औसत बीज उपज 21.69 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. इसमें औसतन 37.2 फीसदी तेल होता है. यह बुआई के लगभग 130 दिनों बाद पक तैयार जाती है. इस किस्म का साग काफी फायदेमंद भी माना जाता है. वहीं, इस किस्म की खेती सबसे अधिक उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्यों में होती है.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन सरसों पूसा साग-1 किस्म का बीज बेच रहा है. इन बीजों को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार के फलों और सब्जियों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
अगर आप भी सरसों की उन्नत किस्म की खेती करना चाहते हैं तो पूसा साग-1 किस्म के 500 ग्राम का पैकेट फिलहाल 48 फीसदी छूट के साथ 77 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएंगे. इसे खरीद कर आप आसानी से सरसों की साग का आनंद ले सकते हैं. इस साग की किस्म को आप अपने किचन गार्डन या बगीचे में उगा सकते हैं.
सरसों की खेती करने के लिए सबसे पहले खेत को तैयार कर लें. इसके बाद खेत की ट्रैक्टर से दो या तीन बार अच्छी तरह से जुताई कर देनी है. इसके अलावा खेत की कल्टीवेटर से भी दो से तीन बार जुताई कर देनी चाहिए. इसके बाद खेतों में गोबर को मिट्टी में मिलाकर जुताई पूरी कर लें, फिर उसके बाद सरसों की फसल की बुवाई कर देनी चाहिए. फिर जब फसम में पत्तियां आने लगे तब साग का स्वाद लें सकते हैं.