Sugar Production: देश में 320 लाख टन जा सकता है चीनी का उत्पादन, महाराष्ट्र अव्वल

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Sugar Production: देश में 320 लाख टन जा सकता है चीनी का उत्पादन, महाराष्ट्र अव्वल

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इस पेराई सीजन के अंत तक देश में चीनी का उत्पादन 320 लाख टन तक जा सकता है. पिछले साल इसी अवधि में चीनी का उत्पादन 312 लाख टन रहा था. इस सीजन में अभी तक चीनी उत्पादन में 0.5 परसेंट की मामूली गिरावट दर्ज की गई है. हालांकि पेराई सीजन के अंत तक उत्पादन 320 लाख टन तक जा सकता है.

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देश में चीनी का पेराई सीजन अक्टूबर से सितंबर तक चलता है. इस बार कर्नाटक में चीनी का कम उत्पादन हुआ है. अभी देश में चीनी के निर्यात पर बैन है. इस बीच सरकार ने इस निर्यात को आगे भी बढ़ाए रखने का ऐलान किया है. इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन यानी कि ISMA ने इस साल चीनी का उत्पादन अनुमान 312 लाख टन कर दिया है.

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इस्मा ने अपने आंकड़े में बताया है कि देश के प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 15 अप्रैल तक 1.09 करोड़ टन से अधिक रहा है जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह उत्पादन 1.05 करोड़ टन था. दूसरी ओर यूपी में चीनी का उत्पादन पिछले साल की मात्रा 90.67 लाख टन से बढ़कर 1.01 करोड़ टन हो गया है. चीनी उत्पादन में यूपी का दूसरा स्थान है.

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चीनी उत्पादन में कर्नाटक तीसरे स्थान पर है. यहां 15 अप्रैल तक चीनी का उत्पादन थोड़ा कम रहा है और इसकी मात्रा 50.06 लाख टन है. एक साल पहले इसी अवधि में उत्पादन की मात्रा 50.49 लाख टन था. इसी तरह बिहार हरियाणा और पंजाब में कुल कुला मिलाकर 31.89 लाख टन रहा है जबकि पिछले साल यह 34.75 लाख टन था.

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इसी के साथ गुजरात और तमिलनाडु में भी चीनी का उत्पादन घटा है. गुजरात में चीनी का उत्पादन 919000 टन और तमिलनाडु में यह मात्रा 860000 टन रही है. चीनी के उत्पादन में कमी के पीछे एक वजह मिलों के जल्दी होने को भी बताया जा रहा है. अप्रैल के पहले पखवाड़े में अधिक मिलें बंद हुई हैं जबकि पेराई सीजन चल रहा है.

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एक रिपोर्ट बताती है कि चालू पेराई सीजन में 15 अप्रैल तक 128 मिलों ने अपना काम बंद कर दिया जबकि एक साल पहले ठीक इसी अवधि में 55 मिलें बंद हुई थी. इस हिसाब से अप्रैल में दोगुने से भी अधिक मिलें बंद हुई हैं जिसका असर उत्पादन पर दिख रहा है. यहां बंद होने का अर्थ पेराई का काम बंद होने से है. 

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रिपोर्ट बताती है कि 15 अप्रैल तक देश भर में कुल मिलाकर 448 चीनी मिलों ने अपने पेराई का काम पूरा कर लिया है और उनमें चीनी का उत्पादन नहीं हो रहा है. पिछले साल 15 अप्रैल तक 401 कारखाने उत्पादन करने के बाद बंद हुए थे. इन सबका असर अभी तक चीनी उत्पादन पर दिख रहा है. हालांकि पेराई सीजन के अंत तक देश में 320 लाख टन तक उत्पादन का अनुमान जताया गया है.