भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का जन्म आज ही के दिन 1981 में हुआ था. भारत को तीन आईसीसी ट्रॉफी दिलाने वाले धोनी आज अपना 42वां जन्म दिन मना रहे हैं. मालूम हो कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी जितना अच्छा पिच पर खेलते थे, उतना ही बखूबी से अब वे अपने खेतों में कमाल दिखा रहे हैं. वे जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ ही पशुपालन भी कर रहे हैं. यही वजह है कि धोनी को पूर्वी भारत के सर्वश्रेष्ठ गो-पालक का सम्मान भी मिल चुका है. जन्मदिन के खास मौके पर हम आपको बताएंगे कि धोनी अपने फॉर्महाउस में क्या-क्या उगाते हैं.
महेंद्र सिंह धोनी लगभग 43 एकड़ के फॉर्म हाउस में खेत करते हैं. वहीं धोने ने अपने फॉर्म हाउस को प्रयोगों की 'पिच' बना दिया है. यहां वे अनानास, पपीता, अमरूद, प्याज, टमाटर, लौकी, मटर, तरबूत, फूलगोभी और स्ट्रॉबेरी के साथ ही आम की सफलतापूर्वक बागवानी करते हैं.
धोनी अपने फार्म हाउस में मुर्गा पालन भी करते हैं. उन्होंने मध्य प्रदेश के झाबुआ से कड़कनाथ नामक मुर्गे की नस्ल मंगाई थी. बता दें कि कड़कनाथ का खून काला होता है. इसका मांस शक्तिवर्धक और पौष्टिक होता है.
मंडियों में आमतौर पर जैविक फल-सब्जियां और अनाज थोड़ा महंगे होते हैं, लेकिन ये सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं. धोनी जैविक उत्पादों के इन पौष्टिक गुणों से भलीभांति परिचित हैं. यही वजह है कि धोनी जैविक तरीके से खेती कर रहे हैं और मार्केट से कम रेट में सब्जियां उपलब्ध करा रहे हैं.
पूर्व भारतीय कप्तान धोनी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वे अपने फॉर्म हाउस में किन चीज़ों की खेती करते हैं. उन्होंने कहा, “लिस्ट काफी लंबी है. लेकिन अगर प्रमुख रूप से बोलें तो वॉटरमेलन. हमने पहले वॉटरमेनल से स्टार्ट किया, फिर पपीता, फिर एक वक़्त आया जब हमने फलों के बहुत से पेड़ लगाए. उसके बाद ड्रैगन फ्रूट, हल्दी और अदरक आदि की खेती शुरू किए.
महेंद्र सिंह धोनी फॉर्म हाउस में सब्जी और फलों की खेती के साथ डेयरी फॉर्म भी चलाते हैं. दरअसल रांची के कांके स्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में साल 2021 में आयोजित एक किसान मेला में जानवरों की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी. इस प्रदर्शनी में महेंद्र सिंह धोनी के डेयरी फॉर्म की दो नस्ल की गायें भी लाई गई थीं. इसमें धोनी के डेयरी फॉर्म से फ्रांस के फ्रीजियन नस्ल के साथ-साथ साहीवाल नस्ल की गाय और उसके बछड़े और सांड भी लाए गए थे. हालांकि इस प्रदर्शनी में कई दूसरे नस्ल की गाय और भैंस भी शामिल हुए थे. लेकिन आयोजकों ने धोनी के गायों को सर्वश्रेष्ठ मानते हुए उत्कृष्ट पशुपालक का सम्मान दिया था.