PHOTOS: गन्ना किसानों के लिए बुरी खबर! अब गुड़-शीरा के निर्यात पर लग सकता है टैक्स

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PHOTOS: गन्ना किसानों के लिए बुरी खबर! अब गुड़-शीरा के निर्यात पर लग सकता है टैक्स

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देश के गन्ना किसानों के लिए ये अच्छी खबर नहीं है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि सरकार गुड़ या शीरा के निर्यात पर 25 परसेंट टैक्स लगा सकती है. यानी कोई कंपनी गुड़ का निर्यात करती है तो उसे 25 परसेंट तक टैक्स देना पड़ सकता है. चूंकि गुड़ या शीरा गन्ने बनता है, इसलिए इस पर लगने वाले टैक्स का असर किसानों की कमाई पर भी पड़ेगा.

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एक्सपोर्ट ड्यूटी लगने से गुड़ का निर्यात घटेगा जिससे किसानों की कमाई घटेगी. अब जान लेते हैं कि सरकार यह कदम क्यों उठा सकती है. अगले सीजन में चीनी का उत्पादन घटने की आशंका है. इससे गन्ने की पेराई कम होगी. पेराई कम होने से गुड़ कम निकलेगा. इसकी सप्लाई प्रभावित हो सकती है.

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गुड़ कम होने से इथेनॉल के उत्पादन पर उलटा असर हो सकता है. चावल का भाव बढ़ने से वैसे ही इथेनॉल का उत्पादन प्रभावित हुआ है. ऐसे में सरकार गुड़ को लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाह रही है. इसे देखते हुए गुड़ का निर्यात अधिक न हो, सरकार 25 परसेंट एक्सपोर्ट ड्यूटी लगा ने के विचार में है. हालांकि अभी यह प्रस्ताव है.

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गुड़ पर ड्यूटी इसलिए लग सकती है क्योंकि सरकार इसके निर्यात को धीमा करना चाह रही है. सरकार का मानना है कि देसी बाजार में इसकी सप्लाई बनी रहे और डिस्टिलरी को बराबर इसकी खेप मिलती रहे. सूत्रों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय इस फैसले को बहुत जल्द नोटिफाई कर सकता है. 'बिजनेसलाइन' ने यह खबर प्रकाशित की है.

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खबर के मुताबिक, इथेनॉल के उत्पादन और पेट्रोल में उसकी ब्लेंडिंग का टारगेट पूरा हो, इसके लिए सरकार गुड़ पर निर्यात ड्यूटी लगाने के बारे में सोच रही है. अगले सीजन में देश में चीनी का कितना उत्पादन होगा, सरकार अभी इसका आंकड़ा जारी करने वाली है. लेकिन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन की मानें तो इस बार उत्पादन घट सकता है.

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उद्योग से जुड़े एक्सपर्ट बताते हैं कि सरकार ड्यूटी का फैसला ले सकती है क्योंकि नवंबर में गन्ने की नई पेराई शुरू होगी जिससे गुड़ भी बनता है. अप्रैल तक महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात में गन्ने की पेराई चलती है. यही तीनों राज्य गुड़ के सबसे बड़े निर्यातक हैं. नवंबर में निर्यात शुरू होने से पहले सरकार एक्सपोर्ट ड्यूटी पर फैसला ले सकती है.

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एक्सपर्ट सरकार के इस प्रस्ताव का समर्थन कर रहे हैं. उनका कहना है कि कई राज्यों में गन्ने की पैदावार गिरने वाली है क्योंकि बारिश की कमी है. ऐसे में सरकार पहले ही गुड़ के निर्यात को कम करे तो आगे हालात खराब नहीं होंगे. इससे डिस्टिलरी को गुड़ की सप्लाई अच्छी बनी रहेगी और इथेनॉल का उत्पादन सुचारू रहेगा.