Sugarcane Variety: गन्ने की इस किस्म ने कभी यूपी को बनाया चीनी उत्पादन में नंबर वन, अब है बीमारी ग्रस्त

Sugarcane Variety: गन्ने की इस किस्म ने कभी यूपी को बनाया चीनी उत्पादन में नंबर वन, अब है बीमारी ग्रस्त

यूपी में गन्ने की प्रजाति CO-0238 ऐसी किस्म रही है जिसने लगातार दस साल तक बंपर उत्पादन दिया. प्रदेश में 90 फीसद तक इस प्रजाति के गन्ने की खेती हुई. लेकिन अब यह प्रजाति बीमारी की शिकार हो गई है. यह प्रजाति छोटी बेधक, पोक्का बोइंग, लाल सड़न रोग की चपेट में आ चुकी है जिससे पैदावार में गिरावट आई है.

गन्ने की उन्नत किस्म CO-0238 गन्ने की उन्नत किस्म CO-0238
धर्मेंद्र सिंह
  • Lucknow ,
  • May 31, 2023,
  • Updated May 31, 2023, 4:50 PM IST

उत्तर प्रदेश गन्ना उत्पादन में ही नहीं बल्कि अब चीनी उत्पादन में भी देश में नंबर वन हो चुका है. नकदी फसल होने के चलते किसानों के द्वारा अब प्रदेश में 28 लाख हेक्टेयर से ज्यादा भूमि पर गन्ने की खेती की जा रही है. गन्ना किसान गन्ने की कुछ खास किस्में हैं जिनको प्रमुखता से लगा रहे हैं. गन्ने की किस्म की बदौलत उत्तर प्रदेश गन्ना उत्पादन में जहां अग्रणी राज्य है, तो वहीं अब चीनी उत्पादन में नंबर वन बन चुका है. गन्ने की यह किस्म है CO-0238 (CO-0238 variety). इस किस्म की बदौलत गन्ने के उत्पादकता में डेढ़ गुना का इजाफा हुआ है. वहीं चीनी की रिकवरी ग्रोथ भी दो परसेंट तक बढ़ी है जिससे प्रदेश के गन्ना किसानों को काफी फायदा हो रहा है.

गन्ने की वैसे तो कई किस्में किसानों के बीच प्रचलित हैं. इसमें जलवायु के अनुसार अलग-अलग गन्ने की किस्में लोकप्रिय हैं. उत्तर प्रदेश में इन दिनों CO-0238 किस्म सबसे अधिक चर्चा में है जिसे भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है.

गन्ने की नई किस्म का कमाल

गन्ने की यह किस्म उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है. उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा किसान इस किस्म के गन्ने की खेती कर रहे हैं. 2015-16 में उत्तर प्रदेश में कुल गन्ना क्षेत्रफल के अकेले 20 फीसद भूभाग पर इस किस्म की खेती की जा रही थी. वही इस किस्म की सबसे ज्यादा खेती पंजाब में 70 परसेंट किसानों के द्वारा हो रही है.

गन्ने की इस किस्म की बदौलत उत्तर प्रदेश में गन्ने की उत्पादकता ही नहीं बढ़ी है बल्कि गन्ने के रस में चीनी की रिकवरी भी बढ़ी है. उत्तर प्रदेश के आधा दर्जन से ज्यादा जनपदों में CO-0238 प्रजाति का क्षेत्रफल 90 फीसद तक पहुंच चुका है. गन्ने की इस प्रजाति की खेती बागपत, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, बिजनौर, बुलंदशहर जिलों में हो रही है. हालांकि गन्ने की यह प्रजाति अब रोग ग्रस्त हो चुकी है जिसके कारण गन्ने की उत्पादकता पर भी असर पड़ने लगा है.

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बीमारी से प्रभावित हुई ये किस्म

उत्तर प्रदेश में 10 साल तक गन्ने की किस्म CO-0238 का सबसे ज्यादा नाम रहा है. पिछले तीन साल से गन्ने की यह प्रजाति छोटी बेधक, पोक्का बोइंग, लाल सड़न रोग की चपेट में आ चुकी है. इस प्रजाति में सबसे अधिक रोगों का प्रकोप बढ़ा है जिसकी वजह से पैदावार में गिरावट आने लगी है. वही किसानों को अब गन्ने की प्रजाति में बदलाव करने की सलाह भी जा रही है. लखनऊ अनुसंधान संस्थान में विकसित प्रजाति कोलख-14201 इन दिनों सबसे अच्छा उत्पादन दे रही है.

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