Chilli Farming: भरवा मिर्च में कौन सी खाद डालें जिससे पैदावार बढ़े, तीखापन भी मिले भरपूर

Chilli Farming: भरवा मिर्च में कौन सी खाद डालें जिससे पैदावार बढ़े, तीखापन भी मिले भरपूर

मिर्च की खेती विभिन्न प्रकार की मिट्टी में सफलतापूर्वक की जा सकती है. जिसमें पर्याप्त कार्बनिक पदार्थ और उचित जल निकासी की सुविधा हो. मिर्च की फसल जलभराव की स्थिति को सहन नहीं कर पाती है. हालाँकि मिर्च को पीएच 6.5-8.00 वाली मिट्टी में भी उगाया जा सकता है.

मिर्च की खेती में करें इस खाद का इस्तेमालमिर्च की खेती में करें इस खाद का इस्तेमाल
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 01, 2024,
  • Updated Feb 01, 2024, 7:24 PM IST

जब भी मिर्च की बात आती है तो भरवा मिर्च का नाम सबसे पहले आता है. इस मिर्च की लोकप्रियता पूरे देश में है. और इसकी खास वजह ये है कि इस मिर्च का इस्तेमाल ज्यादातर अचार बनाने में किया जाता है. जिसके कारण इस मिर्च की मांग साल भर बनी रहती है. जिस वजह से इसकी खेती फायदे का सौदा बन जाती है. लेकिन मिर्च कि खेती से सही उत्पादन लेने के लिए जरूरी है कि मिर्च कि फसल में सही खाद का इस्तेमाल किया जाए. तभी जाकर फसल से सही उपज मिलती है. 

जलवायु और मिट्टी

मिर्च की खेती विभिन्न प्रकार की मिट्टी में सफलतापूर्वक की जा सकती है. जिसमें पर्याप्त कार्बनिक पदार्थ और उचित जल निकासी की सुविधा हो. मिर्च की फसल जलभराव की स्थिति को सहन नहीं कर पाती है. हालाँकि मिर्च को पीएच 6.5-8.00 वाली मिट्टी में भी उगाया जा सकता है. मिर्च की खेती के लिए 15 - 35 डिग्री सेल्सियस तापमान और गर्म आर्द्र जलवायु उपयुक्त होती है. साथ ही किसानों कि इस बात का भी धायन रखना चाहिए कि फसल लगाने के 130-150 दिन की अवधि में पाला ना पड़े.

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मिर्च की उन्नत किस्में

काशी अनमोल (उपज 250 क्विंटल/हेक्टेयर), काशी विश्वनाथ (उपज 220 क्विंटल/हेक्टेयर), जवाहर मिर्च - 283 (उपज 80 क्विंटल/हेक्टेयर हरी मिर्च.) जवाहर मिर्च -218 (उपज 18-20 क्विंटल/हेक्टेयर) अर्का सुफल (उपज 250 क्विंटल / हेक्टेयर) और संकर किस्मों काशी अर्ली (उपज 300-350 क्विंटल / हेक्टेयर), काशी सुर्ख या काशी हरिता (उपज 300 क्विंटल / हेक्टेयर) का चयन. 

इस खाद का करें इस्तेमाल

मिर्च की फसल से अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए 20-25 टन गोबर की सड़ी हुई खाद या 5-10 टन वर्मीकम्पास्ट रोपाई के 15-20 दिनों पहले खेत में मिला दें. इसके अलावा रासायनिक उर्वरकों में 120 कि.ग्रा. नाइट्रोजन, 60 कि.ग्रा. फॉस्फोरस एवं 60 कि.ग्रा. पोटाश प्रति हैक्टर प्रयोग करना चाहिए. नाइट्रोजन की आधी और फॉस्फोरस, पोटाश की पूरी मात्रा रोपाई के पहले और नाइट्रोजन की शेष आधी मात्रा रोपाई के 45-60 दिनों बाद देनी चाहिए.

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