टमाटर की नर्सरी अगस्त तक जरूर लगा दें किसान, अधिक पैदावार के लिए ऐसे करें खेत की तैयारी

टमाटर की नर्सरी अगस्त तक जरूर लगा दें किसान, अधिक पैदावार के लिए ऐसे करें खेत की तैयारी

टमाटर एक ऐसी फसल है जिसे बहुत सावधानी से सिंचाई की आवश्यकता होती है. इसे सही समय पर सिंचाई करना बहुत जरूरी है. अधिक सिंचाई और कम सिंचाई दोनों ही नुकसानदायक हैं. इसके लिए जरूरी है कि मिट्टी में हमेशा मध्यम नमी बनी रहे.

टमाटर की खेती टमाटर की खेती
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 12, 2024,
  • Updated Jul 12, 2024, 9:48 AM IST

टमाटर की खेती से अधिक पैदावार लेने के लिए किसान साल में दो बार इसकी खेती करते हैं. एक जुलाई-अगस्त से शुरू होकर फरवरी-मार्च तक चलती है और दूसरी नवंबर-दिसंबर से शुरू होकर जून-जुलाई तक चलती है. टमाटर की खेती में सबसे पहले बीजों से नर्सरी तैयार की जाती है, करीब एक महीने में नर्सरी के पौधे खेतों में लगाने के लिए तैयार हो जाते हैं. एक हेक्टेयर जमीन में करीब 15,000 पौधे लगाए जा सकते हैं. खेतों में पौधे लगाने के करीब 2-3 महीने बाद उनमें फल लगने लगते हैं. टमाटर की फसल 9-10 महीने तक चलती है. ऐसे में आइए जानते हैं अधिक पैदावार के लिए किसान कैसे कर सकते हैं टमाटर की खेती.

टमाटर के बीजों को नर्सरी में छोटी क्यारियों में बोकर पौध तैयार की जाती है और जब पौध 4-5 सप्ताह की हो जाती है, तो उन्हें पहले से तैयार खेतों में रोप दिया जाता है. नर्सरी में बीज बोने का समय अगस्त से नवंबर तक है.

कब करें सिंचाई

टमाटर एक ऐसी फसल है जिसे बहुत सावधानी से सिंचाई की आवश्यकता होती है. इसे सही समय पर सिंचाई करना बहुत जरूरी है. अधिक सिंचाई और कम सिंचाई दोनों ही नुकसानदायक हैं. इसके लिए जरूरी है कि मिट्टी में हमेशा मध्यम नमी बनी रहे. इसलिए टमाटर की खूंटी वाली फसलों और ग्रीष्मकालीन फसलों में 7 दिन के अंतराल पर आवश्यकतानुसार सिंचाई करनी चाहिए और जमीन वाली फसलों और सर्दियों वाली फसलों में 10 दिन के अंतराल पर आवश्यकतानुसार सिंचाई करनी चाहिए. सूखे की स्थिति के तुरंत बाद अधिक पानी देने से फल फट जाते हैं.

ये भी पढ़ें: Maize Farming: एक हेक्टेयर में करनी है मक्का की बुवाई तो कितना लगेगा बीज? पूसा ने जारी की एडवाइजरी

निराई की जरूरत

टमाटर एक ऐसी फसल है जिसे बार-बार और उथली निराई की आवश्यकता होती है. इसलिए, हर सिंचाई के बाद मिट्टी की ऊपरी परत को हाथ से कुदाल चलाकर ढीला रखना चाहिए. गहरी निराई से जड़ों को नुकसान पहुंचता है. इसलिए, मिट्टी में उचित वायु संचार बनाए रखने के लिए, पहली निराई रोपण के 20-25 दिन बाद और दूसरी निराई रोपण के 40-45 दिन बाद करनी चाहिए और जड़ों पर मिट्टी चढ़ा देनी चाहिए.

टमाटर की उन्नत किस्में

अधिक पैदावार के लिए किसान उन्नत किस्मों की बुवाई कर सकते हैं. पूसा रूबी, पूसा अर्ली ड्वार्फ, अर्का आलोक, स्वर्ण लालिमा, विल्ट प्रतिरोधी किस्म, अर्का आभा और अर्का आलोक. स्वर्ण वैभव, स्वर्ण नवीन, पूसा हाइब्रिड-2, काशी अमृत, स्वर्ण संपदा, स्वर्ण समृद्धि, स्वर्ण विजया, अर्का रक्षक, अर्का सम्राट आदि टमाटर की उन्नत किस्में हैं.

ये भी पढ़ें: Banana farming: सब्जी वाले केले की खेती क्यों है फायदेमंद और क्या-क्या हैं किस्में, यहां जानिए

फसल की कटाई और उपज

देशी टमाटर की खेती में, देशी किस्मों की कटाई बुवाई के 90 से 100 दिन बाद शुरू होती है. संकर किस्मों में, कटाई 70 से 80 दिन बाद शुरू होती है. देशी टमाटर की खेती से प्रति एकड़ 120 से 150 क्विंटल उपज मिलती है. संकर किस्में प्रति हेक्टेयर 250 से 600 क्विंटल उपज देती हैं.

खाद और उर्वरक

टमाटर की खेती में उर्वरकों का प्रयोग मिट्टी परीक्षण के आधार पर करना चाहिए. यदि किसी कारणवश मिट्टी परीक्षण संभव न हो तो प्रति हेक्टेयर नाइट्रोजन-100 किलोग्राम, फास्फोरस-80 किलोग्राम और पोटाश-60 किलोग्राम डालना चाहिए. नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की कुल मात्रा का एक तिहाई भाग रोपाई से पहले मिट्टी में मिलाकर अच्छी तरह मिला देना चाहिए. बचे हुए नाइट्रोजन को दो बराबर भागों में बांटकर रोपाई के 25 से 30 और 45 से 50 दिन बाद टाप ड्रेसिंग के रूप में मिट्टी में मिला देना चाहिए. जब ​​फूल व फल आने लगें तो 0.4-0.5% यूरिया के घोल का छिड़काव करना चाहिए. रोपाई के समय प्रति हेक्टेयर 20-25 किलोग्राम बोरेक्स डालकर मिट्टी में अच्छी तरह मिला देना चाहिए. फलों की गुणवत्ता सुधारने के लिए फल आने पर 0.3% बोरेक्स घोल का 3-4 बार छिड़काव करना चाहिए.

MORE NEWS

Read more!