केरल कृषि विश्वविद्यालय की नई तरबूज वैरायटी की चर्चा, लाल की बजाय ऑरेंज है गूदा और बीज भी नहीं 

केरल कृषि विश्वविद्यालय की नई तरबूज वैरायटी की चर्चा, लाल की बजाय ऑरेंज है गूदा और बीज भी नहीं 

भारत में यह पहली बार है कि किसी सार्वजनिक क्षेत्र के रिसर्च इंस्टीट्यूट ने नारंगी गूदे वाला बीज रहित तरबूज विकसित किया है. प्रमुख ब्रीडर प्रदीपकुमार टी ने किसानों को बीज उपलब्ध कराने से पहले कई प्रयोग किए हैं.

बीज रहित किस्म के आने से देश में तरबूज की खेती को बढ़ावा मिलेगा. (सांकेतिक तस्वीर)बीज रहित किस्म के आने से देश में तरबूज की खेती को बढ़ावा मिलेगा. (सांकेतिक तस्वीर)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 13, 2025,
  • Updated Feb 13, 2025, 2:51 PM IST

केरल कृषि विश्वविद्यालय (Kerala Agricultural University) के सब्जी विज्ञान विभाग ने तरबूज की ऐसी किस्म विकसित की है, जो अपने रंग और बिना बीजों की वजह से चर्चा का विषय बनी हुई है. दरअसल, नई किस्म के तरबूज का गूदा लाल की बजाय ऑरेंज कलर का है. इतना ही नहीं इस किस्म के तरबूज में अंदर बीज भी नहीं हैं. एक तरबूज का औसतन वजह 3.4 किलो तक है. विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया है कि बीज रहित किस्म के आने से देश में तरबूज की खेती को बढ़ावा मिलेगा.

केरल कृषि विश्वविद्यालय ऑरेंज तरबूज किस्म विकसित की 

केरल कृषि विश्वविद्यालय सब्जियों की नई-नई और अनोखी वैराइटी विकसित करने के लिए अकसर चर्चा में रहता है. अब विश्वविद्यालय ने बिना बीज वाले तरबूज की वैराइटी विकसित की है, जिसकी खूब चर्चा हो रही है. क्योंकि, इसका गूदा लाल की बजाय ऑरेज कलर का है और यह दूसरी किस्मों की तुलना में काफी मीठा और अच्छी क्वालिटी का भी है. विश्वविद्यालय इससे पहले लाल गूदे वाली किस्म शोनीमा और पीले गूदे वाली किस्म स्वर्णा को विकसित कर चुका है. 

अधिक मीठा और बेस्ट क्वालिटी का तरबूज 

तरबूज की स्वर्णा और शोनीमा किस्म को विकसित करने वाले ब्रीडर प्रदीपकुमार टी के मार्गदर्शन में शोध करने वाले पीएचडी स्कॉलर अनसाबा के पीएचडी रिसर्च प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में वेल्लानिकारा स्थित केरल कृषि विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान विभाग में ऑरेंज यानी नारंगी गूदे वाले बीज रहित तरबूज का विकास किया है. इस किस्म के तरबूज का वजन 3.5 किलोग्राम तक है. 

केरल में बड़े स्तर पर हो रही तरबूज की खेती 

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार बयान में कहा गया कि भारत में यह पहली बार है कि किसी सार्वजनिक क्षेत्र के रिसर्च इंस्टीट्यूट ने नारंगी गूदे वाला बीज रहित तरबूज विकसित किया है. प्रमुख ब्रीडर प्रदीपकुमार टी ने किसानों को बीज उपलब्ध कराने से पहले कई प्रयोग किए हैं. उन्होंने कहा कि केरल में तरबूज की खेती बड़े स्तर पर हो रही है और युवा अधिक खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं. प्रमुख ब्रीडर प्रदीपकुमार टी ने कहा कि पट्टे पर जमीन लेकर हाइब्रिड किस्मों की खेती का चलन तेजी से बढ़ा है. 

विश्वविद्यालय ने बीज उत्पादन तकनीक सौंपी 

उन्होंने कहा कि केरल कृषि विश्वविद्यालय ने शोनीमा के बीज उत्पादन की तकनीक को सब्जी और फल संवर्धन परिषद केरल और बेंगलुरू स्थित एक निजी बीज कंपनी को ट्रांसफर कर दिया है. उन्होंने कहा कि भारत में हाल ही में नारंगी गूदे वाले तरबूज की खेती में तेजी आई है. इस क्षेत्र में बीज रहित किस्म के आने से देश में तरबूज की खेती को बढ़ावा मिलेगा. 

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