Fish Farming: मछली पालन के लिए अब नहीं है तालाब की जरूरत, इस तकनीक से बदल रही है किसानों की किस्मत

Fish Farming: मछली पालन के लिए अब नहीं है तालाब की जरूरत, इस तकनीक से बदल रही है किसानों की किस्मत

बाराबंकी के सतरिख क्षेत्र में किसानों के बीच यह तकनीक तेज तेजी से मशहूर हो रही है. दो गांव में बायोफ्लोक तकनीक की मदद से किसान मछली पालन कर रहे हैं. एक टैंक में करीब 35 से 40 हजार रुपये की लागत आती है और इससे 4 महीने में ही लागत का पैसा डेढ़ से दोगुना तक मिल जाता है.

धर्मेंद्र सिंह
  • Barabanki ,
  • May 05, 2024,
  • Updated May 05, 2024, 10:40 AM IST

मछली पालन के लिए अब तालाब की जरूरत भी नहीं है क्योंकि अब घर पर ही टैंक के माध्यम से मछलियों का पालन किया जा रहा है. बायोफ्लाक तकनीक की मदद से किसानों की किस्मत संवर रही है. लखनऊ मंडल के बाराबंकी के सतरिख क्षेत्र में किसानों के बीच यह तकनीक तेज तेजी से मशहूर हो रही है. दो गांव में बायोफ्लाक  तकनीक की मदद से किसान मछली पालन कर रहे हैं. एक टैंक में करीब 35 से 40,000 रुपये की लागत आती है और 4 महीने में ही लागत का पैसा डेढ़ से दोगुना तक मिल जाता है.

मछली पालन के माध्यम से किसानों की आमदनी बढ़ाने में इस तकनीक का बड़ा योगदान है. बायोफ्लाक तकनीक के माध्यम से मछली पालन कर रहे उमाशंकर ने बताया टैंक में भोजन और पानी बदलने की प्रक्रिया होती है. मछली तैयार होने में 38 से ₹40000 की लागत आती है जबकि 5 महीने में यह मछलियां तैयार हो जाती हैं. एक टैंक से 25 से ₹30000 तक का मुनाफा होता है. 

ये भी पढ़ें : Onion Export: प्याज एक्सपोर्ट पर लगी रोक हटाई गई, लोकसभा चुनाव के बीच मोदी सरकार का बड़ा फैसला

बायोफ्लाक तकनीक में एक बैक्टीरिया का इस्तेमाल किया जाता है. इस तकनीक में सबसे पहले मछलियों को सीमेंट या मोटे पॉलिथीन से बने टैंक में डाला जाता है फिर मछलियों को जो खाना दिया जाता है उसका 75% मल के रूप में बाहर निकाल देती हैं. बायोफ्लाक बैक्टीरिया इस मल को प्रोटीन बदलने का काम करती है जिससे मछलियों खा जाती है जिससे उनका विकास तेजी से होता है. 

मछली पालक 10000 लीटर क्षमता का अगर एक टैंक बनावत है तो उसे बनवाने में करीब 35 से ₹40000 की लागत आती है.  इसका 5 सालों तक इस्तेमाल किया जा सकता है. मछली पालक एक टैंक से 25 से ₹30000 तक का मुनाफा कमा सकता है . इस तकनीक के माध्यम से पन्गेसियस, देसी मांगुर , सिंहि, कार्प और कॉमन कार्प किस्म की मछलियों का पालन बड़ी आसानी से किसान कर सकते हैं

60 फीसदी तक मिलती है सब्सिडी

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत बायोफ्लाक तकनीक से मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य विभाग 40 से 60 फ़ीसदी की सब्सिडी दे रहा है. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है. प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने के बाद किसानों का चयन होता है.  बायोफ्लाक तकनीक के अलावा जिले में 32 किसान आरएस विधि से काम कर रहे हैं.

MORE NEWS

Read more!