Terrace Gardening: छत पर बनाना चाहते हैं सुंदर-सा गार्डन? प्‍लानिंग में ये टिप्‍स करेंगी मदद

Terrace Gardening: छत पर बनाना चाहते हैं सुंदर-सा गार्डन? प्‍लानिंग में ये टिप्‍स करेंगी मदद

टेरेस गार्डन छोटी-सी या कम जगह पर भी बनाया जाता सकता है. एक हरा-भरा कोना भी काफी आरामदायक एहसास दे सकता है. इसलि‍ए अगर आप अपनी छत (टेरेस) पर एक प्‍यारा-सा गार्डन बनाने की सोच रहे हैं तो इन टिप्‍स और सलाहों को जरूर ध्‍यान में रखें…

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प्रतीक जैन
  • Noida,
  • May 08, 2025,
  • Updated May 08, 2025, 11:26 PM IST

भारत ही नहीं दुनियाभर में बड़े शहरों में टेरेस गार्डन‍िंग बेहद ही आम बात है, लेकिन अब देश के छोटे शहरों, कस्‍बों और यहां तक कि गांवों में भी इसका क्रेज़ बढ़ रहा है. टेरेस गार्डन‍िंग मन को खुशी देने वाला काम है. दिनभर के काम-काज की थकान को दूर करने के लिए कुछ लोग अकेले या अपनों के साथ गार्डन/पार्क में टहलना या बैठना पसंद करते हैं. अगर आप इसके लिए घर से बाहर नहीं जाना चाहते हैं तो टेरेस गार्डन में भी प्रकृति के अनूठे सकारात्‍मक एहसास को महसूस कर सकते हैं. टेरेस गार्डन छोटी-सी या कम जगह पर भी बनाया जाता सकता है. एक हरा-भरा कोना भी काफी आरामदायक एहसास दे सकता है. इसलि‍ए अगर आप अपनी छत (टेरेस) पर एक प्‍यारा-सा गार्डन बनाने की सोच रहे हैं तो इन टिप्‍स और सलाहों को जरूर ध्‍यान में रखें…

प्‍लानिंग है बेहद जरूरी

सबसे पहले यह तय करना जरूरी है कि आप अपनी छत को किस तरह से गार्डन का रूप देना चाहते हैं. अगर आपका बजट बहुत कम है तो इसमें मनपसंद पौधों के साथ आप बढ़‍िया सी लाइटिंग से इसे सजा सकते हैं. वहीं, अगर जगह और खर्चे की दिक्‍कत नहीं है तो आप पौधों के साथ रॉक्स, गैजीबो, वॉटर बॉडी, फाउंटेन जैसी चीजों से गार्डन को सजाकर लग्‍जरी फील कर सकते हैं. यह दिखने में बहुत ही खूबसूरत लगेगा और मेहमानों काे भी काफी पंसद आएगा. 

छत को बनाएं वाटरप्रूफ

अगर गार्डन बना रहे हैं तो छत को वाटरप्रूफ बना लें, नहीं तो इसमें सीलन की समस्‍या हो जाएगी. भूलकर भी सीधे छत पर मिट्टी डालकर पौधे और घास न लगाएं. इसके लिए सबसे पहले आप वाटरप्रूफ पेंट कर सकते हैं, फिर इसपर पक्‍की ईंट का जाल बिछा लें और इस पर वायर मेस बिछाएं. वायर मेस पर मिट्टी बिछाने से ये ईंट के अंदर नहीं जाएगी और छत का बचाव होगा.

पानी के निकास की व्‍यवस्‍था है जरूरी

छत पर पौधे-घास लगाने के साथ ही पानी की निकासी की व्‍यवस्‍था करना भी बेहद जरूरी है. यह व्‍यवस्‍था खासकर गार्डन की हेल्‍थ को ठीक रखेगी और अतिरिक्‍त फैले पानी से आपकी छत की सुरक्षा भी होगी. अगर पानी निकलने की व्‍यवस्‍था नहीं बनाई तो छत और बिल्डिंग को नुकसान की संभावना बढ़ जाती है.

पौधों को पानी देना न भूलें

पौधों को उनकी जरूरत के हिसाब से पानी दें. न कम न ही ज्‍यादा. इसके लिए पौधों में नमी चेक करें. साथ ही पौधों को उनकी धूप की जरूरत के हिसाब से टेरेस पर रखें, कहां, किस समय कितनी धूप आती है यह देखें और वैसा प्‍लेसमेंट करें. रोज सुबह पौधों में पानी डाले और थोड़ी धूप दिखाएं. मिट्टी गीली रहने या उसमें पर्याप्‍त नमी रहने पर पानी न डालें. ज्‍यादा पानी के कारण पौधों की जड़ में सड़न लग सकती है और पोषण पर बुरा असर पड़ सकता है. अगर पौधे ज्‍यादा धूप के कारण सूख रहे हैं या पीले पड़ रहे हैं तो थाेड़े समय के लिए घर के अंदर या छांव में रख सकते हैं.

कीड़े-मकौड़ों को ऐसे भगाएं

गार्डन को केमिकल फ्री बनाए रखने के लिए कोशिश करें कि कुछ पौधे ऐसे लगाएं जो कीड़े-मकौड़ो, मच्‍छरों को भगाते हों. हालांकि, अगर थोड़े बहुत केमिकल फर्टिलाइजर या अन्‍य कीटनाशकों के इस्‍तेमाल की जरूरत पड़ती है तो 15 से 30 दिन में इनका इस्‍तेमाल करें. कीटनाशक के तौर पर हर्बल नीम तेल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए नियमित रूप से दो-तीन महीने के गैप में इसका इस्‍तेमाल किया जा सकता है.

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