खीरे की खेती के लिए बहुत जरूरी होते हैं ये 3 उर्वरक, जानें कौन-कौन से 

खीरे की खेती के लिए बहुत जरूरी होते हैं ये 3 उर्वरक, जानें कौन-कौन से 

खीरे का बायोलॉजिकल नाम कुकुमिस सैटिवस है. इसकी खोज भारत में ही हुई थी. यह एक बेल वाला पौधा होता है. भारत में गर्मियों में इसका सबसे ज्‍यादा प्रयोग होता है. खीरे के फल को कच्चा खाया जाता है और ज्‍यादातर सलाद के तौर पर इसका प्रयोग होता है.  गर्मी के मौसम में अक्‍सर खीरा सबकी पसंद रहता है.

खीरे में पानी की मात्रा 96 फीसदी तक होती है
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • May 09, 2024,
  • Updated May 09, 2024, 5:21 PM IST

खीरे का बायोलॉजिकल नाम कुकुमिस सैटिवस है. इसकी खोज भारत में ही हुई थी. यह एक बेल वाला पौधा होता है. भारत में गर्मियों में इसका सबसे ज्‍यादा प्रयोग होता है. खीरे के फल को कच्चा खाया जाता है और ज्‍यादातर सलाद के तौर पर इसका प्रयोग होता है.  गर्मी के मौसम में अक्‍सर खीरा सबकी पसंद रहता है. सलाद से लेकर कई और तरह से लोग खीरे का सेवन करते हैं. खीरा एमबी यानी मोलिब्डेनम और विटामिन के का एक बड़ा सोर्स है.  

खीरे के लिए जरूरी पोषक तत्‍व 

कई लोग अपने किचन गार्डन में खीरा उगाते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर घर किचन गार्डन में खीरे को उगाना हो या फिर इसकी खेती करनी हो तो उर्वरक का चयन कैसे किया जाए.  विशेषज्ञों का कहना है कि खीरे के लिए ऐसे उर्वरकों का प्रयोग बेहतर रहता है जिसमें फॉस्‍फोरस और पोटेशियम की मात्रा ज्‍यादा हो और नाइट्रोजन कंटेंट बहुत कम हों.  खीरे के लिए उर्वरकों का प्रयोग करते समय इस बात का ध्‍यान रखना जरूरी है कि उसके पौधे की महत्‍वपूर्ण पोषक जरूरतें क्‍या हैं. 

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कैसा हो पौधे का भोजन 

सभी पौधों की तरह ही खीरे के पौधे को भी तीन प्राथमिक पोषक तत्‍वों की जरूरत पड़ती है, नाइट्रोजन, पोटेशियम और फॉस्‍फोरस. साथ ही कई और माइक्रोन्‍यूट्रिएंट्स भी इसके लिए जरूरी होते हैं. खीरे की कुछ पोषक जरूरतें काफी खास हैं जिसमें नाइट्रोजन सबसे अहम है. नाइट्रोजन  इसके पौधे को घना बनाता है. वहीं पोटेशियम फाल का विकास करता है और इसमें लगने वाली बीमारियों को भी रोकता है. डाइटीशियंस खीरे को एक पौष्टिक फल करार देते हैं. इसमें पानी की मात्रा 96 फीसदी तक होती है और बाकी फलों की तुलना में सबसे ज्‍यादा होती है. 

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खीरा खाने के फायदे 

खीरा खाने से ब्‍लड शुगर नियंत्रित रहती है, कब्ज की बीमारी नहीं होती है और साथ ही साथ वजन घटाने में काफी मदद मिलती है. कई लोग तो इसके फायदों का अधिकतम फायदा उठाने के लिए इससे छिलके समेत खाते हैं.  भारत में खीरा की खेती सबसे ज्‍यादा पश्चिम बंगाल में होती है. इसके बाद मध्‍य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, पंजाब, उत्‍तर प्रदेश, असम, आंध्र प्रदेश, महाराष्‍ट्र और ओडिशा का नंबर आता है. 

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