खरीफ सीजन की बुवाई का समय आ रहा है. इस सीजन में धान, बाजार, मक्का, शकरकंद, दालें, सब्जियों की खेती बड़े स्तर पर देशभर में की जाती है. खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई के लिए मौसम में बड़ा परिवर्तन भी देखने को मिलता है, क्योंकि जून-जुलाई में गर्मी के साथ बारिश का समय रहता है. ऐसे में किसानों को खेत से लेकर बीज, बुवाई, पशु संरक्षण, कृषि उपकरण के सही रखरखाव-देखरेख समेत कई तरह की कृषि संबंधी दिक्कतें सामने आती हैं. किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए कृषि मंत्रालय की ओर से हेल्पलाइन जारी की गई है और और हेल्पलाइन डेस्क बनाई गई है, जिसकी मदद से कृषि वैज्ञानिकों से सीधे किसान अपनी समस्या का हल हासिल कर सकते हैं. जबकि, कॉमन सर्विस सेंटर और वीएलई के जरिए भी किसान कृषि दिक्कतों का हल पा सकते हैं.
देश की आबादी का पेट भरने के लिए सबसे ज्यादा खेती यानी जरूरी फसलों की बुवाई रबी और खरीफ सीजन में किसान करते हैं. खरीफ सीजन की बुवाई जून-जुलाई में शुरू होगी. इसके लिए किसान अपने खेतों में फसल की बुवाई के लिए तैयारियों में जुटे हैं. ऐसे में किसानों की कृषि संबंधी समस्याएं दूर करने के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तहत सीएससी केंद्रों (सामान्य सेवा केंद्र) को किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए निर्देशित किया गया है. फसलों संबंधी मुश्किलों के लिए सीएससी पर किसानों के लिए टेली कम्यूनिकेशन सर्विस शुरू की गई है.
कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) के माध्यम से सामान्य सेवा केंद्रों (CSC) पर किसानों के लिए टेली-परामर्श दिया जाएगा. किसानों की समस्याएं दूर करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 14599 भी जारी किया गया है, जिस पर कॉल करके किसान सीधे कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिकों से बात कर सकते हैं. इसके साथ ही किसान अपनी समस्या को ई-मेल आइडी- helpdesk@csc.gov.in पर लिखकर भेज सकते हैं, जहां से किसानों को सवालों के जवाब मिल जाएंगे.
इसके साथ ही विलेज लेवल इंटरप्रेन्योरर यानी वीएलई (VLE) भी किसानों की मदद के लिए नियुक्त किए गए हैं. सीएससी अकादमी के अध्यक्ष और सचिव संजय के राकेश के अनुसार ग्रामीण भारत के विकास के लिए देशभर में 5.7 लाख से अधिक ग्राम स्तरीय उद्यमियों यानी विलेज लेवल इंटरप्रेन्योरर (VLE) दूरदराज के इलाकों में तेजी से काम कर रहे हैं. किसान अपने इलाके के वीएलई पर जाकर भी कृषि संबंधी समस्या का हल पा सकते हैं.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि देशभर में मार्च 2024 तक 5.85 लाख से ज्यादा CSC यानी सामान्य सेवा केंद्र हैं, इनमें से 4.72 लाख सीएससी केंद्र ग्रामीण इलाकों में स्थिति हैं, जो ग्रामीण भारत को डिजिटल इंडिया से जोड़ रहे हैं और किसानों, मजदूरों को सरकारी योजनाओं का लाभ ऑनलाइन तरीके से उपलब्ध करा रहे हैं. कॉमन सर्विस सेंटर यानी सीएससी पर जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस समेत सभी सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन समेत करीब दो दर्जन से ज्यादा सरकारी कार्यों की सेवाएं लोगों को दी जाती हैं.