गोबर से अब लोगों का घर महकेगा. अब आप अपनी घरों की पुताई गोबर से कर सकते है. क्योंकि अब बाजारों में मिलेगा गोबर से बना प्राकृतिक पेंट और पुट्टी. जिससे आप अपने घरों की पुताई केमिकल पेंट की जगह प्राकृतिक पेंट से कर सकेंगे. गोबर की महत्ता लोगों के जीवन में काफी समय से रही है. गाय के गोबर का इस्तेमाल अमूमन पूजा-पाठ के समय किया जाता है. लेकिन, अब गाय के गाेबर से बने पेंट से घरों की पूताई करने की तैयारी है. आइये जानते हैं कौन सा राज्य गोबर से बना प्राकृतिक पेंट और पुट्टी बनाने को लेकर काम कर रहा है और कितनी इस पेंट की कीमत है.
छत्तीसगढ़ में पशुधन के संरक्षण के लिए 9000 से अधिक गांवों में गौठानों की स्थापना की गई है. जिसमें से राज्य के 75 गौठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट और पुट्टी का निर्माण काफी तेजी से किया जा रहा है. गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने में मुख्य रूप से कार्बोक्सी मिथाइल सेल्यूलोज (सीएमसी) का उपयोग होता है. राजभानी रायपुर के समीप हीरापुर, जरवाय के गौठान में महिला समुहों द्वारा गोबर से प्राकृतिक पेंट और पुट्टी का निर्माण किया जा रहा है.
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इसे बनाने के लिए गाय के गोबर को डी वाटर कर्लिन मशीन में डाला जाता है और पानी मिलाकर घोल तैयार कर उसमें कई अन्य चीजें मिलाई जाती है. फिर उसे हाई स्पीड डिस्पेंसर मशीन में मिक्स किया जाता है. इसके बाद गोबर से बने पेंट और पुट्टी तैयार हो जाता है.
वैसे तो लोग आधुनिक जमाने में गोबर के महत्व को भूलते जा रहे हैं. लेकिन, वहां के लोगों का यह निर्माण फिर से लोगों को अपने घरों में प्राकृतिक और पुराने समय की याद दिलाएगा, जब हर घर में लोग अपने घरों की गोबर से पुताई करते थे. तो वहीं इस गोबर से बनी प्राकृतिक पेंट की कीमत 230 रुपये प्रति लीटर रखी गई है. जो मार्केट में मिलने वाली कंपनियों के पेट के कीमत से आधा है. गोबर से बने पेंट की क्वालिटी भी ब्रांडेड कम्पनी जैसा ही है. इसे बनाने के लिए हीरापुर जरवार गौठान में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए 25 लाख रुपए की मशीन लगाई गई है.
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