कृषि विभाग की पहल पर यूपी कृषि अनुसंधान परिषद ने मंगलवार को लखनऊ स्थित भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में एक कार्यशाला आयोजित की है. परिषद के महानिदेशक डॉ संजय सिंह ने बताया कि यूपी के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही एक दिवसीय कार्यशाला का आगाज करेंगे.
इसमें यूपी सहित अन्य राज्यों के कृषि विश्वविद्यालयों के 6 कुलपति, कृषि शोध पर गठित अंतरराष्ट्रीय समूह 'सीजीआईएआर' के 12 शोध संस्थान और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 17 संस्थान के निदेशक हिस्सा लेंगे. इस दौरान कृषि के क्षेत्र में इन सभी संस्थानों की शोध परक उपलब्धियों काे प्रस्तुत किया जाएगा. जिससे शोध आधारित तकनीकों का लाभ किसानों तक पहुंचाने के तरीकों की रूपरेखा तय की जा सके.
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डाॅ सिंह ने बताया कि इस कार्यशाला का आयोजन यूपी कृषि अनुसंधान परिषद ने हैदराबाद स्थित इंटरनेशनल क्रॉप रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर सेमी एरिड एंड ट्रापिक्स (इक्रीसेट), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं लखनऊ स्थित भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के साथ मिलकर 25 अप्रैल को किया है. उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य सीजीआईएआर के संस्थानों द्वारा विकसित तकनीकों के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने की रणनीति को अंतिम रूप देना है.
उन्होंने बताया कि कार्यशाला में सीजीआईएआर के नजरिए से यूपी में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा की जाएगी. जिससे प्रदेश की भावी कृषि नीति को तैयार करने में मदद मिल सकेगी.
डॉ सिंह ने बताया कि इस कार्यशाला में यूपी के कृषि मंत्री के अलावा खेती किसानी से जुड़े सभी विभागों के मंत्री शिरकत करेंगे. इसके साथ ही भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व महानिदेशक डा. पंजाब सिंह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आर्थिक सलाहकार डा के वी राजू, इक्रीसेट के उप महानिदेशक (अनुसंधान) डॉ अरविंद कुमार सहित अन्य वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक भी कार्यशाला में मौजूद रहेंगे.
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डॉ सिंह ने बताया कि कार्यशाला में किसानों को उन्नत बीज मुहैया कराने की मौजूदा व्यवस्था को व्यापक बनाने से जुड़े तमाम पहलुओं पर विस्तार से चर्चा होगी. उन्होंने बताया कि योगी सरकार ने किसानों को गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध कराने हेतु इन संस्थानों से उन्नत बीज प्राप्त करने की व्यवस्था की है. इसके तहत कृषि विज्ञान केन्द्रों व एफपीओ के माध्यम से बीज उत्पादन कर प्रसंस्कृत बीज को बीज विकास निगम द्वारा खरीदा जाएगा.
उन्होंने बताया कि इस कड़ी में कानपुर स्थित भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान से दलहनी फसलों के बीज प्राप्त करने के लिए एमओयू कर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. इसी प्रकार वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान से भी गुणवत्तायुक्त बीजों को उत्पादित कर किसानों को उपलब्ध कराने के लिए एमओयू किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि गन्ने की भी गुणवत्तायुक्त बड का उत्पादन कर किसानों को उपलब्ध कराने के लिए भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के सहयोग से काम शुरू कर दिया गया है. इसके तहत शाहजहांपुर स्थित यूपी गन्ना शोध परिषद के सहयोग से कृषि विज्ञान केन्द्र एवं एफपीओ से गुणवत्तायुक्त गन्ने की बड का उत्पादन कराते हुये किसानों को इसे सुगमता से उपलब्ध कराई जा सकेगी.