ट्रैक्टर खरीदते वक्त किसान कई बातों को ध्यान में रखते हैं जिससे वो सही चुनाव कर सकें. हालांकि ट्रैक्टर की जरूरत अलग अलग तरह के काम के लिए होती है और किसान भी इन फैक्टर को ध्यान में रखते हुए ट्रैक्टर खरीदते हैं. ट्रैक्टर का सबसे ज्यादा प्रयोग खेती के काम में होता है और उसमें भी छोटे किसान, मध्यम या बड़े किसान की केटेगरी होती है. कई किसान अपने खेत के काम के अलावा ट्रैक्टर किराये पर चलाकर भी उससे पैसा कमाते हैं या फिर कमर्शियल या कंस्ट्रक्शन साइट पर ईंट, मिट्टी समेत कई तरह का माल ढोने के काम आता है.
मार्केट में तो 20HP से लेकर 80HP तक के ट्रैक्टर मिल जायेंगे लेकिन उनकी जरूरत स्पेसिफिक होती है यानी कम लोग उनको खरीदते हैं. ट्रैक्टर मार्केट में 40-50HP के सेगमेंट का बोलबाला है और ज्यादातर लोग इसी रेंज के ट्रैक्टर खरीदते हैं. 40-50HP वाले ट्रैक्टर की कीमत 5 लाख रुपये से शुरू है और 9 लाख रुपये तक जाती है. इस रेंज के ट्रैक्टर 2 in 1 हैं यानी इनसे खेती के सभी काम भी होंगे और कमर्शियल यूज के लिए भी ये एकदम परफेक्ट हैं. 40-50HP के ट्रैक्टर का मार्केट शेयर 50% से भी ज्यादा है और इसलिए ज्यादातर ट्रैक्टर कंपनी इस रेंज के ट्रैक्टर में कई तरह के मॉडल और वेरियेंट बनाती हैं.
ट्रैक्टर खरीदते वक्त किसान को कीमत या ब्रांड वैल्यू किस पर ध्यान देना चाहिए ये सवाल जरूर दिमाग में आता है. इसका जवाब ये है कि अगर पहले से कोई ट्रैक्टर जांचा परखा हुआ है और उसकी परफॉर्मेंस से संतुष्ट हैं तो अगली बार वही ट्रैक्टर खरीद सकते हैं लेकिन पिछले ट्रैक्टर की परफॉर्मेंस से खुश नहीं तो दूसरा ब्रांड ट्राई करना चाहिए. जो बजट आपने बनाया है उस रेंज में 2-3 ट्रैक्टर का ट्रायल जरूर करें. ब्रांड वैल्यू भले ना देखें लेकिन आफ्टर सर्विस बेहद जरूरी है. कई बार एक ही HP में 2 ट्रैक्टर की कीमत में काफी अंतर हो सकता है लेकिन हो सकता है कि सस्ते ट्रैक्टर की परफॉर्मेंस उतनी अच्छी ना हो या कोई खराबी आने पर जल्दी सर्विस ना हो. वहीं ये भी संभव है कि एक जैसी क्षमता वाले ट्रैक्टर में ब्रांड की वजह से उस मॉडल की कीमत ज्यादा हो सकती है जबकि परफॉर्मेंस में वो सस्ते ट्रैक्टर जैसा ही हो.