आईआईटी कानपुर ने एक ऐसा मिट्टी परीक्षण उपकरण बनाया है, जिसके माध्यम से किसान फसल बोने से पहले अपने खेत की क्षमता का अंदाजा लगा सकेंगे. यह किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होगा. इस उपकरण को 'भू परीक्षा-2' नाम दिया गया है. हालांकि, इसे अभी बाजार में नहीं उतारा गया है. किसानों के लिए मिट्टी परीक्षण का काम बहुत अहम होता है क्योंकि उससे मिट्टी के पोषक तत्वों के बारे में पूरी जानकारी मिल जाती है. इसी आधार पर किसान अपने खेत में फसल की बुवाई से लेकर खाद आदि के इस्तेमाल का फैसला लेते हैं.
इस डिवाइस में मिट्टी डालते ही यह 2 मिनट में 12 पोषक तत्वों की जांच कर अपनी रिपोर्ट दे देगी. आईआईटी केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. जयंत कुमार सिंह ने बताया कि इस पर काम लगभग पूरा हो चुका है. अब इसे 2025 तक बाजार में उतारने की तैयारी है. फिलहाल छह पोषक तत्वों की जांच करने वाली आईआईटी कानपुर की भू-परीक्षा-1 डिवाइस बाजार में है और कई राज्यों के किसान इसका लाभ उठा रहे हैं.
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प्रो. जयंत ने बताया कि ये डिवाइस काफी उन्नत है. यह न सिर्फ खेतों की मिट्टी की सेहत बताएगी, बल्कि मिट्टी में क्या कमी है और क्या अधिकता है, इसकी पूरी रिपोर्ट भी देगी, जिससे फसलों को दिक्कत आ रही है. यह डिवाइस मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए सिर्फ 2 मिनट में अपनी रिपोर्ट दे देगी.
मिट्टी की जांच कराए बिना फसल उगाने वाले किसानों को कई बार बहुत नुकसान उठाना पड़ता है. उन्हें नहीं पता कि इस जमीन पर खेती कैसे होगी? मिट्टी उपजाऊ है या नहीं? ऐसे में फसल खराब होने का खतरा ज्यादा रहता है. इसे देखते हुए यह डिवाइस किसानों के लिए बहुत मददगार साबित होगी क्योंकि उन्हें बुवाई से पहले मिट्टी की पूरी डिटेल्स मिल जाएगी.
प्रो. जयंत कुमार सिंह ने बताया कि भू-परीक्षा-1 और भू-परीक्षा-2 डिवाइस में बहुत अंतर है. भू-परीक्षा-1 में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, ईसी, ऑर्गेनिक कार्बन, मिट्टी की मात्रा के बारे में ही जानकारी मिलती है. अब भू-परीक्षा-2 डिवाइस इन जांचों के अलावा जिंक, मैंगनीज, कॉपर, सल्फर, बोरॉन और आयरन के बारे में भी बताएगी. इसके अलावा यह भी रिपोर्ट देगी कि कौन सी मिट्टी किस फसल के लिए ज्यादा उपयोगी है.
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प्रो. जयंत ने कहा कि भू-परीक्षा-1 डिवाइस उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, जम्मू, महाराष्ट्र के किसानों के लिए बहुत अच्छी साबित हुई है. अफ्रीका, फिलीपींस, नेपाल, अफगानिस्तान में भी इस डिवाइस की मांग है. भू-परीक्षा-1 जहां एक लाख रुपये में उपलब्ध है, वहीं अब भू-परीक्षा-2 डेढ़ लाख लोगों तक को उपलब्ध होगी.(सिमर चावला की रिपोर्ट)