सब्जियों की खेती के लिए ठट्टर तकनीक है बहुत काम की, कम नुकसान और ज्यादा मुनाफा, देखें PHOTOS

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सब्जियों की खेती के लिए ठट्टर तकनीक है बहुत काम की, कम नुकसान और ज्यादा मुनाफा, देखें PHOTOS

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देश के किसान खेती-किसानी में बहुत सी ऐसी तकनीक और देसी जुगाड़ करते हैं जिससे कि उनकी फसल का अच्छा उत्पादन हो सके. वहीं फसल को नुकसान भी न पहुंचे और उन्हें अच्छा मुनाफा भी हो. आइए जानते हैं कौन सी वो तकनीक है.

 

 

 
 

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सब्जी की खेती के लिए प्रयोग होने वाली ठट्टर तकनीक जो आज भी गांव देहात में देखने को मिलती है. इसको किसान कम खर्चे में अपने खेतों में प्रयोग कर अच्छा उत्पादन ले सकते हैं. इस तकनीक से किसान लत्तर वाली सब्जियों की खेती करते हैं.

 

 

 

 

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ठट्टर तकनीक बेल वाली सब्जियों जैसे लौकी, खीरा और करेला के लिए उपयुक्त मानी जाती है. इसमें बांस की ठट्टर की मदद से खेत में सब्जियों की बेल को चढ़ाया जाता हैं. इस तकनीक से फसल का नुकसान कम होता है.

 

 

 

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इस तरह से खेती करने से सीजन में या बिना सीजन के भी यानी दोनों मौसम में इस तरह की सब्जियां बंपर उपज देती हैं. आप अगर भी करेले की खेती करते हैं, तो इस तकनीक से उत्पादन बढ़ा सकते हैं.

 

 

 

 

 

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ये तकनीक पूरी तरह से वैज्ञानिक तरीका है जिसका फायदा किसान उठा रहे हैं. इन दिनों गांव के किसानों में ठट्टर तकनीक का काफी प्रचलन है. क्योंकि यह बेल वाली सब्जियों के लिए बेहद कारगर माना जाता है.

 

 

 

 

 


 

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ठट्टर तकनीक से खेती करने से फसल सुरक्षित रहती है. क्योंकि फसलों में किसी प्रकार का रोग या कीट लगने पर दवाइयां छिड़कने में भी बेहद आसानी होती है. वहीं इस तकनीक से फसल की क्वालिटी और पैदावार दोनों में बढ़ोतरी होती है.जिससे किसानों को काफी फायदा होता है.