पटना के कृषि भवन में मकर संक्रांति के अवसर पर 'मकर संक्रांति की नई उड़ान, ड्रोन लाए किसानों के लिए समृद्धि का वरदान' के स्लोगन के साथ दो दर्जन से ज्यादा ड्रोन को उड़ाया गया. इस अवसर पर किसान जीविका दीदियों ने बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय के साथ ड्रोन उड़ाया. वहीं बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने इस मौके पर कहा कि नमो दीदी योजना के तहत ड्रोन के लिए देश में 1261 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है. 2025 और 2026 के कृषि कैलेंडर के हिसाब से 14500 समूहों को सब्सिडी की दर पर ड्रोन दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि बिहार में भी 101 अनुमंडलों में एक-एक ड्रोन दिया जाएगा. इसका फायदा बिहार के किसान उठा सकते हैं.
इस ड्रोन के माध्यम से किसान खाद, कीटनाशक, मछली का चारा तालाब में हर जगह ऊपर से ही डाल सकते हैं. साथ ही इसकी मदद से अब तालाबों में मछली की गिनती भी की जा सकती है. अगर किसान खुद का ड्रोन खरीदना चाहेंगे तो उन्हें सरकार अधिकतम 60 प्रतिशत सब्सिडी देगी. और जो किसान सरकारी ड्रोन से लाभ उठाना चाहेंगे उनको भी शुल्क में से 240 रुपया सरकार देगी.
कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कृषि भवन परिसर में खेती से जुड़े काम में ड्रोन की उपयोगिता के प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने की. कार्यक्रम में छः जिला पटना, सिवान, सारण, भोजपुर, वैशाली और नालंदा के सैकड़ों प्रगतिशील किसान, पटना जिला के 100 से अधिक जीविका दीदियों और इफको के माध्यम से प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया.
पांडेय ने कहा कि विश्व आधुनिकीकरण की ओर तेजी से बढ़ रहा है. कृषि क्षेत्र में भी नवीनतम तकनीकों का उपयोग किसानों के उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि के लिए किया जा रहा है, जिससे भारतीय कृषि में तेजी से प्रगति हुई है. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत 2024-25 में सभी 101 अनुमंडलों में एक-एक कृषि ड्रोन की खरीद पर सरकार की ओर से 60 प्रतिशत या अधिकतम 3.65 लाख रुपये सब्सिडी की व्यवस्था की गई है. योजना के तहत निर्धारित छिड़काव शुल्क का 50 प्रतिशत या अधिकतम 240 प्रति एकड़ सहायता सब्सिडी दी जाएगी.
किसानों के बीच ड्रोन तकनीक तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. कीटनाशकों के प्रयोग में ड्रोन का उपयोग करने की असीम संभावनाएं हैं, ड्रोन से फसलों पर सटीक मात्रा में पौधा संरक्षण रसायनों और उर्वरको का छिड़काव किया जा सकता है. केंद्र सरकार की ओर से नमो ड्रोन दीदी योजना अंतर्गत जीविका के महिला समूहों को 201 ड्रोन बांटने की योजना है. केंद्र सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए नमो ड्रोन दीदी योजना के लिए 1261 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है.
पांडेय ने कहा कि ड्रोन तकनीक पारंपरिक खेती के तरीकों को बदलकर किसानों को निरंतर स्मार्ट खेती की ओर ले जा रही है. नवीनतम तकनीक से भारतीय कृषि में तेजी से प्रगति हुई और किसानों द्वारा प्रौद्योगिकियों से लाभ हुआ. इस तकनीक से मिट्टी और कृषि योग्य भूमि का विश्लेषण किया जा सकता है. लगातार फसलों की निगरानी की जा सकती है. ड्रोन के जरिए इंसान को कम मेहनत लगेगी. डेटा जुटाने और कृषि उत्पादों के प्रयोग में ड्रोन की मदद से नए सेवा मॉडल विकसित किए जा सकते हैं. अब महिलाएं भी ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण प्राप्त कर योगदान दे रही हैं.
बिहार के कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत पोपुलराइजेसन ऑफ एरियल स्प्रे ऑफ पेस्टीसाइड एंड लिक्विड फर्टिलाइजर बाई ड्रोन इन पीपीपी मोड योजना चलाई जा रही है. इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में राज्य के सभी 101 अनुमंडलों में एक-एक कृषि ड्रोन की व्यवस्था सब्सिडी दर पर की जाएगी.
इस कार्यक्रम में रोहतास जिले की महिला ड्रोन पायलट जूही कुमार ने कहा कि वे पहली ड्रोन पायलट हैं और इसके जरिये दवाई, खाद और मछली छिड़काव किया जा सकता है. इससे किसानों को काफी लाभ होता है. सरकार की इस योजना से अब किसान फायदा उठाने लगे हैं. उनकी आय में वृद्धि होती है और खेती के काम में खर्च भी कम होता है.