पूर्वी विदर्भ में लोकसभा चुनाव के पहले चरण के पूरा होने के बाद अब सभी की निगाहें आठ निर्वाचन क्षेत्रों - अकोला, अमरावती, बुलढाणा, वर्धा, यवतमाल-वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी पर हैं. यहां पर 26 अप्रैल को दूसरे चरण में चुनाव होंगे. इनमें से पांच सीटें पश्चिमी विदर्भ और तीन मराठवाड़ा से हैं. अमरावती, अकोला, बुलढाणा, वर्धा और यवतमाल-वाशिम सहित पश्चिमी विदर्भ के उम्मीदवारों के बीच रणनीतिक जातिगत आधार पर एक-दूसरे से मुकाबला होने की संभावना है.
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, खैरलांजी हत्याकांड एक दशक से भी ज़्यादा समय बाद भी पश्चिमी विदर्भ में दलित मतदाताओं को प्रभावित करता है. एनसीपी के अजित पवार खेमे के एक सीनियर लीडर के अनुसार अमरावती लोकसभा क्षेत्र बौद्ध और गैर-बौद्ध आधार पर विभाजित है. अमरावती में कांग्रेस ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुई मौजूदा सांसद नवनीत कौर राणा के खिलाफ अंबेडकरवादी सामाजिक कार्यकर्ता बलवंत वानखेड़े को मैदान में उतारा है.
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महायुति गठबंधन के सहयोगी बच्चू कडू की अगुवाई वाली प्रहार जनशक्ति पार्टी के दिनेश बूब ने बीजेपी उम्मीदवार नवनीत राणा के खिलाफ बगावत कर दी है. इस बीच, अमरावती से एकनाथ शिंदे गुट का प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल नवनीत राणा के साथ मुकाबले के लिए तैयार हैं. अकोला में वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर की नजर मुस्लिम मतदाताओं पर है. मुस्लिम वोटर्स इस संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं का करीब 20 फीसदी हैं. बीजेपी के अनूप धोत्रे और कांग्रेस के अभय पाटिल, दोनों मराठा उम्मीदवार, त्रिकोणीय मुकाबले में हैं. मौजूदा सांसद संजय धोत्रे के बेटे अनूप धोत्रे की वंशवादी राजनीति के लिए आलोचना की जा रही है.
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वहीं अभय पाटिल कांग्रेस के लिये वफादार पारंपरिक अल्पसंख्यक मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. बुलढाणा और यवतमाल-वाशिम में शिवसेना में विभाजन के बाद शिंदे सेना और यूबीटी सेना के बीच पहली बार चुनावी लड़ाई होगी. बुलढाणा में एकनाथ शिंदे गुट का प्रतिनिधित्व करने वाले निवर्तमान सांसद प्रतापराव जाधव को यूबीटी सेना के नरेंद्र खेडेकर से चुनौती मिल रही है, जो पूर्व जिला परिषद प्रमुख और उद्धव के वफादार हैं. स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के रविकांत तुपकर और वंचित बहुजन अघाड़ी के वसंत मगर ने इस मुकाबले को चतुष्कोणीय बना दिया है.
बंजारा और कुनबी समुदायों के प्रभुत्व वाले यवतमाल-वाशिम में, शिवसेना की पांच बार की सांसद भावना गवली को टिकट नहीं दिया गया है और उनका मुकाबला यूबीटी सेना के संजय देशमुख से है. वर्धा सीट पर मौजूदा सांसद बीजेपी के रामदास तड़स लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करने के लिए तैयार हैं. हालांकि, कांग्रेस से एनसीपी के शरद पवार खेमे में शामिल हुए तीन बार के विधायक अमर काले बीजेपी के तड़स को चुनौती दे रहे हैं.