मोदी 3.0 कैबिनेट में अमित शाह ने ली शपथ, दूसरी बार संभालेंगे केंद्रीय मंत्री का पद

मोदी 3.0 कैबिनेट में अमित शाह ने ली शपथ, दूसरी बार संभालेंगे केंद्रीय मंत्री का पद

नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्रपति भवन में तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. जवाहरलाल नेहरू के बाद वे दूसरे ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने लगातार तीसरी बार पीएम पद की शपथ ली है. मोदी कैबिनेट में अमित शाह ने मंत्री के रूप में शपथ ली. उनसे पहले राजनाथ सिंह ने शपथ ली.

क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jun 09, 2024,
  • Updated Jun 09, 2024, 9:04 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्रपति भवन में तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. यह उनका लगातार तीसरा कार्यकाल है. जवाहरलाल नेहरू के बाद पीएम मोदी दूसरे नेता हैं जो लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं. पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में अमित शाह ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली. अभी उनका मंत्रालय साफ नहीं है. अमित शाह ने राजनाथ सिंह के बाद पद और गोपनीयता की शपथ ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अमित अनिलचंद्र शाह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ दिलाई.

पीएम मोदी के बाद राजनाथ सिंह और उसके बाद अमित शाह ने मंत्री पद की शपथ ली. 59 साल के अमित शाह पार्टी के कद्दावर नेता और खास रणीतिकार हैं. अमित शाह पिछली सरकार में गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री का पद संभाल चुके हैं. 

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इस बार के चुनाव में अमित शाह ने गुजरात के गांधीनगर सीट से चुनाव लड़ा और बहुत बड़े अंतर से जीत हासिल की. उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस उम्मीदवार सोनल पटेल को 744716 वोटों के अंतर से हराया. शाह को जहां 1010972 वोट मिले वहीं सोनल पटेल को मात्र 266256 वोट हासिल हुए.

शाह का सियासी सफर

2019 के लोकसभा चुनाव में भी अमित शाह ने गांधीनगर से बड़े अंतर से जीत हासिल की थी. पिछले चुनाव में शाह ने 557014 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. गांधीनगर सीट वही है जहां से बीजेपी के कद्दावर नेता एलके अडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी चुनाव जीत चुके हैं.

पिछली सरकार में अमित शाह की उपलब्धियों की बात करें तो उसमें सबसे बड़ा काम धारा 370 का उन्मूलन है. इसी के साथ अमित शाह ने सिटीजनशिप एक्ट को पारित कराने में भी बड़ी भूमिका निभाई. इसे एनआरसी के नाम भी जानते हैं जिसमें पड़ोसी देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है.

अमित शाह 2014 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए थे और 2020 तक इस पद पर बने रहे. अमित शाह ने 16 साल की उम्र में राजनीति शुरू की और 19080 में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जॉइन की. इसी बीच वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से जुड़ गए. 1982 में अमित शाह को गुजरात यूनिट के अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् का सेक्रेटरी बनाया गया था.

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1984 में उन्होंने नारायणपुर वार्ड के संघवी बूथ के लिए पोलिंग एजेंट के तौर पर भी बीजेपी के लिए काम किया. 1987 में अमितभाई अनिलचंद्र शाह बीजेपी के युवा मोर्चा में शामिल हो गए. 1989 में अमित शाह बीजेपी की अहमदाबाद इकाई के सचिव बने. 1997 में शाह को भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बनाया गया. उसी साल सरखेज विधानसभा उपचुनाव में पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया और वे 25,000 वोटों से जीतकर पहली बार विधायक बने. तब से अमितभाई अनिलचंद्र शाह 2012 तक हर विधानसभा चुनाव जीतते रहे और प्रत्येक चुनाव में उनकी जीत का अंतर बढ़ता गया.

दूसरी बार बने मंत्री

1998 में वे गुजरात बीजेपी के प्रदेश सचिव बने और एक साल के भीतर ही उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दे दी गई. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात में 2002 के विधानसभा चुनाव में पहली बार आयोजित गौरव-यात्रा में शाह को पार्टी ने अहम जिम्मेदारी दी. गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज की और अमितभाई अनिलचंद्र शाह सरकार में मंत्री बने. 2014 के चुनाव में जब बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया तो अमित शाह को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाकर भेजा गया. 9 जुलाई 2014 को शाह को बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. उनका पहला कार्यकाल 2020 तक चला. 2019 में दोबारा सत्ता में आई मोदी सरकार में शाह गृह मंत्री बने.(ANI)

 

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