उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में बारिश नहीं होने के चलते सूखे के संकट का डर किसानों को सताने लगा है. किसान परेशान और हताश है. धान के खेतों में दरारें पड़ चुकी हैं और किसान बादल की तरफ टकटकी लगाए बैठा है कि इंद्र भगवान कब प्रसन्न होंगे और बारिश होगी. किसान इंतजार में बैठा है कि उसकी फसल लहलहाएगी, लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है. किसानों का कहना है कि धान की रोपाई में जितना पैसा उन्होंने लगाया है, वह सब डूब गया है. धान के पौधे जल गए हैं. कुछ किसान अपने निजी पंपिंग सेट इंजन चलाकर धान की सिंचाई कर उसे जिंदा करने की जद्दोजहद में लगे हैं.
पूरे देवरिया जिले के किसानों का कहना है कि पिछले डेढ़ महीने से जिले में बारिश नहीं होने से धान के खेतों में दरार आ चुकी है. ऐसे में सरकार से यही मांग है कि सरकार जनपद को सूखा घोषित करे और किसानों को मुआवजा दे. इस पूरे मामले पर जिला कृषि अधिकारी मृत्युंजय सिंह ने बताया कि प्रदेश के सात जिले अति कम वर्षा वाली श्रेणी में आते हैं. उनमें देवरिया जनपद भी है.
देवरिया जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि एक लाख पैंतीस हज़ार हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती हुई है. बताया जा रहा है कि बारिश की संभावना है. यदि आगे दस दिन बारिश नहीं होती है तो यह क्षेत्र सूखा प्रभावित होगा. खेतों में दरारें पड़नी शुरू हो गई हैं. यदि बारिश होती है तो फसल बच जाएगी, नहीं तो सूखा पड़ जाएगा. जनपद में 308 मिलीमीटर बारिश अभी तक हो जानी चाहिए थी, लेकिन मात्र 120.2 मिलीमीटर ही बारिश हुई है.
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देवरिया के एक किसान फेकू ने बताया कि उन्होंने दो बीघा में धान की रोपाई की है. अभी तक बारिश नहीं हुई है जिससे पूरा खेत सूख गया है. रोपाई में जितना लागत लगी थी, वह सब डूब गया है. किसान फेकू कहते हैं कि भगवान का इंतज़ार है कि कहीं से बारिश हो. सरकार से मदद की आस है ताकि किसानों को कुछ राहत मिल सके. एक महिला किसान दासमती ने कहा कि सब धान सूख गया है. ऐसे में अब क्या खाएंगे और कहां से खाएंगे. दासमती ने कहा कि उन्होंने सोलह कट्ठा में धान की रोपाई की थी. सरकार से मांग है कि हमें फसल मुआवजा दिया जाए ताकि कुछ राहत मिले.
किसान ओम प्रकाश यादव ने कहा कि अभी बहुत बुरा हाल है. खेतों में पानी चलाना पड़ रहा है. भयंकर सूखा पड़ गया है. डेढ़ महीने हो गए बारिश नहीं हुई. किसान पंपिंग सेट से पानी चला चला कर धान को जिंदा रख रहे हैं. यहां तक कि कई किसानों के पंपिंग सेट खराब हो गए हैं.
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दूसरी ओर जिला कृषि अधिकारी मृत्युंजय सिंह ने कहा कि देवरिया जनपद में कुल एक लाख 69 हज़ार हेक्टेयर पर खेती हुई है जिसमें एक लाख 35 हज़ार हेक्टेयर पर धान की खेती हुई है. बारिश की कम संभावना है. 10 दिन बारिश नहीं होती है तो पूरा इलाका सूखा प्रभावित होगा. खेतों में दरारें पड़नी शुरू हो गई हैं. यदि वर्षा होती है तो फसल बच जाएगी. अगर 10 दिन बरसात नहीं होती है तो सूखा पड़ जाएगा. पूरे जनपद में 308 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन 120.2 मिलीमीटर बारिश अभी तक हुई है.