यूपी में खेती-पशुपालन और FPO के जरिए प्रगतिशील किसान बदल रहे किस्मत, पढ़िए टिप्स

यूपी में खेती-पशुपालन और FPO के जरिए प्रगतिशील किसान बदल रहे किस्मत, पढ़िए टिप्स

Success Farmer Story: जनपद हरदोई के किसान अभिषेक द्विवेदी द्वारा नेच्युरल फार्मिंग फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के 1500 सदस्यों के माध्यम से औषधीय पौधों की खेती के साथ-साथ फूलों की खेती एवं सब्जी उत्पादन का कार्य किया जाता है.

अगर मन में जज्बा हो तो हर मुश्किल काम आसान हो सकता है (Photo Credit-Kisan Tak)अगर मन में जज्बा हो तो हर मुश्किल काम आसान हो सकता है (Photo Credit-Kisan Tak)
नवीन लाल सूरी
  • Lucknow,
  • Oct 27, 2024,
  • Updated Oct 27, 2024, 10:23 AM IST

उत्तर प्रदेश में खेती-बाड़ी के जरिए कई किसानों की किस्मत बदल चुकी है. इसी कड़ी में पहला नाम आता है सीतापुर के किसान प्रदीप चौहान का, जो खेती के साथ पशुपालन को बढ़ावा देकर हर साल मोटी कमाई कर रहे हैं. प्रदीप ने बताया कि दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हेतु कृषि एवं पशुपालन दोनों को एक साथ बढ़ावा देना होगा, जिसके लिये प्रत्येक तहसील स्तर पर एक-एक दुग्ध कलेक्शन एवं चिलिंग सेंटर बनवाने के साथ ही पुराने पशु हाट/बजारों को दोबारा चालू करने की पहल की. जबकि जनपद लखीमपुर के किसान राम नरेश ने बताया गया कि मेरे द्वारा पशुपालन से दुग्ध उत्पादन कर प्रतिदिन 40 ली दूध की बिक्री की जाती है. तथा मेरे द्वारा साल भर सब्जी, मसाले स्वयं उगाकर प्रयोग में लाया जाता है इसके अतिरिक्त पूर्व में मछली पालन कर मात्र 40 से 60 हजार रुपये प्रतिवर्ष ही बचा पाता था परंतु जबसे कृषि विभाग की पीएम कुसुम योजना के अन्तर्गत सोलर पंप लगवाया है तब से प्रतिवर्ष 2 लाख रुपये की बचत हो जाती है.

वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार करके मोटी कमाई

साथ ही अपने खेतों में यूरिया एवं डीएपी पर होने वाले खर्च को भी 100 प्रतिशत बच जाता है. क्योंकि मेरे द्वारा केंचुआ पालन कर वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जाता है, जिसका प्रयोग हम अपने खेतों में करते है इसके अतिरिक्त बची हुई लगभग 350 कुवर्मी कंपोस्ट प्रतिवर्ष बेचकर आय बढ़ा रहा हूं. वहीं रायबरेली के प्रगतिशील किसान अमरेन्द्र बहादुर सिंह ने अपने एफपीओ के 700 सदस्यो के 20-20 किसानों के 35 फार्मर इन्ट्रैस्ट ग्रुप बनाकर तथा नमामि गंगे योजना के माध्यम से मिलेट्स एवं जैविक खेती का उत्पादन कर एक मोबाइल वैन के माध्यम से उत्पादों का कालोनियों में बिक्री करते है.

मिलेट्स के उत्पाद की बिक्री

उन्होंने कहा कि एफपीओ के माध्यम से तैयार किये गये मिलेट्स के उत्पादों को आस पास के विद्यालयों में सप्ताह में एक दिन मिलेट्स रेसिपी को मिड डे मील के रूप में बच्चों खिलाये जाने हेतु सुझाव दिया गया. जनपद उन्नाव से अरविन्द कुमार द्वारा बताया गया कि मेरे पास मात्र 1.5 एकड़ भूमि है जिसमे आज के समय में मेरे द्वारा सब्जियों एवं श्री अन्न मिलेट्स की खेती की जाती है जबसे मेरे द्वारा केचुआ पालन कर वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जाने लगा जिसका प्रयोग कर उर्वरकों पर होने वाले व्यय को कम कर लिया गया है साथ ही सोलर पंप लगाये जाने से सिंचाई व्यवस्था सुनिश्चित होने से लागत कम मुनाफा ज्यादा हो गया है.

औषधीय पौधों के साथ-साथ फूलों की खेती

जनपद हरदोई के किसान अभिषेक द्विवेदी द्वारा नेच्युरल फार्मिंग फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के 1500 सदस्यों के माध्यम से औषधीय पौधों की खेती के साथ-साथ फूलों की खेती एवं सब्जी उत्पादन का कार्य किया जाता है. इसके अतिरिक्त शहद एवं मिलेट्स उत्पादन के क्षेत्र में भी प्रशिक्षण एवं बढ़ावा देने का काम कर रहे है. उन्होंने कहा कि अगर मन में जज्बा हो तो हर मुश्किल काम आसान हो सकता है.

मिलेट्स स्टोर की स्थापना

लखनऊ के निराला हर्बल बायो एनर्जी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के निदेशक हेमंत निराला द्वारा लखनऊ जनपद में मिलेट्स स्टोर की स्थापना हेतु लक्ष्य की मांग की गयी. एफपीओ के द्वारा कृषकों के कृषि उत्पादों यथा गेहूं, धान एवं मिलेट्स बीजों की प्रोसेसिंग की जाती है साथ ही आटा, चोकर, बेसन, जौ, बाजरा, ज्वार, रागी, कोदो, सावां का आटा एवं मल्टीग्रेन आटा तैयार कर ऑनलाइन मार्केटिंग की जाती है. साथ ही कई किसान पपीते की खेती में आगे बढ़े हैं जिससे उन्हें भविष्य में अच्छी कमाई की उम्मीद जगी है.

फास्फेटिक उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध

मामले में उप कृषि निदेशक लखनऊ अनिल कुमार यादव ने बताया कि लखनऊ जनपदों में फास्फेटिक उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. अतः कृषकों को डीएपी के अतिरिक्त एनपीके एवं सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरकों का बुवाई के समय प्रयोग करने की सलाह दी.

 

 

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